प्रोफेसर शराब के नशे में छात्र-छात्राओं से अभद्र व्यवहार के साथ की गाली गलौच, कलेक्टर से हुई शिकायत, देखे वीडियो

प्रोफेसर शराब के नशे में छात्र-छात्राओं से अभद्र व्यवहार के साथ की गाली गलौच, कलेक्टर से हुई शिकायत, देखे वीडियो


अनूपपुर

शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर हमेशा किसी न किसी कारण सुर्खियों में रहता है। वहाँ की व्यवस्था पूरी तरह चौपाट नजर आती है, ऐसा लगता है कि कोई भी नियम कानून है ही नही, शिक्षा कम विवाद ज्यादा होता हैं, जब कॉलेज के प्रोफेसर ही सारी मर्यादा को तोड़कर हिटलर बन जाये, ऐसे में छात्र- छात्राओं को कैसे अच्छी शिक्षा प्राप्त होगी। एक छात्र ने कलेक्टर अनूपपुर को पत्र लिखकर महाविद्यालय परिसर में शराब सेवन कर आए प्रोफेसर द्वारा गाली-गलौज एवं अभद्र व्यवहार के संबंध में शिकायत की है। शिवम पटेल ने शिकायत पत्र में लेख किया है कि शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर (प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस) का B.A. चौथे वर्ष का छात्र हूं। मैं आपके संज्ञान में एक अत्यंत गंभीर घटना लाना चाहता हूं। 25 सितंबर 2025 को जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर गंगेश कुमार रैदास शराब के नशे की हालत में महाविद्यालय आए और छात्रों के साथ अभद्र एवं आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने लगे। उन्होंने खुलेआम कहा - मेरे ऊपर पहले भी FIR हो चुकी है, कोई मेरा कुछ नहीं कर पाया, तुम भी कुछ नहीं कर सकोगे। इसके पहले भी इनके ऊपर छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप लग चुका, मामला दर्ज हो चुका है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

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स्थिति गंभीर होने पर हमने 112 नंबर डायल कर पुलिस को बुलवाया। किंतु पुलिस को आने में लगभग डेढ़ घंटे लग गए। पुलिसकर्मी आने के बाद भी केवल औपचारिकता निभाते रहे। उन्होंने न तो प्रोफेसर को रोका और न ही उचित कार्रवाई की।

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प्रोफेसर रैदास को प्राचार्य से बात करने के लिए ना बुलाया गया, न तो प्राचार्य ने उन्हें कार्यालय में बुलाया गया और न ही कोई अनुशासनात्मक कदम उठाया। कुछ देर बाद प्रोफेसर गंगेश कुमार रैदास महाविद्यालय के पिछले गेट से भाग निकले, जबकि पुलिस केवल मोबाइल पर व्यस्त रही। जब थाना स्तर से अन्य टीम पहुँची तब तक प्रोफेसर परिसर छोड़ चुके थे। इस पूरे प्रकरण में प्रोफेसर द्वारा नशे की हालत में आकर छात्रों से गाली-गलौज एवं धमकी दी। पुलिस की लापरवाही एवं निष्क्रियता साफ तौर पर नजर आई। प्राचार्य द्वारा कार्रवाई न करना स्पष्ट रूप से अनुशासनहीनता और कानून व्यवस्था के प्रति उदासीनता को दर्शाता है।

उक्त घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषी प्रोफेसर एवं, संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में महाविद्यालय का शेक्षणिक वातावरण सुरक्षित और अनुशासित रह सके।

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