महिला प्राचार्य ने 8 कर्मचारी को बिना नोटिस के किया बाहर, हुई शिकायत, मगर नही मिला न्याय
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अनूपपुर। शासकीय महाविद्यालय जैतहरी में पदस्थ महिला प्राचार्य की मनमानी का दंश झेल रहे आठ कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा लेकर अग्रणी तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने बताया है कि जैतहरी महाविद्यालय की प्राचार्य द्वारा उन्हें बिना नोटिस के ही नौकरी से निकाल दिया गया है। इतना ही नहीं कंपनी का हवाला देते हुए बिना किसी सूचना और जानकारी के ही उन्हें कम पर आने से मना कर दिया गया है। पीड़ित कर्मचारियों ने दिए गए पत्र में बताया कि इस बात की शिकायत उन्होंने कलेक्टर से भी की है जिसमें कलेक्टर का पत्र जिले के अग्रणी महाविद्यालय पीएम श्री तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर को पूरे मामले में जांच कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं लेकिन पत्र को प्राप्त हुए लगभग 20 दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक इस पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई है जिस कारण से बाहर हुए आठ कर्मचारी रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं और उन्हें न्याय भी नहीं मिल रहा है।
शासकीय महाविद्यालय जैतहरी में पदस्थ महिला प्राचार्य संगीता उईके महिला होने का फायदा उठा रही है। बताया जा रहा है कि पूर्व में पदस्थ प्राचार्य के कार्य भार को छीन कर उनके द्वारा अपनी मनमानी चलाई जा रही है। पीड़ितों ने बताया कि जब भी हम महिला प्राचार्य से बात करने की कोशिश करते हैं तो वह अपने महिला होने का फायदा उठाती हैं और हमसे अभद्रतापूर्ण बात करते हुए हमें वहां से बाहर कर दिया जाता है। उनके द्वारा मनमानी की सारी हदें पार की जा चुकी है और वह लगातार अपने महिला होने का फायदा उठा रही है।
जैतहरी महाविद्यालय में आउटसोर्स कर्मचारी के रूप में कार्यरत 8 व्यक्तियों को बिना नोटिस और सूचना के महिला प्राचार्य के द्वारा बाहर कर दिया गया था जिसके बाद उनके द्वारा इसकी शिकायत अनूपपुर कलेक्टर से की गई जहां से उन्हें आश्वासन मिला कि पूरे मामले की जांच कर कर कार्यवाही की जाएगी और उन्हें दोबारा रोजगार भी मिलेगा लेकिन यह पूरा मामला बीते लगभग एक सप्ताह से ऊपर हो गया है लेकिन आठ कर्मचारियों को अब तक न्याय नहीं मिला है। ऐसे में आज सभी कर्मचारियों ने तुलसी महाविद्यालय जो कि जिले का अग्रणी महाविद्यालय है वहां के प्राचार्य को भी पत्र लिखकर पूरे मामले में न्याय दिलाने की मांग की है।