खाद लेने पहुँचे किसानों का लगा मेला, लगी लंबी-लंबी लाइने, प्रशासन के दावों की खुल रही है पोल
शहडोल
जिले में खाद को लेकर किसानों की परेशानी चरम पर है। आलम ये है कि खाद वितरण केंद्रों के बाहर किसानों की भीड़ किसी मेले जैसी नजर आ रही है। सुबह से लेकर देर शाम तक किसान लंबी-लंबी लाइनों में खड़े रहते हैं, तब कहीं जाकर उन्हें एक बोरी खाद मिल पाती है। बीते दिनों ब्यौहारी से तस्वीरें सामने आई थीं, जब तेज बारिश के बीच किसान घंटों लाइन में लगे रहे। मगर जब उनका नंबर आया तो गोदाम में खाद खत्म हो चुकी थी। दो दिनों तक यही हालात बने रहे और किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
गोहपारू जनपद मुख्यालय के खाद वितरण केंद्र से जो नज़ारे सामने आए हैं, वे किसानों की बेबसी बयां करने के लिए काफी हैं। यहां सैकड़ों किसानों की भीड़ खाद के इंतजार में जुटी हुई है। भीड़ की सबसे बड़ी वजह बाजार में बढ़ी कालाबाजारी है। सरकारी केंद्र पर 45 किलो की एक बोरी यूरिया ₹266.45 में मिल रही है, जबकि बाजार में यही बोरी ₹650 से ₹700 तक बेची जा रही है। किसानों का आरोप है कि व्यापारियों की खुली लूट पर कृषि विभाग और प्रशासन खामोश बैठे हैं। किसान कह रहे हैं की बारिश से फसल की उम्मीदें जगी हैं, लेकिन खाद के लिए हमें लूटा जा रहा है। अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं।
इधर प्रशासन का कहना है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। डीएमओ आनंद पांडे का दावा है कि लगातार खाद के रैक जिले में पहुंच रहे हैं और किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। लेकिन तस्वीरें और किसानों की लंबी कतारें प्रशासन के दावों से बिल्कुल उलट कहानी कह रही हैं। सवाल यह है कि जब गोदामों में खाद मौजूद है, तो फिर किसानों को घंटों लाइन में क्यों खड़ा रहना पड़ रहा है?