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मुख्यमंत्री कार्यक्रम के नाम पर फर्जी बिल लगाकर किया भ्रष्टाचार, सरपंच, सचिव की मिलीभगत
*कार्यक्रम गोरईया में, बिल लगा नौरोजाबाद का, अर्जुन ट्रेवेल्स कटघरे में*
उमरिया
जिले की घुनघुटी पंचायत में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के लिए ट्रांसपोर्ट बिल में गड़बड़ी सामने आई। कार्यक्रम गोरईया में था, लेकिन बिल नौरोजाबाद का बना। कांग्रेस ने फर्जीवाड़ा बताया, सचिव का गैरजिम्मेदार बयान सामने आया। जांच की मांग तेज हो गई है।
उमरिया जिले की घुनघुटी ग्राम पंचायत एक बार फिर विवादों में घिर गई है। इस बार मामला सीधे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के 4 जून को पाली जनपद की ग्राम पंचायत गोरईया में आयोजित पेसा एक्ट महासम्मेलन से जुड़ा है। इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की गई थी। जिसका फर्जी बिल सामने आया है। अर्जुन ट्रैवेल्स’ नामक ट्रैवल एजेंसी द्वारा दिए गए बिल में चार गाड़ियों की तैनाती घुनघुटी से नौरोजाबाद तक दिखाई गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम नौरोजाबाद में नहीं, बल्कि गोरईया ग्राम में हुआ था जो पाली जनपद पंचायत के अंतर्गत आता है। ऐसे में सवाल उठता है कि गाड़ियां नौरोजाबाद क्यों भेजी गईं? क्या ये सिर्फ लापरवाही है या सुनियोजित घोटाला?
ट्रैवल एजेंसी द्वारा प्रस्तुत इस बिल में 13,000 रुपये का किराया दर्शाया गया है, जो चार गाड़ियों के नाम पर लिया गया है। इसमें कार 3,000, इको गाड़ी 3,000, इको गाड़ी 3,000 और तूफान गाड़ी का 4,000 रुपये का किराया लगाया गया है। हालांकि, बिल में ना तो किसी वाहन का नंबर दर्ज है, ना जीएसटी नंबर और किराया भी सामान्य से अधिक दर्शाया गया है। ऐसे में यह बिल सवालों में घिर गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जानकी प्रसाद मिश्रा ने इस पूरे मामले को सुनियोजित फर्जीवाड़ा बताया है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम गोरईया में था, लेकिन बिल नौरोजाबाद का बना दिया गया। न जीएसटी नंबर है, न पारदर्शिता। ये घोटाला नहीं तो और क्या है? पैसा निकालने के लिए कागजों में हेराफेरी की गई है। उन्होंने स्वतंत्र जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस मामले को लेकर तत्कालीन पंचायत सचिव नयन सिंह से सवाल किया गया, तो उनका जवाब और भी चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि गलती से हो गया होगा। गाड़ी वाला जितना मांगता है, हम उतना दे देते हैं।
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विवाहिता की संदिग्ध मौत के बाद बनी विवाद की स्थिति महिला के नाराज परिजन कलेक्ट्रेट पहुंच सौपा ज्ञापन
अनूपपुर
कोतवाली अनूपपुर अन्तर्गत पुरानी बस्ती रोड, शंकर मन्दिर चौक के पास एक विवाहिता की संदिग्ध मौत के बाद विवाद की स्थिति बन गयी। महिला के नाराज परिजन कलेक्ट्रेट पहुंच गये और वहाँ उन्होंने एडीएम दिलीप पाण्डेय को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंप कर निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की। मौके पर नगर निरीक्षक अरविन्द जैन, प्रकाश तिवारी पुलिस बल के साथ उपस्थित थे। मृतका के परिजनो ने आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष के लोगों ने महिला की मृत्यु की सूचना उन्हें नहीं दी। मेडिकल कालेज मे मृतका के मायके पक्ष की अनुपस्थिति मे पोस्टमार्टम करवा कर चुपचाप अनूपपुर मे अन्तिम संस्कार करने की कोशिश की गयी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कलेक्टर अनूपपुर के नाम शिकायती पत्र दे कर कहा है कि पुरानी बस्ती अनूपपुर निवासी नर्मदा गुप्ता उर्फ राजा की पत्नी प्रियंका की संदिग्ध मौत जहर से हो गयी। उसे जहर दिया गया। मृत्यु की सूचना मायके पक्ष, भेजरी (पुष्पराजगढ) निवासी को नहीं दी गयी। प्रियंका को शहडोल मेडिकल कालेज ले जाया गया। शव का पोस्टमार्टम करवाते समय और शव को वापस अनूपपुर लाने के बाद भी मृतका के माता पिता को नहीं बतलाया गया। माता पिता और परिजनों का आरोप है कि ससुराल पक्ष की प्रताडना से प्रियंका की मौत हुई। एडीएम दिलीप पाण्डेय और नगर निरीक्षक अरविन्द जैन ने समझाईश देकर आश्वस्त किया कि महिला के माता पिता के बयान के आधार पर जांच करके कार्यवाही की जाएगी।
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ग्लास व्यू प्वाइंट पर अवैध वसूली, सुरक्षा मानकों में ठेकेदार की लापरवाही, हो सकती बड़ी दुर्घटना
अनूपपुर/अमरकंटक
पवित्र नगरी अमरकंटक स्थित सोनमुड़ा एवं कपिलधारा पर्यटक स्थलों पर स्थापित ग्लास व्यू प्वाइंट अब पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र तो बन चुका है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी के कारण यह दर्शनीय स्थल दुर्घटना को आमंत्रण देने लगा है।
मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम की "महिती प्रसाद योजना" के अंतर्गत निर्मित इस रोमांचक ग्लास प्लेटफार्म को नगर परिषद अमरकंटक के माध्यम से एक निजी ठेकेदार को संचालन हेतु सौंपा गया है । लेकिन अब ठेकेदार व उसके कर्मचारी सुरक्षा मानकों और नियमों को धता बताते हुए निर्धारित भार क्षमता से कहीं अधिक पर्यटकों को एक साथ ग्लास व्यू प्वाइंट पर भेज रहे हैं।
*सुरक्षा चूक, हो सकती दुर्घटना*
ज्ञात हो कि निगम द्वारा स्पष्ट रूप से लिखित में ग्लास व्यू प्वाइंट की अधिकतम भार क्षमता पाँच व्यक्तियों तक निर्धारित की गई है। साथ ही निर्देशित किया गया है कि दर्शक नंगे पांव अथवा कवर-शू पहनकर ही ग्लास पर जाएं, ताकि संरचना को कोई क्षति न पहुँचे। परंतु मौके पर 12-15 पर्यटकों को एक साथ भेजा जा रहा है, वह भी जूते-चप्पलों के साथ। यह लापरवाही किसी भी समय भयंकर हादसे का कारण बन सकती है, क्योंकि इस ग्लास प्लेटफार्म के नीचे सैकड़ों फीट गहरी खाई स्थित है।
*आर्थिक शोषण व अवैध वसूली*
सुरक्षा नियमों की अनदेखी के साथ-साथ पर्यटक तीर्थ यात्रियों से निर्धारित शुल्क से दुगना शुल्क वसूला जा रहा है। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में ठेकेदार व कर्मचारियों को यात्रियों से मनमाने ढंग से पैसा लेते तथा क्षमता से अधिक भीड़ ग्लास पर भेजते स्पष्ट देखा गया। इससे नगर परिषद की छवि भी धूमिल हो रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब यह आवश्यक हो गया है कि नगर परिषद अमरकंटक संबंधित ठेकेदार पर कड़ी कार्यवाही करें। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह पर्यटक स्थल कभी भी भयावह दुर्घटना का साक्षी बन सकता है।
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शिक्षा को मनोरंजन से जोड़ना समय की ज़रूरत, पढ़ाई में बंधन नहीं, स्वतंत्रता जरूरी- जितेन्द्र शुक्ला
शहडोल
रोटरी क्लब विराट के तत्वावधान में आयोजित एक प्रेरक विचार मंच पर रोटेरियन जितेन्द्र शुक्ला ने शिक्षा के स्वरूप पर एक बेहद विचारोत्तेजक और प्रगतिशील दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि पढ़ाई बंधन नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र प्रक्रिया होनी चाहिए, और जब तक शिक्षा में मनोरंजन का तत्व नहीं होगा, तब तक वह प्रभावी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को उसका जीवन जीने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। माता-पिता अक्सर अपने अधूरे सपनों को बच्चों पर थोपते हैं, जो न केवल गलत है बल्कि बच्चों के स्वाभाविक विकास में भी बाधक बनता है।
श्री शुक्ला ने बताया कि आज के बच्चों पर डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस बनने का दबाव डाला जा रहा है, लेकिन इस दबाव ने बच्चों से उनका बचपन छीन लिया है। बच्चे अब सोच नहीं रहे, सिर्फ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले चीजें सीमित थीं, इसलिए जीवन सरल और अधिक नेचुरल हुआ करता था, लेकिन आज की प्लेटफॉर्म संस्कृति और मोबाइल की भरमार ने बच्चों को असंतुलित कर दिया है।
बच्चों के सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य पर मोबाइल का गहरा प्रभाव पड़ रहा है। अब बच्चे खेलों या संवाद की जगह वीडियो और गेम्स में उलझ गए हैं। पहले बर्थडे पार्टीज़ में बातचीत होती थी, अब बच्चे मोबाइल पर स्टोरी पोस्ट करते हैं। उन्होंने कहा, “आज अगर मोबाइल नहीं हो, तो बच्चों को नहीं पता कि क्या करना है। अपने वक्तव्य के अंत में रोटे. जितेन्द्र शुक्ला ने शिक्षा को मनोरंजक बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में यदि बच्चों को आनंद आने लगे, तो वे खुद-ब-खुद सीखने लगेंगे। इसलिए आवश्यक है कि शिक्षा प्रणाली में लचीलापन, प्रयोगधर्मिता और रचनात्मकता लाई जाए।टाइम्स गुरुकुलम शहडोल के निदेशक के रूप में जितेन्द्र शुक्ला का यह विचार समाज और अभिभावकों के लिए एक जरूरी संदेश है – "बच्चे पाठ्यपुस्तकों के नहीं, अनुभवों के माध्यम से सीखते हैं। उन्हें आज़ाद सोचने और समझने का अवसर दें।
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स्वच्छ सर्वेक्षण में न.पा. पसान के प्रथम स्थान आने पर व्यापारी संघ ने किया सम्मान
अनूपपुर
नगर पालिका परिषद पसान को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में रैंकिंग में 3 स्टार एवं संभाग में प्रथम स्थान आने पर नगर पालिका अध्यक्ष राम अवध सिंह, सी.एम.ओ शशांक आर्मो. वरिष्ठ अभियंता उमेश त्रिपाठी स्वच्छता अविनाश मरकाम एवं सफाई कर्मियों का जमुना कालरी व्यापार संघ के द्वारा शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया। नगर के व्यापारी सचिन जायसवाल ने कहा कि पसान नगर पालिका के अध्यक्ष राम अवध सिंह एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा उनकी टीम के द्वारा नगर की साफ सफाई को हमेशा प्राथमिकता दी गई जिसका परिणाम है कि आज हमारा नगर संभाग में प्रथम स्थान स्वच्छता के मामले में हासिल किया है व्यापारियों ने नगर पालिका के पूरी टीम को बधाई देते हुए उन्हें नगर की साफ सफाई व्यवस्था में इसी प्रकार हमेशा सहयोग प्रदान करने की अपेक्षा की तो वही नगर पालिका अध्यक्ष राम अवध सिंह ने इस सफलता के पीछे समस्त नगर वासियों एवं व्यापारियों को धन्यवाद प्रेषित किया उन्होंने कहा कि सभी व्यापारी एवं क्षेत्र की जनता के सहयोग से स्वच्छता में प्रथम स्थान हासिल हुआ है एक-एक व्यक्ति नगर की स्वच्छता के प्रति ध्यान देता है तब जाकर हम अपने नगर को अपनी टीम के साथ स्वच्छ रखने में सफलता हासिल करते हैं। श्री सिंह ने स्वच्छता के प्रति सभी को जागरूक रहने की अपील की और सहयोग की अपेक्षा की जिससे कि नगर को इसी प्रकार स्वच्छ और सुंदर बनाए रखा जा सके।
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3 प्रभारी मंत्री, एक सांसद, आठ विधायक, एक कमिश्नर, तीन कलेक्टर 10 वर्षो में नहीं बनवा पाए सड़क
*ग्रामीणों ने सड़क पर धान रोपकर किया था अनोखा विरोध प्रदर्शन*
शहडोल
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के प्रदेश महामंत्री मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि, आदिवासी संभागीय मुख्यालय शहडोल से उमरिया सड़क मार्ग की स्थिति विगत 10 वर्षों से अत्यंत दयनीय है। खासकर घुनघुटी ग्राम से आगे और करकेली ग्राम से पहले तक यह सड़क कई जगहों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त है, जिससे सड़क मार्ग से चलने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। शहडोल संभाग के तीन जिले शहडोल उमरिया अनूपपुर के तीन प्रभारी मंत्री जिसमें एक उपमुख्यमंत्री और एक स्थानीय संभाग के अंतर्गत के मंत्री, आठ विधायक,एक सांसद, तीन कलेक्टर और एक कमिशनर भी 10 वर्षो में नहीं बनवा पाए शहडोल से उमरिया के बीच की 72 किलोमीटर लंबी सड़क इसका निर्माण कार्य विगत 10 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। जिस कारण सड़क की दुर्दशा को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। भारी मात्रा में ग्रामीणों ने तो सड़क पर धान रोपकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है।
मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि,शहडोल से उमरिया सड़क मार्ग की स्थिति यात्रियों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।मिट्टी,कीचड़ और गड्ढे से सनी यह सडक़ नेशनल हाइवे (एनएच) 43 पर शहडोल से उमरिया के बीच 73 किलोमीटर सडक़ का काम 10 साल में पूरा नहीं हुआ। लापरवाही के बाद भी ठेकेदार फर्म तिरुपति बिल्डकॉन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (टीबीसीएल) को एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन दिया जा रहा है। अब तो मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के अधिकारी भी कह रहे हैं कि ठेकेदार को काम पर तेजी लाने की बात कहते थक गए हैं,पर सिंघानिया की सेटिंग ऐसी है की सारे मंत्री अधिकारी उसके लिए लिए नतमस्तक हैं।
एनएच 43 में शहडोल से उमरिया की बीच 72 किलोमीटर सडक़ निर्माण 10 वर्षो बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। जबकि 2015 में मंजूर इस प्रोजेक्ट का काम 2020 तक पूरा हो जाना चाहिए था। सडक़ निर्माण में लगातार हो रही लेटलतीफ के बाद 17 जुलाई 2023 को दिल्ली में केंद्रीय सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकऱी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय किया गया था कि किसी भी स्थिति में सडक़ निर्माण का काम दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाए।
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पॉलिटेक्निक महाविद्यालय मे अनिमितिताओ व छात्रों द्वारा की गई शिकायत पर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जो कि विश्व का सब से बड़ा छात्र संगठन होने के नाते छात्र हित, राष्ट्र हित एवं सामाजिक में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता आ रहा है। वर्तमान में शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय अनूपपुर में चल रहे परीक्षा एवं प्रैक्टिकल में आ रहीं नकल प्रकरण की जानकारी विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक प्रणव मिश्रा एवं अन्य कार्यकर्ताओं के संज्ञान में आई, जब जिला संयोजक एवं अन्य कार्यकर्ता पॉलीटेक्निक महाविद्यालय पहुचते है तो वहाँ के प्राध्यापक सतेंद्र सिंह द्वारा चल रहे द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल के बीच से सभी को बाहर लाकर विरोध ज्ञापित करते है, जब नकल को लेकर कार्यकताओं द्वारा CCTV की जांच कराने की बात की जाती है तो प्राचार्य का हवाला देते हुए कैमरा चेक नही कराया जाता एवं कार्यकताओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है। विद्यार्थी परीक्षा में नकल कर रहे है उस समय प्राचार्य से CCTV चेक करने की बात की गयी तब उनके द्वारा जिला संयोजक प्रणव मिश्रा एवं अन्य कार्यकताओं से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए एवं वहां के प्राध्यापक सतेंद्र सिंह द्वारा चल रही प्रयोगिक परीक्षा में विद्यार्थियों को बीच से लाकर प्राचार्य ऑफिस के पास विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का विरोध किया जाता है, आशीष कुमार मिश्रा जो कि उसकी परीक्षा ना होने के बाद भी महाविद्यालय में उपस्थित होकर अभद्र भाषा प्रयोग करते हुए धमकी दी गई, उसके द्वारा विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक प्रणव मिश्रा एवं अन्य कार्यकताओं को आसाजिक तत्व कहकर उनकी शिकायत को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दर्ज कराई गई, जिससे महाविद्यालय में चल रहे नकल प्रकरण को रोका ना जा सके। इस शिकायत मे महाविद्यालय राजू परस्ते (प्राचार्य), सतेंद्र सिंह (प्राध्यापक) एवं छात्र आशीष कुमार मिश्रा की मिली भगत है। जिसकी सत्यता हेतु महाविद्यालय में स्थित CCTV फुटेच की जाँच की जा सकती हैं। ABVP के कार्यकर्ताओं का कहना है कि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में चल रहे इस नकल प्रकरण की जाँचकर उचित कार्यवाही की जाय। यदि जल्द ही इन समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। ज्ञापन को सफल बनाने में विद्यार्थी परिषद के प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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सावन के दूसरे सोमवार को हजारों कांवड़ियों ने गूंजा बोल बम, श्रद्धा का उमड़ा जन सैलाब
*मां नर्मदा के पावन जल से भगवान जालेश्वर महादेव का किया जलाभिषेक*
अनूपपुर/अमरकंटक
श्रावण मास की पुण्यधारा में आज पावन नगरी अमरकंटक आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर रही। कामिका एकादशी एवं सावन के दूसरे सोमवार के दिव्य संयोग पर, प्रातः 5 बजे से ही भक्तों का जनसैलाब नर्मदा उद्गम कुंड पर उमड़ पड़ा। सिर पर कावड़, हृदय में आस्था, और होंठों पर “बोल बम, बोल बम” का घोष लिए हजारों श्रद्धालु नंगे पांव 8 किलोमीटर की पदयात्रा कर भगवान जालेश्वर महादेव के दरबार पहुँचे।
हर-हर महादेव के जयघोष से अमरकंटक की पवित्र वादियाँ गूंज उठीं। श्रद्धालुजनों ने पवित्र नर्मदा जल से शिवलिंग का जलाभिषेक कर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। रामघाट, कोटि तीर्थ और गांधी कुंड पर भक्तों ने पवित्र डुबकी लगाई, नर्मदा स्नान कर पूजन-अर्चन, दर्शन एवं अभिषेक में लीन हो गए। इस शुभ अवसर पर नर्मदा उद्गम परिसर स्थित 11 रुद्र महादेव एवं अन्य शिवालयों में भी आस्था का अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर प्रांगण भक्तों से खचाखच भरा रहा। शाम 7 बजे तक श्रद्धालु कतारबद्ध होकर दर्शन-पूजन करते रहे।
छत्तीसगढ़ राज्य की पंडरिया विधानसभा की लोकप्रिय विधायक सुश्री भावना बोहरा ने भी अपने समर्थकों और स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ नर्मदा उद्गम कुंड में विधिवत कावड़ पूजन किया। इसके पश्चात उन्होंने नंगे पांव पैदल यात्रा करते हुए जालेश्वर धाम पहुँचकर भगवान शिव का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जलाभिषेक कर पूजन-अर्चन किया। इस पावन क्रम में फलाहारी आश्रम के प्रमुख जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजेश्वर माऊली सरकार भी विधायक के साथ उपस्थित रहे। कावड़ यात्रियों की विधिपूर्वक पूजा नगर के प्रमुख पुजारी उमेश द्विवेदी ‘बंटी महाराज’ द्वारा संपन्न कराई गई। सावन मास के इस विशेष दिन पर अमरकंटक नगरी की हर एक गली, मंदिर और घाट भक्ति भाव से झूम उठा। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं भगवान शिव ने भक्तों की आस्था को अपनी बाहों में समेट लिया हो।
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चार हाथियो ने मचाया तांडव, कई परिवार बेघर, अब वापस लौटे दूसरे जिले में, प्रशासन एलर्ट
शहडोल
जिले के बुढार वन परिक्षेत्र में दोबारा लौटने के बाद दो दिनों तक रहे चार हाथियों ने काफी आतंक मचाते हुए कई घरों में तोड़ फोड़ कर अब फिर अनूपपुर की सीमा में प्रवेश कर चुके है।हाथी अकुवा गांव पहुंच गए है। जो बुढार वन परिक्षेत्र की सीमा से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। रेंजर ने कहा हाथी अब अनूपपुर के जैतहरी की ओर बढ़ेंगे।
बुढार वन परिक्षेत्र के हरदी गांव में हाथियों का आतंक देखने को मिला जहां खेत में बने एक पूरे परिवार के घरों में तोड़ फोड़ कर परिवार को हाथियों ने बे घर कर दिया है। जिसका एक वीडीओ भी सामने आया है। जिसमें पूरा परिवार महिलाओं बच्चों बुजुर्गो के साथ टूटे हुए घर के सामने बैठा है। और परिवार ने अपने साथ कुछ बरतन भी रखे है। वहीं वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमें जब जानकारी मिली तो हमारी टीम मौके पर पहुंची थी, नुकसान हुए वस्तुओं का पंचनामा तैयार किया जा रहा है।
बीते दिनों यह हाथी शहडोल वन परिक्षेत्र से बुढार वन परिक्षेत्र पहुंचे थे, और कुछ दिनों के बाद हाथी अहिरगवां की ओर चले गए थे,लेकिन रात गुजारने के बाद हाथी दोबारा बुढार वन परिक्षेत्र दोबारा लौटे थे,और फिर दो दिनों तक यहां आतंक मचाया और सोमवार की सुबह लगभग 4:00 बजे हाथी अब अनूपपुर के अकुवा चले गए है। रेंजर सलीम खान ने बताया कि यह गांव बुढार वन परिक्षेत्र की सीमा से लगभग 15 किलोमीटर दूर है, अब चारों हाथी जैतहरी की ओर बढ़ रहे हैं। रेंजर ने कहा कि अनूपपुर के अधिकारियों को हमने जानकारी दे दी है। वहीं बुढार वन्य परिक्षेत्र में कई घरों में हाथियों ने तोड़फोड़ मचाई है,वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पंचनामा तैयार कर हम राजस्व विभाग को इसकी जानकारी दे रहे हैं। हुए नुकसान का मुआवजा देने का कार्य राजस्व विभाग करेंगे ।