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पुलिस की बड़ी कार्यवाही, 72 हजार का 52.8 लीटर शराब स्कूटी सहित जप्त, मामला दर्ज

अनूपपुर

जिले के थाना कोतमा की पुलिस टीम ने थाना क्षेत्र में अवैध शराब बेचने  परिवहन करने एवं अन्य अवैध गतिविधियों का संचालन करने वालों के  विरूध्द अभियान चलाकर  कार्यवाहियां की जा रही है।

इसी क्रम में मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि केशव चौधरी निवासी गोविन्दा गांव कोतमा का शासकीय कांलेज के बगल वाले अपने घर में बड़ी मात्रा में अंगेजी शराब विक्री करने हेतु रखा है। सूचना प्राप्त होने पर तत्काल पुलिस टीम मुखबिर के बतायें हुए स्थान पर विधिवत तरीके से रेड कार्यवाही कर घर के अन्दर से आरोपी केशव चौधरी के कब्जे से अंग्रेजी शराब ब्लेंडर प्राईड के 06 नग बोतल प्रत्येक 750 ML कुल 4.500 लीटर कीमत 9582 रूपये, अंग्रेजी शराब रायल स्टेज 32 बोतल प्रत्येक 750 ML कुल 24 लीटर कीमत 33,280. रूपये, अंग्रेजी शराब रायल स्टेड 41 पाव प्रत्येक 180 ML कुल 7.380 लीटर कीमत 10.660 रूपये ,अंग्रेजी शराब मेकडाउन 45 पाव प्रत्येक 180  ML कुल 8.100 लीटर कीमत 19045 रूपये, अँग्रेजी शराब आईकोनिक व्हाईट 45 पाव प्रत्येक 180 ML कुल 8.100 लीटर कीमत 9450 रूपये, एवं शराब परिवहन में उपयोग की गई एक स्कूटी वाहन क्रमांक एमपी 65 एस ए 0558 कीमत करीबन 80 हजार रूपये, एक एण्ड्रायड मोबाईल 8 हजार रुपए,  कुल 52.800 लीटर शराब कीमत 72 हजार रूपये कुल मशरूका 1,60017 रूपये का जप्त किया। आरोपी केशव चौधरी पिता बरनू प्रसाद चौधऱी निवासी वार्ड नं. 11 कोतमा  से पूछतांछ पर ग्लैडविन वास्टिन पिता आईवा वास्टिन निवासी लहसुई कैम्प कोतमा की उक्त शराब होना बताया, जिसकी पता तलाश कर आरोपी ग्लेडविन वास्टिन को गिरफ्तार किया गया । आरोपी ग्लेडविन ने पूछतांछ पर अवैध शराब  कम्पोजिट शराब दुकान धनपुरी जिला शहड़ोल से खरीदकर विक्रय हेतु मंगवाना बताया।  आरोपी केशव चौधरी पिता बरनू चौधरी निवासी वार्ड क्र0 11 गोविन्दा गांव, ग्लैडविन वास्टिन पिता आईवा वास्टिन निवासी वार्ड क्र 13 लहसुई कैम्प कोतमा एवं कम्पोजिट शराब दुकान धनपुरी के शराब दुकान, मैनेजर के विरूध्द आबकारी एक्ट की धारा 34(2) के तहत अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया है। फरार आरोपी कम्पोजिट शराब दुकान धनपुरी के शराब दुकान मैनेजर की पता तलाश कर शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चियत की जावेगी । साथ ही अवैध शराब की सप्लाई करने में धनपुरी शराब दुकान के ठेकेदार की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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पीआरटी महाविद्यालय के बीएमएलटी विद्यार्थियों का श्रीराम हॉस्पिटल शहडोल में शैक्षणिक भ्रमण 

अनूपपुर। 

महाविद्यालय के संचालक डॉ देवेंद्र तिवारी के मार्गदर्शन में बीएमएलटी (Bachelor in Medical Laboratory Technology) विभाग के विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण के अंतर्गत श्रीराम हॉस्पिटल, शहडोल का दौरा कराया गया। इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक ज्ञान, आधुनिक उपकरणों की जानकारी तथा प्रयोगशाला तकनीकों के व्यावहारिक उपयोग से अवगत कराना था।

शैक्षणिक भ्रमण के दौरान हॉस्पिटल के संचालक डॉ. रोहित दुबे एवं डॉ. पवित्रा दुबे ने विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उन्हें हॉस्पिटल की विभिन्न प्रयोगशालाओं, जांच कक्षों तथा रोग निदान प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी। विद्यार्थियों को बताया गया कि किस प्रकार आधुनिक तकनीकों का उपयोग रोगों की पहचान और उपचार में किया जाता है।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने पैथोलॉजी,ICU, OT इत्यादि का निरीक्षण किया। उन्हें विभिन्न मशीनों जैसे CT SCAN, X-RAY,माइक्रोस्कोप आदि के संचालन की प्रक्रिया समझाई गई। हॉस्पिटल स्टाफ द्वारा विद्यार्थियों को मरीजों की जांच रिपोर्ट तैयार करने, सैंपल कलेक्शन और प्रयोगशाला सुरक्षा नियमों की भी जानकारी दी गई।

भ्रमण के दौरान महाविद्यालय के प्रबंधक श्री विजय तिवारी एवं प्राध्यापक श्री रणविजय शाही भी उपस्थित रहे। दोनों शिक्षकों ने विद्यार्थियों को इस प्रकार के भ्रमण को अपनी पढ़ाई का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कहा कि प्रयोगात्मक शिक्षा से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और पेशेवर दक्षता का विकास होता है। भ्रमण के समापन पर विद्यार्थियों को शहडोल नगर के प्रसिद्ध विराटेश्वर मंदिर पार्क का भी भ्रमण कराया गया, जहां विद्यार्थियों ने मनोरंजन के साथ ऐतिहासिक स्थल के बारे में जानकारी प्राप्त की।

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उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटना मामले में 1 इंजीनियर, 4 ट्रैक मेंटेनर, 19 श्रमिक ठेकेदार सहित 25 पर मामला दर्ज

*मुख्य दोषियों पर रेल प्रशासन मेहरबान*

शहडोल

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन में उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटना मामले में अब तक रेल प्रबंधन व्दारा  कार्य में लापरवाही के  लिये जिम्मेदार साइट पर कार्यरत रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर सहित चार ट्रैक मेंटेनर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए फिलहाल मुचालका जमानत पर रिहा कर दिया गया है । साथ ही ट्रैक  में कार्यरत ठेकेदार आर ए राय समेत एक सुपर वाइजर और 18 श्रमिकों के विरूद्ध रेलवे थाना शहडोल में अपराध क्र 153 धारा 174 सी रेलवे एक्ट के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।

ज्ञात हो की वर्तमान परिवेश में  रेलवे में जिस तरह की कार्य पद्धति फल -फूल रही है उसमें दुर्घटनाओं का निमंत्रण होना तय है। रेलवे द्वारा ट्रैक के अनुरक्षण हेतु जो टेंडर /अनुबंध किए जाते है । उसमें स्पष्ट रूप से संरक्षा को प्रथम प्राथमिकता देते हुए कार्य को संपादित करना है। लेकिन ठेकदारों एवं उच्च अधिकारियों की मिली भगत से ठेकेदारों को खुली छूट दे दी जाती है। ठेकदार द्वारा नियमों एवं संरक्षा को ताक पर रखकर कार्य कर रहे है। वर्क साइट पर कॉन्ट्रैक्टर को अनुबंध के तहत डिप्लोमा /डिग्री इंजिनियर रखने का प्रावधान है जो किसी भी वर्क साइट पर नहीं रखा जाता है  सिर्फ कागजों तक सीमित है। अप्रशिक्षित लेबरो को ट्रैक के कार्य में लगाया जाता है। परिणाम स्वरूप उक्त दुर्घटनाएं जन्म ले रही है। चूंकि कार्यों को तय मापदंडों के आधार पर कार्य न कराकर उपेक्षा की जा रही है वह न सिर्फ रेलवे के लिए चिंता का बिषय है वरन राष्ट्रीय क्षितिज पर यह सवाल खड़े कर रहा है

बिलासपुर जोन के अंतर्गत एक पखवाड़ा के अन्दर 3 स्थानों पर  रेल डॉली ट्रेन से टकराई है। दो घटनाएं बिलासपुर रायगढ़ के मध्य घटित हुई है। तीसरी घटना मुदरिया - घुँघुटी की है, दुर्घटनाओं की बारीकी से समीक्षा की जाये तो रेलवे के आला अधिकारियों की कार्यशैली अत्यंत उदासीन और लकवा ग्रस्त नजर आयेगी ।

जानकर सूत्रों का मानना है कि इतनी लचर कार्यशैली रेलवे की कभी नहीं देखी गयी थी, जो वर्तमान परिदृश्य में हादसो के रूप में छायी हुई है, और उच्च रेल प्रबंधन ने अपनी इसी नाकामी को छिपाने के लिए स्थानीय स्तर पर प्राथमिकी दर्ज कर मामले को सदा के लिए दफन कर दिया है। जबकि ऐसे जोखिम भरी दुर्घटनाओं के लिए सेक्शन के उच्च अधिकारियों को बचा कर अपने दामन को बचाने का दुष्कर कार्य किया है। जबकि इस घटना के मुख्य दोषी सेक्शनल सीनियर डी ई एन को होना चाहिए । जो रेलवे ठेकेदारों  को खुली छूट दिए हुए है। और नियम विरुद्ध कार्य करवाते है।

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मासूमों की मौत पर कांग्रेस का कैंडल मार्च, दी गई श्रद्धांजलि, सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे

अनूपपुर

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देशानुसार जिला मुख्यालय अनूपपुर मे जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्याम कुमार गुड्डू चौहान द्वारा कांग्रेस जनो के साथ छिंदवाड़ा में 22 मासूम मौतों के विरोध में हाथों में कैंडल लेकर कैंडल मार्च निकाला गया। जो कांग्रेस कार्यालय से प्रारम्भ होकर नगर के प्रमुख मार्ग से चलकर रेलवे स्टेशन से बस स्टैण्ड होते हुये वापस कांग्रेस कार्यालय पहुंच, 2 मिनट का मौन रखकर मासूम मृत बच्चों को श्रद्धांजलि देकर समाप्त हुआ। कैंडल मार्च के दौरान कांग्रेस जनों ने हाथों में मोहन यादव शर्म करो, स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दो का पोस्टर लेकर भाजपा मुर्दाबाद, नरेन्द्र मोदी मुर्दाबाद, मोहन यादव मुर्दाबाद, के नारे लगाए गए, साथ ही स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के इस्तीफे की मांग भी की गई। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्याम कुमार गुड्डू चौहान ने कहा कि इतने बड़े हादसे के बावजूद अब तक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और न ही दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई हुई है। उन्होंने तत्काल उपमुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्री राजेंद्र शुक्ला, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव संदीप यादव, ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य और डिप्टी ड्रग कंट्रोलर शोभित कोस्टा के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने सवाल उठाया कि इतने गंभीर हादसे के बाद भी सरकार चुप क्यों है और दोषियों को क्यों बचाया जा रहा है? रिपोर्ट में देरी क्यों हो रही है? श्री चौहान ने मासूमों की मौत के जिम्मेदार अधिकारियों और कफ सिरप निर्माताओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा नहीं लेती है, तो कांग्रेस सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी। उन्होंने यह भी पूछा कि जो दवाएं अन्य राज्यों में प्रतिबंधित हैं, वे किसकी अनुमति से मध्य प्रदेश के दवा बाजार में बिक रही थीं।

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रामभरोसे चल रही मीरा खान, प्रबंधन की सह और उदासीनता से कंपनी को भारी नुकसान

अनूपपुर

कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी एस ई सी एल ​जमुना - कोतमा क्षेत्र की मीरा खान में इस समय खान प्रबंधक के ढुलमुल और कर्त्तव्यहीनता भरे आचरण के कारण उत्पादन का बुरा हाल है। खान प्रबंधन की घोर उदासीनता और गैर-जिम्मेदाराना रवैये के चलते कंपनी को चौदह हजार टन से ज़्यादा मासिक आर्थिक नुकसान का बोझ उठाना पड़ रहा है।

​उत्पादन कार्य सिर्फ दो पालियों में संचालित हो रहा है, जिसमें मुश्किल से 100 से 150 टन कोयले का उत्पादन हो रहा है। स्थिति यह है कि खान के सुपरवाइज़र और अधिकारी काम को ज़रूरी नहीं समझते। दिन की ड्यूटी के समय ये लोग कोतमा, लहसुई और गोविन्दा बाज़ार में घूमते नज़र आते हैं, जबकि रात्रि पाली में प्रबंधन की सह पर सभी कर्मचारी अपने-अपने घरों में सोना पसंद करते हैं।

​सभी अधिकारी और सुपरवाइज़र ड्यूटी के दौरान कई बार घर आकर चाय, नाश्ता और भोजन करते हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि खान प्रबंधक या उपक्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा कभी भी खान में निरीक्षण नहीं किया जाता कि कितने कर्मी ड्यूटी पर आए हैं और कहाँ हैं। रात्रि पाली में कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं होता है, और द्वितीय पाली के शिफ्ट इंचार्ज अधिकारी भी कभी नीचे नहीं जाते हैं।

​'राम भरोसे' चल रहे इस पूरे खान के संचालन के कारण, विशेषकर सुपरवाइज़र और अधिकारी मुफ्त का वेतन लेकर कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान पहुँचा रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ कर्मियों को तो खान के उत्पादन कार्य में होने के बजाय खान प्रबंधक और उपक्षेत्रीय प्रबंधक के बंगले में तैनात किया गया है।

​क्षेत्र के महाप्रबंधक को कोयला मजदूर रामरतन ने इस पत्र के माध्यम से तत्काल कार्रवाई की माँग की गई है। मीरा खान के प्रबंधक को तत्काल हटाकर भगोड़े कर्मियों को चिह्नित करने और विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई कर उनका अन्यत्र स्थानांतरण करने की माँग की गई है, ताकि खान के उत्पादन में वृद्धि हो सके।

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हरियाणा में लापता युवक की तलाश में निकले गरीब परिवार को मिली इंसानियत की राहत

शहडोल

जिले के गोहपारू थाना क्षेत्र के रतहर गांव के एक गरीब कोल परिवार की बेबसी ने शुक्रवार की आधी रात को शहडोल रेलवे स्टेशन पर एक मानवीय दृश्य खड़ा कर दिया। रोजगार की तलाश में हरियाणा गए गांव के युवक सुनील कोल के महीनेभर से लापता होने की सूचना के बाद उसका परिवार दर-दर भटक रहा था। थाने से लेकर तहसील कार्यालय तक कई बार गुहार लगाने के बावजूद जब किसी अधिकारी ने सुनवाई नहीं की, तो परिजनों ने खुद ही बेटे की तलाश के लिए हरियाणा जाने का निश्चय किया।

लेकिन गरीबी की मार ने इस संकल्प को भी कठिन बना दिया। परिवार ने घर का कुछ सामान बेचकर मुश्किल से यात्रा के लिए कुछ पैसे जुटाए और शहडोल रेलवे स्टेशन पहुंचा। किराया चुकाने के बाद उनके पास खाने-पीने तक के पैसे नहीं बचे। छोटे-छोटे बच्चों के साथ ठंड में फर्श पर बैठे यह परिवार किसी सहारे की तलाश में था कि तभी विधायक पति राजेंद्र सिंह बबुआ को इसकी जानकारी मिली। राजेंद्र सिंह देर रात बिना विलंब किए स्वयं स्टेशन पहुंचे और परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को भोजन और आवश्यक सहायता राशि प्रदान की। इतना ही नहीं, बबुआ ने मौके पर ही हरियाणा प्रशासन से फोन पर संपर्क साधकर लापता सुनील कोल की खोज में सहयोग का आश्वासन लिया। उन्होंने स्थानीय पुलिस अधिकारियों से भी समन्वय बनाकर युवक की खोज के लिए प्रयास तेज करने को कहा।

राजेंद्र सिंह ने कहा गरीबी और लाचारी में किसी परिवार को इस तरह बेबस नहीं होना चाहिए। प्रशासन को ऐसे मामलों में तुरंत पहल करनी चाहिए। मैं हरसंभव मदद करूंगा ताकि यह परिवार अपने बेटे को जल्द पा सके। पीड़ित परिवार की मानें तो वे कई दिनों से गोहपारू थाना और स्थानीय अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे। हर बार उन्हें कार्यवाही हो रही है का जवाब देकर लौटा दिया गया। अंततः जब कोई उम्मीद नहीं बची, तो उन्होंने खुद ही बेटे की खोज में निकलने का फैसला किया।

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छात्र पर हुआ चाकू से हमला, कोचिंग से वापस आ रहा था, आरोपी पहुंचा थाने, अस्पताल की लापरवाही

शहडोल। 

जिले के जयसिंहनगर में कोचिंग से लौट रहे छात्र पर चाकू से हमला करने के बाद आरोपी खुद थाने पहुंच गया और घटना की जानकारी पुलिस को दी, उधर घायल पड़े छात्र को स्थानीय लोगों ने उपचार के लिए जयसिंहनगर अस्पताल पहुंचाया,लेकिन जयसिंहनगर अस्पताल में छात्र का उपचार डॉक्टरो ने समय पर नहीं किया,घायल को गंभीर हालत में परिजन शहडोल लेकर पहुंचे हैं।

पुलिस ने बताया कि जयसिंहनगर थाना क्षेत्र के जनकपुर मार्ग के पास यह घटना घटी है। पुलिस के अनुसार छात्र अभिनव शुक्ला कोचिंग से लौट रहा था, तभी रास्ते में पहले से मौजूद प्रिंस ने उसे चाकुओं से गोद गोद कर बुरी तरीके से जख्मी कर दिया। घटना के बाद घायल छात्र अभिनव शुक्ला को स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया है। इधर घटना को अंजाम देने के बाद प्रिंस खुद पुलिस के पास पहुंच गया, और पुलिस को घटना के बारे में जानकारी दी।जिसके बाद पुलिस ने प्रिंस को हिरासत में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है।

वहीं परिजनों ने बताया कि जब वह घायल अभिनव को लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां पहले से ही विरोध कर रहे डॉक्टरों ने घायल छात्र का समय पर इलाज नहीं किया, अभिनव शरीर में 10 जगह चाकुओं से वार किया गया है। जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी,, परिजन डॉक्टर से गुहार लगाते रहे, लेकिन घायल को प्राथमिक उपचार भी समय पर नहीं मिला।जिसके बाद परिजन अभिनव शुक्ला को लेकर शहडोल पहुंचे हैं। प्रिंस ने अभिनव को चाकू क्यों मारा है,अभी इस बात का पुलिस ने खुलासा नहीं किया है। थाना प्रभारी अजय कुमार बैगा ने कहा प्रिंस के भी हाथ में चोट लगी है,जो थाने में है, हम जांच कर रहे हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश मिश्रा ने कहा अगर घायल का इलाज नहीं किया गया तो यह गलत है। डॉक्टरो के विरोध की कोई जानकारी मुझे नहीं है। अगर विरोध हो रहा है और इलाज नहीं किया गया तो हम कार्यवाही करेंगे।

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अस्पताल की लापरवाही उजागर, डीजल खत्म रास्ते खड़ी हुई एंबुलेंस, तड़पता रहा मरीज

शहडोल 

जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली लापरवाही का मामला सामने आया है। SECL सोहागपुर सेंट्रल अस्पताल से इलाज के लिए मरीज लेकर जिला अस्पताल जा रही एंबुलेंस बीच रास्ते में डीजल खत्म होने से घंटों तक सड़क किनारे खड़ी रही। इस दौरान मरीज और परिजन परेशान होते रहे, जबकि एंबुलेंस चालक मदद के लिए इधर-उधर फोन लगाता रहा।

जानकारी के अनुसार, SECL सेंट्रल हॉस्पिटल की एंबुलेंस सेवा का संचालन दित्या इंटरप्राइजेज के पास है। आरोप है कि ठेकेदार द्वारा एंबुलेंस में पर्याप्त डीजल नहीं भरवाया गया, जिसके चलते मरीज को ले जा रही एंबुलेंस शहडोल मार्ग पर अचानक बंद हो गई। इससे मरीज की हालत बिगड़ने लगी और परिजन घबराकर अन्य वाहन की तलाश में जुट गए। लोगों ने बताया कि करीब एक घंटे तक एंबुलेंस सड़क पर ही खड़ी रही और किसी ने भी तत्काल सहायता नहीं की। बाद में निजी प्रयासों से किसी तरह एंबुलेंस को दोबारा चालू कराया गया।

ग्रामीणों और कर्मचारियों ने इस घटना को गंभीर लापरवाही बताया है। उनका कहना है कि यदि समय पर मरीज को इलाज नहीं मिलता, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। इस घटना ने SECL अस्पताल प्रबंधन और दित्या इंटरप्राइजेज की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि एंबुलेंस सेवा में हो रही लापरवाहियों की जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो।

समाचार 09

अवैध रेत उत्खनन,भंडारण का नही थम रहा काला व्यवसाय

उमरिया

जिले के बिरसिंहपुर पाली रेत माफिया का कारोबार प्रशासन के मिलीभगत के परिणाम स्वरूप जोरों से जारी है, उमरिया जिले में रेत की बिक्री में प्रशासकीय तौर पर बन्द हैं फिर भी जिले में रेत का अवैध व्यवसाय का कारोबार निरतंर रूप से निर्रवाध रूप से उसी गति से चल रहा है। यह कारोबार पूरे जिले में फल फूल रहा है, फिर भी जिले के पाली तहसील में यह काम पूरी तरह से प्रशासन की मिलीभगत से अधिक ही उफान पर दिखाई दे रहा है। दूर दराज ग्रामीण अंचलों से लेकर पाली नगर पालिका परिषद् पाली से लगे लगे नदी -नालो को छलनी करते हुए इस व्यवसाय को अंजाम दे रहे हैं। पाली नगर पालिका की सीमा पर स्थित बहरा नाला आज कल पाली के रेत माफियाओं को सोने की अंडे देने वाली मुर्गी बन कर रह गया है, जहाँ दिन में रेत का संग्रहण होता है और रात भर टेक्टरो से रेत परिवहन का कारोबार चलता है।

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