6 करोड़ की लागत से बना सड़क मार्ग, दोषपूर्ण निर्माण व तकनीकी खामियां उजागर, भर रहा पानी
*नाका चौराहा, सरस्वती शिशु मंदिर के सामने जलभराव, राहगीरों व विद्यार्थियों परेशान*
अनूपपुर/अमरकंटक
पवित्र नगरी अमरकंटक की नगर परिषद सीमा के अंतर्गत आने वाला नाका चौराहा (दीनदयाल चौराहा) एवं सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तथा शिव गोपाल आश्रम के सामने का प्रमुख मार्ग इन दिनों जलभराव और अव्यवस्था का पर्याय बनता जा रहा है। मामूली वर्षा के बाद भी इस मार्ग पर एक फीट तक पानी भर जाता है, जिससे दोपहिया वाहनों, राहगीरों और विशेष रूप से स्कूली छात्र-छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
*छात्रों पर गिरता गंदा पानी*
विद्यालय के पास से गुजरने वाले वाहन जब जलभराव से होकर निकलते हैं तो कई बार उसके छींटे नन्हे छात्र-छात्राओं पर गिरते हैं। स्कूल आते-जाते मासूम बच्चे अक्सर भीगते हैं या फिसलकर गिर जाते हैं। यह स्थिति अभिभावकों और विद्यालय प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
*6 करोड़ की लागत, दोषपूर्ण निर्माण
उक्त मार्ग मुख्यमंत्री शहरी अवसंरचना योजना के अंतर्गत हुडको द्वारा वित्तपोषित तथा अरुण कंस्ट्रक्शन कंपनी, रीवा के माध्यम से लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किया गया था। मार्ग का निर्माण कार्य पुराने भारतीय स्टेट बैंक शाखा कार्यालय से लेकर पाल बंगला और पुलिस थाना तक किया गया, लेकिन इसके निर्माण के साथ ही तकनीकी खामियां सामने आने लगीं।
*समतलीकरण व जल निकासी का अभाव*
निर्माण के दौरान मार्ग को न तो समतल किया गया और न ही किनारों पर समुचित ढाल बनाई गई, जिससे वर्षा जल की निकासी हो सके। इसका परिणाम यह है कि बारिश का पानी मेकल पार्क की ओर बहता है तथा मार्ग के विभिन्न हिस्सों पर जलभराव हो जाता है।
*दूसरा मार्ग अब तक अधूरा, आवागमन बाधित*
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के समीप से पुलिस थाना तक जाने वाला दूसरा मार्ग आज भी अधूरा पड़ा है। इस मार्ग के न बनने से यातायात का दबाव मुख्य मार्ग पर बना रहता है, और वर्षा के समय स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
*शीघ्र समाधान की दरकार*
स्थानीय नागरिकों, स्कूल प्रबंधन और तीर्थयात्रियों की मांग है कि इस मार्ग की तकनीकी समीक्षा कर आवश्यक सुधार कार्य तत्काल प्रभाव से किया जाए। पानी निकासी की व्यवस्था, समतलीकरण, और अधूरे मार्ग को पूर्ण कर नागरिकों को राहत पहुंचाई जाए। यह मार्ग न केवल अमरकंटक नगर का प्रमुख संपर्क बिंदु है, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी आवश्यक है। प्रशासन को तत्काल कदम उठाकर इस बुनियादी समस्या का समाधान करना चाहिए।
