पुण्य पर्व पर गूंजेगा क्षमा का संदेश, पर्यूषण पर्व के समापन अवसर पर दिगंबर जैन समाज का क्षमावाणी

पुण्य पर्व पर गूंजेगा क्षमा का संदेश, पर्यूषण पर्व के समापन अवसर पर दिगंबर जैन समाज का क्षमावाणी


अनूपपुर

माँ नर्मदा के उद्गम स्थल, पावन धरा अमरकंटक में इन दिनों पर्यूषण पर्व की धार्मिक और आध्यात्मिक गूंज सुनाई दे रही है। इस पुण्य पर्व का समापन सोमवार, 8 सितंबर 2025 दिन सोमवार को क्षमावाणी पर्व के भव्य आयोजन के साथ होगा। सर्वोदय तीर्थ समिति एवं सकल दिगंबर जैन समाज अमरकंटक के तत्वावधान में यह दिव्य अवसर नगर के लिए आध्यात्मिक उत्सव का रूप लेगा। प्रातःकालीन बेला में जब मंद पवन और मंदिर की घंटियों की ध्वनि वातावरण को पवित्र करेगी, तब सुबह 8 बजे अभिषेक और 8:30 बजे शांतिधारा के साथ पर्व का श्रीगणेश होगा। इसके उपरांत 9 से 10 बजे सामूहिक पूजन एवं 10 बजे क्षमावाणी सभा का आयोजन होगा, जिसमें समाजजन क्षमा, करुणा और मैत्री भाव का संदेश ग्रहण करेंगे।

दिन के मध्याह्न में 10:30 से 12 बजे तक सामूहिक भोजन की व्यवस्था होगी। दोपहर 1 बजे नगर शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें समाजजन भक्ति गीतों, ध्वज पताकाओं और आध्यात्मिक उल्लास के साथ नगर भ्रमण करेंगे। 3:30 बजे शोभायात्रा का समापन होगा तथा पुनः अभिषेक और शांतिधारा के साथ श्रद्धा का वातावरण गूंजेगा। संध्या समय 5 से 6:30 बजे भोजन, तत्पश्चात 7 से 8 बजे संगीतमय आरती से मंदिर प्रांगण आलोकित होगा। रात्री के समय 8 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम “क्षमावाणी” का आयोजन होगा, जिसमें भजन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और प्रवचनों के माध्यम से क्षमावाणी पर्व का महत्व समाज के समक्ष रखा जाएगा।

जैन दर्शन कहता है— “क्षमावीरस्य भूषणम्” अर्थात क्षमा वीरों का आभूषण है। इस दिन समाजजन परस्पर एक-दूसरे से क्षमा याचना करते हुए “मिच्छामि दुक्कडम्” उच्चारित करेंगे। यह पर्व न केवल व्यक्तिगत आत्मशुद्धि का अवसर है बल्कि सामाजिक सौहार्द, आपसी सद्भाव और आध्यात्मिक जागृति का संदेश भी देता है। दिगंबर जैन सर्वोदय तीर्थ क्षेत्र कमेटी अमरकंटक के व्यवस्थापक लक्ष्मी नारायण जैन ने बताया कि  बाहर से आने वाले साधर्मी बंधुओं के लिए भोजन और आवास की विशेष व्यवस्था की है। कमेटी ने नगरवासियों से आग्रह किया है कि अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर इस दिव्य पर्व को सफल बनाएं।

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