पार्षद व समाजसेवी पवन चीनी ने खुद के खर्चे से वार्डो की करवा रहे हैं साफ सफाई
*समाज सेवा ,जनहित के कार्य व गरीबों की मदद के लिए हमेशा रहते हैं तैयार*
अनूपपुर
पार्षद और समाजसेवी पवन चीनी हमेशा ही गरीबों की मदद समाज सेवा और जनहित के मुद्दों में एक ऐसा नाम जो सुनने को मिलता है किसी न किसी की मदद करते और निस्वार्थ लोगों के सहयोग के लिए 24 घंटा खड़े होने वाले व्यक्ति है इनके द्वारा एक नई पहल की गई इन्होंने खुद के खर्चे पर अपने वार्ड की साफ सफाई का जिम्मा उठाया हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के लिए प्रदेश सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन अनूपपुर जिले की नगर परिषद बरगवां अमलाई में भाजपा पार्षद पवन चीनी ने जो कदम उठाया है, उसने सरकारी प्रयासों को आइना दिखा दिया है। अपने निजी खर्च पर मजदूर लगाकर सफाई अभियान चलाने वाले पवन चीनी ने न केवल समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है, बल्कि एक अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।अनूपपुर और शहडोल की सीमा पर स्थित नगर परिषद बरगवां अमलाई के वार्ड नंबर 7 से भाजपा पार्षद पवन चीनी इन दिनों इलाके में चर्चा का विषय बने हुए है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 को लेकर जहां प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर राशि खर्च कर रही है, वहीं जमीनी स्तर पर इसके अपेक्षित नतीजे नहीं दिख रहे।
इस बीच पवन चीनी ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए खुद सफाई का बीड़ा उठाया है। बीते कई दिनों से पवन चीनी ने अपने निजी खर्च पर दो दर्जन से अधिक महिला और पुरुष मजदूरों को क्षेत्र में लगाया है। इनमें रेलवे स्टेशन के पास स्थित कालोनियां, बसंतपुर दफाई, मैगजीन दफाई, अमलाई स्टेडियम कॉलोनी, धोबी दफाई, नवीन नगर, अतिरिक्त भवन के पास और अमलाई दुर्गा मंदिर बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले स्थान शामिल है। यहां मजदूर कचरा उठाने, गाजर घास की सफाई करने और गलियों को व्यवस्थित करने का कार्य कर रहे है।
खास बात यह है कि पवन चीनी खुद भी सफाई में हाथ बंटाते हुए मजदूरों के साथ पसीना बहा रहे हैं। उनका यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के आह्वान को सार्थक करने वाला है।स्थानीय लोग भी इस पहल से प्रभावित नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके सफाई अभियान के वीडियो और तस्वीरें जमकर वायरल हो रहे है। पार्षद समाजसेवी पवन चीनी ने बताया कि स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।
मैने सोचा कि अगर हम सब मिलकर आगे आएं तो अपने नगर को स्वच्छ और सुंदर बना सकते है। मैंने मजदूरों के साथ खुद सफाई करने का निर्णय इसलिए लिया ताकि समाज को संदेश दिया जा सके l स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब परिषद का भारी-भरकम बजट सफाई पर खर्च नहीं हो रहा तो एक पार्षद का यह प्रयास वास्तव में प्रेरणादायक है।