IGNTU प्रो. नीरज ने खोला काला चिट्ठा, लगाए गंभीर आरोप, कहा "प्रश्नपत्र लीक हुआ, परिणाम बदला गया
*मुझे और परिवार को जान से मारने की धमकी मिली*
अनूपपुर
*जिले के अमरकंटक IGNTU में हुए घोटाले पर विश्विद्यालय के प्राध्यापकों ने चुप्पी तोड़ी खोले कई राज खोलकर गंभीर आरोप लगाए हैं, प्रो. भूमिनाथ और प्रो. विकास सिंह का खोला काला चिट्ठा, विश्विद्यालय के व्हाट्स ग्रुप में भी ड्राफ्ट भेजी जो वायरल हो गई।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU) अमरकंटक में हाल ही में हुए पीएचडी प्रवेश (RET) परीक्षा विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। कंप्यूटर साइंस संकाय के डीन प्रो. नीरज ने कुलपति व रजिस्ट्रार को भेजे गए पत्र में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी छवि को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रो. भूमिनाथ द्वारा फैकल्टी व्हाट्सऐप ग्रुप में प्रसारित संदेश से उनकी सार्वजनिक मानहानि हुई है। "200 से अधिक फैकल्टी सदस्यों के बीच मुझे बिना किसी प्रमाण के दोषी ठहराया गया," उन्होंने लिखा। ये है प्रमुख आरोप और बिंद।
*प्रश्नपत्र लीक और साजिश*
प्रो. नीरज का कहना है कि कंप्यूटर साइंस विभाग में प्रश्नपत्र विभागाध्यक्ष द्वारा न बनाकर किसी और से तैयार कराया गया, जिससे पूरे विवाद की शुरुआत हुई। परीक्षा से पहले ही उन्होंने प्रो. भूमिनाथ को मेल और व्यक्तिगत बातचीत में चेतावनी दी थी कि पेपर लीक की संभावना है। उनका दावा है कि एक प्रोफेसर ने परीक्षा से एक दिन पहले उम्मीदवारों को अपने कक्ष में बुलाकर प्रश्नपत्र/उत्तर कुंजी उपलब्ध कराई।
*परिणाम में हेरफेर*
परिणाम तैयार करने में सभी सदस्यों ने हस्ताक्षर किए और उसे परीक्षा विभाग को भेजा गया। बाद में प्रो. भूमिनाथ ने दबाव डालकर परिणाम बदलने की कोशिश की। चयन सूची में पहले शामिल अनुरण्य यादव और जावेद को बाद में "पुराना GATE स्कोर" बताकर बाहर कर दिया गया। प्रो. नीरज का आरोप है कि यह बदलाव बिना सक्षम समिति को बताए और अवकाशकालीन प्रभारी अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया। उनकी माने तो मेरिट सूची के अनुसार सामान्य सीटों पर अन्य उम्मीदवारों को जगह मिलनी चाहिए थी, लेकिन गैर-चयनित अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया।
*उत्पीड़न और धमकियाँ*
प्रो. नीरज ने प्रो. विकास सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कई बार उनके कक्ष में आकर गाली-गलौज की, अटेंडेंस रजिस्टर छीन लिया और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रो. सिंह ने ईमेल में सार्वजनिक रूप से जातिगत टिप्पणी की और सवाल उठाया कि "एक OBC फैकल्टी डीन या एचओडी कैसे बन सकता है। आरोप है कि विकास सिंह ने यह भी कहा कि OBC अभ्यर्थी बिना उनके "पैर छुए" प्रगति नहीं कर सकते। प्रो. नीरज का कहना है कि अमरकंटक में उनके पास 30–40 लोग इस काम के लिए मौजूद होने की भी धमकी दी गई।
*उनकी सुरक्षा पर संकट*
विभाग के CCTV कैमरे जानबूझकर बंद कर दिए गए, जिससे घटनाओं का सबूत न रहे। 15 अगस्त के बाद से प्रो. नीरज को विश्वविद्यालय आने में भय लगने लगा है। उन्होंने प्रशासन से पुलिस सुरक्षा या वर्क फ्रॉम होम की अनुमति मांगी है।
*सीबीआई जांच की मांग*
अपने पत्र में प्रो. नीरज ने स्पष्ट कहा है कि अब वह विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता से निराश हो चुके हैं और उनके पास CBI एवं पुलिस जांच की मांग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने मांग की है कि जांच में तीन बिंदुओं को प्राथमिकता दी जाए। RET प्रश्नपत्र लीक और उसमें हेरफेर, परिणाम एवं प्रवेश प्रक्रिया में अनधिकृत बदलाव, उत्पीड़न, जातीय भेदभाव और जान से मारने की धमकियाँ। प्रो. नीरज ने अपने पत्र की प्रतिलिपि एसपी अनूपपुर, आईजी शहडोल, कलेक्टर अनूपपुर, डीजी पुलिस मप्र, यूजीसी शिक्षा मंत्रालय, ओबीसी सेल, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संबंधित मंत्रालयों तक भेजी है।
IGNTU में RET परीक्षा से जुड़े इस विवाद ने अब संस्थान का माहौल और तनावपूर्ण बना दिया है। प्रो. नीरज का कहना है कि यदि उन्हें या उनके परिवार को कोई नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी प्रो. विकास सिंह, प्रो. भूमिनाथ और विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।