करौली शंकर महादेव शिवलिंग पर भक्तो ने किया जलाभिषेक, शिव-पार्वती के दर्शन के लिए आस्था का उमड़ा सैलाब
*पौधरोपण कर छात्रों को बांटे स्टेशनरी सामान*
अनूपपुर
सावन के अंतिम सोमवार एवं करौली शंकर महादेव धाम के गुरुदेव के जन्मोत्सव के अवसर पर 4 अगस्त को करौली शंकर महादेव धाम के स्थानीय भक्तों,शंकर सेना के द्वारा पौराधार मुख्य पंडाल में शिवलिंग पर जलाभिषेक कर एवं विभिन्न बस्तियों में कार्यक्रम आयोजित कर भक्ति भाव के साथ सावन का अंतिम सोमवार एवं करौली शंकर महादेव धाम के गुरुदेव का जन्मदिन मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत शिव मंदिर मुख्य पंडाल पौराधार में एकत्रीकरण उपरांत शिवलिंग पर उपस्थित भक्तों ने जलाभिषेक कर किया। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगान टोला पूर्णतया आदिवासी बस्ती,पॉवटोला, प्राथमिक विद्यालय डूमर कछार में बच्चों के मध्य, डूमरकछार स्थित नंदनवन में फलदार पौधे लगाकर वृक्षारोपण कर, अति पिछड़ी आदिवासी समाज की बस्ती कुड़कु (कोडाकू) दफाई,सफाई मित्र कोलानी पौराधार, मिडिल एवं हाई स्कूल पौराधार में प्रसाद,अन्य सामग्री एवं स्टेशनरी का वितरण भक्तों के द्वारा किया गया।
आदिवासी एवं पिछड़ी बस्तियों में पहुंचकर मजदूरों के बीच दरबार के भक्तों ने कपड़े,मिष्ठान,फल,बच्चियों के लिए श्रृंगार की सामग्री एवं छात्रों के लिए स्टेशनरी और कलम बाट कर,केक का वितरण कर बड़े ही धूमधाम से कार्यक्रम को भक्ति भाव के साथ मनाया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में करौली शंकर महादेव धाम के भक्त और शंकर सेना के संभागीय अध्यक्ष डॉ.सुनील कुमार चौरसिया एवं हनी चौरसिया का विशेष योगदान रहा साथ ही दरबार के भक्तों ने इस पूरे कार्यक्रम में बहुत ही बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया।
*शिव-पार्वती के दर्शन के लिए उमड़ा आस्था का सैलाब*
श्रावण मास चतुर्थ सोमवार के पावन अवसर पर अमलाई स्थित बस स्टैंड के शिव मंदिर में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। मंदिर परिसर में शिव-पार्वती के अलौकिक, अद्भुत एवं दिव्य स्वरूप का भव्य प्रदर्शन किया गया है, जो भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव बन गया है। 4 अगस्त से 9 अगस्त तक भक्त महादेव के महाकाल स्वरूप के दर्शन कर सकते हैं। इस विशेष अवसर के लिए मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों, पारंपरिक श्रृंगार सामग्री और आकर्षक प्रकाश व्यवस्था से भव्य रूप में सजाया गया है।शिवलिंग को महाकाल स्वरूप में विशेष रूप से श्रृंगारित किया गया है, जिसमें चंद्रशेखर का तिलक, त्रिपुंड चिन्ह और दिव्य नेत्र सभी की आस्था का केंद्र बने हुए हैं।भक्तों की जुबां पर "हर हर महादेव" और "ॐ नमः शिवाय" के जयघोष लगातार गूंज रहे हैं, जिससे सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा है।स्थानीय श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां ऐसा अद्भुत और दिव्य स्वरूप उन्होंने अपने जीवन में पहली बार देखा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे परिवार सहित आकर उज्जैन महाकाल स्वरूप का दर्शन लाभ अमलाई मंदिर में प्राप्त करें।