तीन साल से फरार भालू के अंग रखने वाले दो आरोपी को वनविभाग ने किया गिरफ्तार
अनूपपुर
वन परिक्षेत्र राजेन्द्रग्राम में अनुसूचित वन के वन्यप्राणी भालू के अंग रखने वाले दो आरोपी जो 3 वर्षों से फरार रहे हैं, वनविभाग की टीम द्वारा गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने के पर न्यायालय के आदेश पर जिला जेल भेजा है।
प्रकरण के संबंध में बताया गया कि वन परिक्षेत्र राजेन्द्रग्राम के छींदपानी बीट अंतर्गत थमरदर गांव में विगत 3 वर्ष पूर्व नागेंद्र सिंह के घर में खड़ी नागेन्द्र की बोलेरो के पीछे एक थैला में रखा अनुसूची वन श्रेणी के वन्यप्राणी भालू का सिर एवं चार नग पंजे मुखबिर की सूचना पर वनविभाग की टीम द्वारा जप्त की गई थी, इस दौरान डॉग एस्कॉर्ट से परीक्षण पर डांग के बुद्धेलाल पिता अमोली सिंह निवासी थमरदर के घर तक गया जिस पर पूछताछ के पहले ही बुद्धेलाल 3 वर्षों तक फरार रहा था, घटना के बाद आरोपियों के विरुद्ध वन्यप्राणी संरक्षक अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही थी, मुख्य आरोपी के घर वापस आने की सूचना मिलने पर बरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर वन परिक्षेत्र अधिकारी राजेंद्रग्राम शिवम कोष्ठी के नेतृत्व में टीम गठित कर परिक्षेत्र सहायक राजेंद्रगाम कुंवर सिंह सोर्ठे वनरक्षक बीटगार्ड छींदपानी भीषमदास,बीट गार्ड बम्हनी भूपेंद्र मांझी एवं बीट गार्ड पटना नागेन्द्र सोनी के द्वारा आरोपी बुद्धेलाल सिंह पिता अमोली सिंह एवं नागेंद्र सिंह पिता संभल सिंह दोनों निवासी थमरदर थाना राजेन्दगाम को गिरफ्तार कर राजेन्दगाम न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने पर न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया, इस दौरान मुख्य आरोपी बुद्धेलाल सिंह ने बताया कि वह 3 वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही इलाके में देशी दवाई कराने गया रहा, उसे जंगल में एक भालू मृत स्थिति में मिलने पर टगिंया से चारों हाथ पैर के पंजे एवं सिर को काट कर थैला में रखकर ले आया था, आपसी रंजिश के कारण उसने थैला को गांव के ही नागेंद्र सिंह की बोलेरो के पीछे कमानी के पास बांधकर खुद ही वन विभाग को शिकायत की रही है।