सात साल बाद भी नही हुआ 2.56 लाख का भुगतान, सीईओ का आदेश भी कूड़ेदान में

सात साल बाद भी नही हुआ 2.56 लाख का भुगतान, सीईओ का आदेश भी कूड़ेदान में


अनूपपुर

विकास के दावे करने वाले अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के लिए यह मामला शर्मनाक सबक है। बरगवां में ग्रीष्मकालीन पेयजल परिवहन का भुगतान पूरे सात साल बाद भी नहीं हुआ। यह सीधे-सीधे सरकारी तंत्र की लापरवाही और सुस्त व्यवस्था का नमूना है।तत्कालीन ग्राम पंचायत बरगवां के प्रस्ताव पर 10 अप्रैल 2018 से 20 जून 2018 तक पेयजल परिवहन कराया गया था। डीजल सहित कुल देयक 2,56,000 रुपये था, लेकिन राहत शाखा अनूपपुर से आज तक वाहन स्वामी विपिन तिवारी को एक पैसा नहीं मिला, तिवारी पिछले कई सालों से दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते परेशान हो चुके हैं। मानसिक और आर्थिक दोनों तरह से टूटने के बाद उन्होंने 19 मई 2024 को सीएम हेल्पलाइन (क्रमांक 27199129) में शिकायत दर्ज की। सुनवाई में जनपद पंचायत सीईओ ने नगर परिषद बरगवां को भुगतान करने के स्पष्ट निर्देश दिए।लेकिन अफसरशाही का हाल यह है कि आदेश के बावजूद नगर परिषद ने कोई कार्रवाई नहीं की। तिवारी जब नगर परिषद बरगवां पहुंचे तो वहां के अकाउंटेंट ने बेपरवाही से कहा  भुगतान की कोई फाइल यहां नहीं आई।सवाल यह है कि जब सीईओ के आदेश के बाद भी फाइल गायब है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी है?क्या अधिकारी जानबूझकर मामले को लटका रहे हैं?क्या नगर परिषद और राहत शाखा के अधिकारी मिलकर इस भुगतान को दबाए बैठे हैं?सरकार को जवाब देना होगा । आखिर आम आदमी कितने साल तक दफ्तरों के चक्कर लगाए? आम आदमी ओर बात सीईओ का आदेश अगर मानने के लिए नहीं है तो फिर यह सिस्टम किसके लिए है।

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