फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आरोपी सरपंच, सचिव, पटवारी समेत 6 लोगों को 4-4 साल की जेल व जुर्माना
*शासकीय सुविधाओं का लाभ अर्जित किया, लोंगों को हरिजन एक्ट में फंसाने दी धमकी*
अनूपपुर
आपराधिक षडयंत्र रचकर गोड जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले आरोपी सरपंच, सचिव एवं हल्का पटवारी एवं अपना फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने वाले 03 अन्य आरोपियों को 04-04 साल की सश्रम कारावास एवं 2000/-2000/- रू0 जुर्माना की सजा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय माया विश्वलाल द्वारा दी जाकर आरोपियो को जेल भेज दिया गया।
लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया कि मामला, थाना चचाई क्षेत्रान्तर्गत की है, दिनांक 27 अप्रैल 2014 से दिनांक 16 जुलाई 2019 के मध्य ग्राम बसंतपुर दफाई अमलाई में सरपंच यदुराज पनिका, सचिव जितेन्द्र प्रजापति हल्का पटवारी शैलेन्द्र शर्मा के साथ मिलकर तथा आपराधिक षडयंत्र रचकर यह जानते हुये कि बसंतपुर काॅलरी की अभियुक्त रमा गिरी तथा उसकी पुत्रियाॅ प्रियंका एवं मधु गोड जाति की नही है षडयंत्र पूर्वक उसकी दोनेा पुत्रियों प्रियंका एंव मधु का गोड जाति होने के संबंध में गा्रम पंचायत से जाति प्रमाण पत्र व सेजरा का प्रतिवेदन कपटपूर्वक एवं बेईमानीपूर्वक इस आशय से तैयार कर छल कारित किया तथा उक्त दस्तावेजो के आधार पर कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी अनूपपुर जिला अनूपपुर से अभियुक्त प्रियंका एवं मधु की गोड जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र जो कि मूल्यवान दस्तावेज है, जारी कराकर कूटरचना कारित की तथा उसका असल के रूप में प्रयोग कर शासकीय सुविधाओं का लाभ अर्जित किया तथा लोंगों को हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी देकर पैसों की ब्लैक मेंलिग की।
फरियादी श्रीनिवास तिवारी के लिखित शिकायत के आधार पर थाना चचाई में अपराध क्र0 182/2019 दर्ज किया जा कर विवेचना करते हुये प्रथम दृष्टया अपराध पाये जाने पर अभियोग पत्र/अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। शासन की ओर से पैरवी करते हुये लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा ने न्यायालय के समक्ष कुल 17 साक्षियों की साक्ष्य करायी एवं 107 दस्तावेजों को प्रदर्शित कराया। आरोपियों ने भी अपने पक्ष में 01 साक्षी की साक्ष्य करायी गयी एवं 08 दस्तावेज प्रस्तुत किये। न्यायालय प्रकरण की सुनवाई करते हुए और शासन की और पैरवी कर रहे लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा रखे गए तर्कों और बहस एवं मामले की गम्भीरता एवं परिस्थितियों को देखते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष माया विश्वलाल ने आरोपियों को 04-04 साल की सश्रम कारावास एवं 2000/-2000/-रू0 अर्थ दण्ड से दण्डित किया जाकर आरोपियो को जिला जेल अनूपपुर भेज दिया गया।