राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों की सांठगांठ से फल फूल रहा रेत का अवैध कारोबार
*रेत भरे ट्रेक्टर को जब्त करने के दो दिन बाद छोड़ा*
उमरिया
जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ में वन संपदा की लूट मची हुई है । मामला चाहें सागौन -साल वृक्षों की अवैध कटाई का हों या फिर रेत उत्खनन का हर मामले में राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ के अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है । ऐसा ही एक संवेदनशील मामला धमोखर वन परिक्षेत्र के चेचरिया वन चौकी में प्रकाश में आया है । बताया जाता है की चेचरिया गांव में रेत भरा एक ट्रेक्टर पकड़ में आया था ,जिसे बकायदा जब्त कर वन चौकी में रखा गया और मन माफिक राशि लेकर रेत भरा ट्रेक्टर छोड़ दिया गया । इस मामले में राष्ट्रीय उद्यान के धमोखर वन परिक्षेत्र के चेचरिया में पदस्थ उप वन पाल की भूमिका ज्यादा संदेहास्पद बतायी जाती है उन्होंने ही इस मामले को रंग दिया था। जब इस मामले में विधिवत कार्यवाही नहीं की गयी और मामले को ले देकर सुलझा लिया गया तब इसकी शिकायत धमोखर वन परिक्षेत्र में पदस्थ वन परिक्षेत्राधिकारी से की गयी, और उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए जिसकी जांच करने चेचरिया वन चौकी पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू की गयी, जिसमें शिकायत सही पाई गई जिसमें में यह पाया गया की एक ट्रेक्टर रेत भरा वन चौकी में दो दिन खड़ा रहा और फिर उस खड़े ट्रेक्टर को तीन दिन बाद छोड़ दिया गया, इसके बाद भी वन परिक्षेत्राधिकारी ने इस मामले में आरोपी ट्रेक्टर मालिक के बयान को आधार बनाकर मामले में दोषियों को क्लीन चिट देते हुए अवैध उत्खनन मामले में दोषियो को बचाने के लिए मामले को सदा के लिए दफ़न कर दिया गया। किसी भी ऐसे संवेदनशील मामले में आरोपियों के बयान को आधार मानकर दोषियों के पक्ष में निर्णय नहीं लिया जा सकता , लेकिन इस मामले को धमोखर वन परिक्षेत्राधिकारी ने अत्यंत हल्के से लेते हुए उन्होंने भी दोषियों के पक्ष में निर्णय लेते हुए इस तरह के अवैध कारोबार को एक हाथ और आगे बढ़ा दिया।
ध्यान देने योग्य है कि उमरिया जिले में रेत की रायल्टी पर पूर्णतया रोक लगी हुई है ,जिस वजह से वैध रूप से रेत मिल नहीं पा रही है जिस वजह से राष्ट्रीय उद्यान के अन्दर नदी -नालो से रेत उत्खनन अवैध रूप से जारी हैं और यह सुनहरा अवसर राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों ने भुनाना शुरू कर दिया है । इसके पहले भी एक सनसनीखेज खुलासा में रेत ट्रेक्टर पकड़ कर छोड़ने का मामला प्रकाश में आया था , उसमें भी इस तरह घालमेल कर मामले को दफन कर दिया गया था , यह दूसरी बार है,जब धमोखर वन परिक्षेत्र में इस तरह रेत उत्खनन का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय उद्यान के उच्च अधिकारियों को इन अधिकारियों को ऐसे संवेदनशील मामले को संज्ञान में लेकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे ताकि अवैध रेत उत्खनन मामले में रोक लग सकें।