नवविवाहिता श्रेया की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर सौरभ ने की आत्महत्या, परिजनों ने लगाए आरोप

नवविवाहिता श्रेया की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर सौरभ ने की आत्महत्या, परिजनों ने लगाए आरोप


शहडोल

जिले के जयसिंहनगर क्षेत्र से एक रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है। नवविवाहित युवक सौरभ तिवारी ने विवाह के महज ढाई महीने के भीतर हैदराबाद में आत्महत्या कर ली, और अपनी मौत से पहले अपनी पत्नी श्रेया पांडेय और उसके परिवार की असलियत उजागर कर गया। 10 लाख की फिरौती या फंसाने की धमकी सौरभ को दी थी जिससे ज़िंदगी दांव पर थी, परिजनों ने साफ तौर पर आरोप लगाया है कि श्रेया पांडेय अपने पति से कहती थी की 10 लाख मेरे खाते में डाल दो, नहीं तो मैं तुम और तुम्हारे पूरे परिवार को रेप और दहेज के झूठे केस में फंसा दूंगी। कॉल डिटेल में छिपा है मौत का राज अवैध संबंध का खुलासा, सौरभ ने आत्महत्या से पहले अपने माता-पिता को बताया था कि श्रेया का व्यवहार असामान्य है।

उसका फोन रात 2 बजे तक बिजी रहता था, और पूछने पर वो कहती "जिससे प्यार करती हूँ, उसी से बात करती हूँ – तुम्हें कोई हक नहीं मेरे निजी जीवन में दखल देने का, अब परिवार ने श्रद्धा के दो मोबाइल नंबरों की जानकारी पुलिस को देकर कॉल डिटेल निकलवाने की माँग की है। "कॉल रिकॉर्ड ही साबित कर देगा कि वो किन-किन से बात करती थी और क्या बातें होती थीं, सौरभ पति की मौत सुनकर लाश आने से पहले घर से श्रेया रात के अंधेरे में घर पहुंची, अपना पूरा सामान बैगों में भरकर फरार हो गई। परिजनों ने कहा कि"जिसकी शादी में सात फेरे लिए, उसकी लाश तक का इंतज़ार नहीं किया वो पहले ही सब कुछ प्लान कर चुकी थी!"

सौरभ तिवारी की मौत अब केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या के समान साज़िश बन चुकी है। परिवार ने पुलिस अधीक्षक शहडोल को आवेदन देकर सभी मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल रिपोर्ट (CDR) निकलवाने की मांग व सौरभ की मृत्यु की मैसेजिंग, ऑडियो कॉल रिकॉर्ड, स्क्रीनशॉट जांच व श्रद्धा पांडेय, उसके माता-पिता व भाई पर 306, 384, 120-B, 506 जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की है। इस मामले ने पूरे क्षेत्र में काफी रोष और आक्रोश फैला है। कई सामाजिक संगठनों और युवा मंचों ने इसे "नवयुवकों को ब्लैकमेल कर मरने को मजबूर करने वाला संगठित अपराध" बताया है और कड़ी कार्यवाही की माँग की है। अब जनता पूछ रही है क्या सच्चा प्यार यूँ 10 लाख की डील बन गया, क्या बेटियाँ अब डराने का हथियार बन गईं।

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