अमरकंटक ताप विद्युत गृह कार्मिक अधिकारी पर ईपीएफ घोटाले का आरोप

अमरकंटक ताप विद्युत गृह कार्मिक अधिकारी पर ईपीएफ घोटाले का आरोप


अनूपपुर

अमरकंटक ताप विद्युत गृह, म. प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, चचाई के कार्मिक अधिकारी दिनेश पटेल पर ईपीएफ सत्यापन में भ्रष्टाचार कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का गंभीर आरोप सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, दिनेश पटेल का स्थानांतरण 12 अगस्त 2025 को प्रशासनिक आधार एवं समान पद पर स्थानांतरित करते हुए संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड बिरसिंहपुर में तत्काल प्रभाव से पदस्थ किया जाता है, किंतु वरिष्ठ अधिकारियों की मेहरबानी से वे अब तक चचाई में ही कार्यरत हैं। इस मामले की जांच कलेक्टर अनूपपुर एवं मुख्य उत्पादक केंद्र चचाई के समक्ष विचाराधीन है।

कार्मिक अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने श्रमिकों की हाजिरी कार्ड, वेतन पर्ची और गेट पास की जांच किए बिना ही ईपीएफ सत्यापन कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया। श्रमिकों का कहना है कि उन्हें वेतन पर्ची और हाजिरी कार्ड उपलब्ध नहीं कराए जाते। शिकायत करने पर उल्टा उन्हें काम से निकाल दिया जाता है।

वर्तमान में ठेकेदार अकुशल श्रमिकों को ₹275, अर्ध-कुशल को ₹350 और कुशल श्रमिकों को ₹380 प्रतिदिन भुगतान करता है। जबकि निर्धारित दर क्रमशः ₹466, ₹505 और ₹571 प्रतिदिन है, साथ ही ₹583 मासिक बोनस भी जोड़ा जाता है। श्रमिकों का आरोप है कि ठेकेदार और कार्मिक अधिकारी की सांठ-गांठ से निर्धारित रेट में उन्हें 26 दिन की जगह 16 दिन की मजदूरी दिखाई जाती है, और बाकी भुगतान ठेकेदार अपने सहयोगियों या रिश्तेदारों के नाम पर निकाल लेता है। रजिस्टर पर मजदूरी उच्च दर से दर्शाई जाती है।

श्रमिकों का कहना है कि दिनेश पटेल को अमरकंटक ताप विद्युत गृह के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों और ठेकेदारों का संरक्षण प्राप्त है। यही कारण है कि स्थानांतरण के बावजूद उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है।

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