जंगली हाथी ने युवक को उतारा मौत के घाट, वन विभाग की निष्क्रियता, तथ्य छुपाने में जुटा अमला
*विभाग के जिम्मेदार नही दे रहे ध्यान, सरकारी राशि का हो रहा बंदरबांट*
अनुपपुर
वन विभाग की उदासीनता का शिकार केवल अनूपपुर जिला ही नही पूरा शहडोल संभाग माना जा रहा कारण की जंगली हाथियों की वजह से हो रही लगातार मौत यह बंया कर रही कि वन विभाग के अधिकारी डीएफओ, एसडीओ,और रेंजर तक का स्टाफ हाथियों पर काबू पाने और आमजन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से निष्क्रिय है।यंहा बैठे अधिकारी केवल दफ्तर में बैठकर एसी का आनंद उठाते हुए सरकारी पैसे का बंदरबांट कर रहे है।
*विभाग का जागरूकता प्रयास असफल*
हाथियों के बढ़ते मूवमेंट्स की वजह से लगातार मौत जैसी हो रही दुर्घटनाओं से यह प्रतीत हो रहा कि यंहा बैठे वन विभाग के अधिकारी (डीएफओ) पूरी तरह से निष्क्रिय हैं कारण की अनूपपुर जिला छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश में आने पर प्रदेश का सबसे पहला जिला है और अभी तक मे जो छनकर सामने आया कि अनूपपुर जिले में हाथियों का प्रवेश छत्तीसगढ़ की ओर से है लेकिन वँहा जो वर्षभर में कभी कभार मौत जैसी घटनाएं सामने आती है जबकि यहां आए दिन दुर्घटनाऐ बढ़ती ही जा रही जिससे स्पष्ट है कि यंहा पदस्थ अधिकारी बिल्कुल मैदानी स्तर पर उतर कर काम नही कर रहे केवल चौकीदार,बीटगार्ड जैसे कर्मचारी के भरोसे विभाग चल रहा।
*डीएफओ से नही है किसी की पहचान*
पूरे मामले में वनमंडलाधिकारी अनूपपुर विपिन पटेल की अगर बात करें तो उन्हें विभाग के कर्मचारी व ठेकेदार के अलावा कोई पहचानता नही होगा कारण की उन्हें अपने बंगला व व्हीव्हीआईपी चेम्बर के अलावा जिले में कँहा क्या हो रहा कोई लेना देना नही है , जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि अधिकारी बीच-बीच मे जंगली जानवरों वाले मूमेंट्स क्षेत्र में दौरा कर चौपाल लगाकर ग्रामीणों को साहस बंधाने जागरूक किये जाने का काम करेंगे। अनूपपुर जिले में पदस्थ अधिकारियों द्वारा बिलकुल नही किया जा रहा अगर मूवमेंट्स क्षेत्र के गांवों में यह किया गया होता तो ऐसी घटनाए नही होती और लोगो को यह मालूम होता कि कौन है डीएफओ,कौन एसडीओ,रेंजर जिन्हें लोग पहचानते तक नही।
*हाथी के हमले से फिर हुई एक मौत*
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जैतहरी क्षेत्र के ग्राम चोई (पोस्ट धनगवां, तहसील जैतहरी) में हाथी के हमले से एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान रामपाल राठौर, पिता बंशी राठौर, उम्र 39 वर्ष, निवासी ग्राम चोई के रूप में हुई है। घटना विगत गुरुवार रात लगभग 11 बजे की है, जब रामपाल राठौर पर जंगली हाथी ने अचानक हमला कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार, बीते तीन दिनों से एक जंगली हाथी चोई गांव के आसपास सक्रिय है, जिससे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।
*तथ्य छुपाने में लगा रहा वन अमला*
जनचर्चा के मुताबिक सदैव से देखने को मिल रहा अगर विभाग द्वारा छोटे मोटे मामलों में अगर सफलता हाथ लग गई तो हीरो बनने एवं अपनी प्रशंसा को देखने सुनने की दौड़ में वन्यप्राणी प्रेमियों व समाजसेवियों के सहारे तुरंत तिल को ताड़ बनाकर मीडिया में देते हुए अपनी प्रशंसा लेने में पीछे नही रहते लेकिन इतनी बड़ी घटना के बाद जो दिन बीतने तक तथ्य को छुपाते हुए यह स्पष्ट नही किया कि मृतक की मौत हाथी के हमले से हुई।
*सरकारी राशि का दुरुपयोग*
जनचर्चा यह भी है कि जंगली हाथियों के आतंक की वजह जंहा एक ओर ग्रामीण दहशत में है लोगों का घर,फसल,के साथ जनहानि हो रही आये दिन लोगों की कुचलने व हमला से मौत हो रही वही दूसरी ओर भ्रष्टाचार के राज में वन अमले के लिए हाथियों का आतंक कमाई का जरिया वाहन,डीजल,भोजन,जागरूकता,सुरक्षा सामग्रियों के साथ अन्य मामलों में नीचे से ऊपर तक फर्जी बिल बनाकर सरकारी राशि का बंदरबाट किये जाने हेतु कमाई का जरिया बना हुआ है।
*इलाज के पहले हुई मौत*
पूरे घटनाक्रम में जनचर्चा का विषय यह है कि हाथी के हमला इतना दर्दनाक रहा कि मृतक के सिर में गंभीर छोटकी वजह से घायल रामपाल को तुरंत अनुपपुर जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन इलाज के पहले ही उसने दम तोड़ दिया। शव को सुबह से जिला अस्पताल में रखा गया है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई ।
*दहशत में ग्रामीण*
जंगली हाथी के हमले के बाद अब क्षेत्र भर के लोग दहशत में है ग्रामीणों ने वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से हाथी के आतंक को नियंत्रित करने की माँग की है। घटना के बाद चोई सहित आसपास के गांवों में भय का माहौल बना हुआ है लोग रात में घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। प्रशासन और वन विभाग को अब जल्द से जल्द सक्रिय कदम उठाने होंगे ताकि और किसी ग्रामीण की जान ना जाए।