स्टेशन परिसर के बाहर यात्रियों के लिए नहीं है कोई सुलभ काम्प्लेक्स, खुले में गंदगी से लोग परेशान
अनूपपुर
अमृत भारत एवं गतिमान योजना के तहत अनूपपुर जंक्शन स्टेशन के नवीनीकरण का कार्य नौ दिन चले अढ़ाई कोश की तरह चल रहा है।बड़ी-बड़ी दिवाले खड़ी कर दी गई है।प्लेटफॉर्म ऊंचे कर दिए गए, पैदल पुल की व्यवस्था 4 वर्षों बाद भी आधी अधूरी है। यात्रियों को लंबे पुल से लंबा सफर करना पड़ता है। जिससे वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों, महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
स्टेशन परिसर का इलाका बढ़ा दिया गया लेकिन सामान्य यात्रियों के लिए किसी तरह का सुलभ काम्प्लेक्स का निर्माण नहीं कराया गया।जिससे यात्रियों के साथ ही महिला यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला विकास मंच के संयोजक वासुदेव चटर्जी एडवोकेट ने कई बार रेलवे महाप्रबंधक एवं रेलवे प्रबंधक को पत्र लिखकर मांग की कि अनूपपुर स्टेशन परिसर के बाहर सुलभ काम्प्लेक्स (पे एंड यूज) का निर्माण कर दिया जाए। लेकिन उनके कान में जू तक नहीं रेंग रही हैं। जिससे यात्री काफी परेशान है।
अनूपपुर स्टेशन के बाहर परिसर का क्षेत्रफल बढ़ा दिया गया है।कुछ दिन रेलवे सुरक्षा बल स्टेशन परिसर के अंदर पेशाब करने वालों पर काफी कड़ाई की एवं जुर्माना भी वसूला।लेकिन धीरे-धीरे वह कड़ाई भी बंद हो गई। पूरे परिसर क्षेत्र में लोगों का निकलना भी दुर्भर हो गया। लोग अपने नाक को बंद कर उस क्षेत्र से निकलते हैं। स्टेशन परिसर के बाहर शौचालय की व्यवस्था न होना एक गंभीर समस्या है,जिससे यात्रियों और आस-पास के लोगों को परेशानी और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ता है।
सुलभ काम्प्लेक्स नहीं होने से कई बार लोग बच्चों को खुले में शौच करा देते हैं और पेशाब करने वालों की बात ही ना करें उन्हें जहां मिला वहां कर के चल दिए। लेकिन उस स्थल से निकालने वालों को नाक बंद कर निकालना पड़ता है इसे देखने वाला कोई नहीं है। रेलवे स्टेशन परिसर में बाहर की दिशा में सुलभ काम्प्लेक्स नहीं होने से लोग मजबूर हैं शौच एवं पेशाब करने के लिए।जिससे परिसर और आस-पास का इलाका बेहद गंदा हो जाता है। स्टेशन के अंदर प्लेटफार्म पर आम नागरिकों के लिए पूर्व में व्यवस्था थी लेकिन वहां भी निर्माण होने के कारण वह भी बंद पड़ा हुआ है।
