बहनो ने भाई की कलाई पर रक्षाबंधन का पवित्र धागा बांधकर उत्साह व हर्षोल्लास से मनाया त्योहार
अनूपपुर
जिले भर मे पावन रक्षाबंधन पर्व प्रेम और सद्भावना के सांथ मनाया गया। इस दौरान बहनो ने बड़े ही उत्साह व स्नेह से अपने भाईयों की कलाई पर पवित्र सूत्र बांधा और उनसे रक्षा का वरदान लिया। उल्लेखनीय है कि यह पर्व कई पौराणिक घटनाओं का प्रतीक है। इनमे मुख्यत: माता लक्ष्मी और राजा बलि तथा भगवान श्रीकृष्ण व द्रोपदी से जुड़ी हुई है। रक्षा सूत्र बांधने समय बहने एवं पुरोहित द्वारा येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥ श्लोक का वाचन किया जाता है। रक्षाबंधन पर एक ओर जहां दूरदराज की बहने ट्रेन, बस, कार, टेक्सियों आदि के जरिये भाईयों के घर पहुंची। जबकि कईयों ने अपने पति अथवा पुत्रों के सांथ बाईक पर मायके जा कर इस रस्म को निभाया। रक्षाबंधन पर उम्रदराज भाई-बहनों ने गले मिलकर यह त्यौहार मनाया। यह दृश्य आखों को नम करने वाला था। कई भाईयों ने भी बहनो के पास जाकर राखियां बंधवाई।
इस अवसर पर जिला मुख्यालय समेत कोतमा, राजनगर, बिजुरी जमुना, भालूमाड़ा, अमरकंटक, राजेंद्रग्राम, चचाई, जैतहरी व गांव- गांव में बहनो ने भाइयों की कलाई पर स्नेह का प्रतीक रक्षासूत्र बांधा और उनका मुख मीठा कराया। बहनो ने भाइयों को तनाव व क्रोध और व्यसन मुक्त जीवन जीने का संकल्प भी दिलाया। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित इस आयोजन ने न केवल आपसी स्नेह और विश्वास को मजबूत किया बल्कि एक स्वस्थ, अनुशासित और सकारात्मक जीवन की प्रेरणा भी दी।
रक्षाबंधन के त्यौहार पर कई बहने जिला मुख्यालय स्थित जिला जेल कारागार मे बंद अपने भाईयों को राखी बांधने पहुंचीं। इस मौके पर जेल प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किये गये थे। परिसर मे एक ओर कैदियों को बैठाया गया था, जबकि दूसरी ओर महिलायें मौजूद थी। रक्षा सूत्र बांधते समय कई बार बहने और भाई भावुक होते दिखे।
सामाजिक एकता एवं आपसी भाईचारे का प्रतीक कजलियां पर्व आज रविवार को जिले भर मे उत्साह व उमंग से मनाया जायेगा। इस मौके पर लोग कजलियों का आदान प्रदान कर आपस मे गले मिलते हैं और एक दूसरे को बधाई व आशीर्वाद देते हैं।