भाजपा नेता और पार्षद पति की दबंगई गरीब राजमिस्त्री बना आरोपी, पुलिस की कार्यवाही पर उठे सवाल
*न्याय की तलाश में दर-दर भटक रहा परिवार*
अनूपपुर
अनूपपुर जिले के थाना भालूमाड़ा क्षेत्र से राजनीति और पुलिस की ऐसी सांठगांठ का मामला सामने आया है, जिसने गरीब और मज़लूमों के न्याय की उम्मीदों को तार-तार कर दिया है जमुना कोलियरी निवासी राजमिस्त्री राकेश पोद्दार का कसूर बस इतना था कि उन्होंने भाजपा नेता और पार्षद पति अजय यादव की दबंगई के खिलाफ आवाज़ उठाई लेकिन थाने से लेकर अदालत तक हर जगह उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश हुई और अंततः उन्हें ही “अभियुक्त” बना दिया गया।
15 अगस्त की आधी रात, जब लोग स्वतंत्रता दिवस की सुबह का इंतज़ार कर रहे थे, उसी वक्त भाजपा नेता अजय यादव अपने साथी संग शराब के नशे में राकेश पोद्दार के घर जा पहुँचे गाली-गलौज और महिलाओं से अशोभनीय व्यवहार करते हुए उन्होंने घर का माहौल दहला दिया यह सब कैमरे में कैद भी हुआ वीडियो में अजय यादव झूमते और गालियाँ बकते दिख रहे हैं पीछे से एक महिला की आवाज़ साफ़ सुनाई देती है अजय यादव पी के आया है।
16 अगस्त को राकेश पोद्दार ने थाना भालूमाड़ा में लिखित शिकायत दर्ज कराई दोपहर 12:48 बजे पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन उसी दिन 3:01 बजे आरोपी पक्ष की ओर से भी एक एफआईआर दर्ज कर ली गई, जिसमें राकेश को ही अपराधी बना दिया गया यानी जिसने अन्याय सहा, वही दोषी ठहरा दिया गया।
शिकायत के बाद राकेश की मुसीबत और बढ़ गई 23 अगस्त को अजय यादव घर पहुँच गए और खुलेआम धमकी दी — “अपने बेटे से कहो केस वापस ले, नहीं तो उठा लूँगा।” 30 अगस्त को परासी रोड पर भी यही धमकियाँ दोहराई गईं मगर पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
पीड़ित का आरोप है कि 30 सितंबर को थाना भालूमाड़ा में पदस्थ एएसआई दशरथ बागरी खुद उनके घर पहुँचे और भाजपा नेता से समझौता करने के लिए दबाव बनाने लगे इनकार करने पर राकेश को रूम में बंद कर पीटा गया और जबरन कागज़ों पर हस्ताक्षर करा लिए गए मेडिकल जांच की औपचारिकता पूरी करने के बाद राकेश को अभियुक्त बनाकर अदालत भेज दिया गया परिवार तक को भनक तक नहीं लगने दी गई।
राकेश पोद्दार, जो दिन-रात मज़दूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं, आक्रोश और बेबसी में कहते हैं। मेरा अपराध सिर्फ इतना है कि मैंने भाजपा नेता अजय यादव की दबंगई के खिलाफ शिकायत की अब थाना भालूमाड़ा की पुलिस नेताओं के दबाव में मुझे ही अपराधी बना रही है। राकेश ने बार-बार 181 सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की, लेकिन नतीजा कुछ नही निकला।