समाचार 01 फ़ोटो 01

सचिव को लोकायुक्त ने 1 हजार की रिश्वत लेते किया ट्रैप, एनओसी जारी करने के लिए मांगा था रुपए

*500 रुपए पहले ले चुका था रिश्वत, गोहपारू जनपद का मामला*

शहडोल

जिले के गोहपारू जनपद की ग्राम पंचायत गोहपारू के सचिव और जनपद पंचायत अंतर्गत खोहरी ग्राम पंचायत के प्रभारी सचिव मंगल यादव को लोकायुक्त रीवा की टीम ने रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया है। सचिव पर आरोप है कि वह एक युवक से दुकान में विद्युत मीटर लगवाने के लिए आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने के बदले 1500 रुपए की रिश्वत की माँग कर रहा था। शिकायतकर्ता धीरेन्द्र कुमार सिंह, उम्र 26 वर्ष, निवासी ग्राम टेटकी, थाना गोहपारू ने लोकायुक्त रीवा कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि पंचायत सचिव मंगल यादव उनसे दुकान के लिए विद्युत कनेक्शन हेतु आवश्यक एनओसी देने के बदले 1500 रुपये की मांग कर रहा है। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पाटीदार के निर्देश पर मामले की प्राथमिक जांच कराई गई।

सत्यापन के दौरान यह सामने आया कि सचिव ने पहले ही शिकायतकर्ता से 500 रुपये रिश्वत के तौर पर स्वीकार कर लिए थे, और शेष 1000 रुपये की राशि 22 जुलाई को पंचायत भवन के सामने बुलाकर लेने वाला था। लोकायुक्त टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया और जैसे ही आरोपी सचिव ने शिकायतकर्ता से रिश्वत की शेष राशि ली, टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। पकड़े जाने के बाद आरोपी सचिव को जयसिंहनगर रेस्ट हाउस लाया गया, जहां उससे पूछताछ की जा रही है और आगे की कानूनी कार्यवाही जारी है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद गोहपारू पंचायत और आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मंगल यादव लंबे समय से पंचायत से संबंधित छोटे-छोटे कार्यों के एवज में लोगों से अवैध वसूली करता रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, नामांतरण जैसे सामान्य दस्तावेजों के लिए भी सचिव द्वारा परेशान किया जाता था और बार-बार रिश्वत की माँग की जाती थी। अब जब सचिव को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया है, तो ग्रामीणों ने राहत की साँस ली है और प्रशासन से आरोपी पर कठोर कार्रवाई की माँग की है। लोगों का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही जरूरी है ताकि प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे और आम जनता को बेवजह परेशान न होना पड़े।

इस ट्रैप की कार्रवाई में उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में 12 सदस्यीय लोकायुक्त टीम ने हिस्सा लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) के तहत मामला दर्ज किया गया है और विधिवत कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

समाचार 02 फ़ोटो 02

2 वृद्ध महिलाओ ने लगाई गुहार साहब मैं जिंदा हूँ, सचिव ने किया मृत घोषित, पंचायत में भर्रेशाही

उमरिया

जनसुनवाई मे पहुंची दो वृद्ध महिलाओं ने अपनी ही भाषा मे इस अजीबोगरीब व्यथा को सुना कर एक बार फिर जिले मे चल रही भर्रेशाही को उजागर किया है। मानपुर जनपद की ग्राम पंचायत खलौंध की 72 वर्षीय बेनीबाई पति स्व. रामसुजान लोहार को वृद्धावस्था पेंशन, राशन सहित किसी भी तरह की योजना का लाभ बीते लगभग दो वर्षो से नहीं मिल रहा है। पीडि़त बेनी बाई के मुताबिक जब उसने इस संबंध मे पंचायत के सरपंच और सचिव से संपर्क किया तो उन्होने बताया कि पूर्व मे पदस्थ महिला सेकेट्री द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया है। मृत व्यक्ति को योजना का लाभ नहीं मिल सकता। जनसुनवाई मे आई दूसरी महिला रामकली पति रामखिलावन कुशवाहा 65 निवासी वार्ड क्रमांक 6 मानपुर भी इसी तरह की समस्या से ग्रसित है।

*प्रशासन से उम्मीद*

एक ओर जहां सरकार और प्रशासन द्वारा लोगों की सुख-सुविधाओं के लिये अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं तो दूसरी तरफ निचले स्तर पर चल रही लालफीताशाही इन प्रयासों पर किस कदर पानी फेरने पर उतारू हैं। दो साल से भी अधिक समय से रिकार्ड मे मृत पर शरीर से जिंदा भटक रही वृद्ध महिलायें इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।  महिलाओं ने बताया कि वे हर जगह से थक-हार कर कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन  की जनसुनवाई मे पहुंची हैं। उम्मीद है कि उन्हे अब जरूर न्याय मिलेगा।

*समस्याओं के निराकरण का निर्देश*

कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने मंगलवार को कलेक्टर सभागार मे आयोजित जनसुनवाई के दौरान जिले के दूर दराज से आये लोगों की परेशानी को सुना तथा प्राप्त आवेदन त्वरित निराकरण के निर्देश सहित संबंधित अधिकारियों को प्रेषित किये। जनसुनवाई कार्यक्रम मे संयुक्त कलेक्टर रीता डेहरिया, एसडीएम बांधवगढ़ कमलेश नीरज, डिप्टी कलेक्टर मीनांक्षी इंगले, हरनीत कौर कलसी सहित अन्य  जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

समाचार 03 फ़ोटो 03

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत बनी सड़क हुआ जर्जर, दुर्घटना को दे रही है आमंत्रण, विभाग मौन

अनूपपुर/कोतमा

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत बेलिया बड़ी से राजा कछार की मार्ग सड़कों की वास्तविकता कुछ और ही बयान करती है। ग्राम के  मुख्य मार्ग की जर्जर स्थिति आज न केवल इस क्षेत्र की पहचान पर प्रश्नचिन्ह बन चुकी है, आए दिन होती है घटनाएं इस प्रमुख मार्ग पर चलना लोगों के लिए रोज़ की चुनौती बन गया है।

स्थानीय रहवासियों की पीड़ा स्पष्ट है, बार-बार की शिकायतों के बावजूद प्रशासनिक उदासीनता बनी हुई है। ग्रामीणों  का आरोप है कि निर्माण कार्य में ठेकेदार ने केवल लीपापोती कर, मानो खानापूर्ति कर दी हो। परिणाम स्वरूप, पहली ही बारिश में सड़क की ऊपरी परतें उखड़ गईं और पूरे मार्ग ने कीचड़ एवं गड्ढों का रूप धारण कर लिया। इस मार्ग से प्रतिदिन नन्हे स्कूली बच्चे, बुजुर्ग नागरिक और अस्पताल जाने वाले मरीज गुजरते हैं। उनके लिए यह सड़क अब एक चिंता का विषय बन चुकी है। गड्ढों की भरमार और हर कदम पर फिसलन संभावित दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है।

चिंताजनक बात यह है कि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना" के अंतर्गत बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य शहर से गांव को जोड़ना था और सुविधा जनक एवं सुरक्षित बनाना था। परंतु समय पर देखरेख के अभाव ने इस महत्वाकांक्षी योजना की साख पर गहरा आघात किया है।ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग की तत्काल मरम्मत कराई जाए, वह भी उच्च गुणवत्ता के साथ। साथ ही, लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की योजनाएं केवल कागजों में सीमित न रह जाएं। 

इनका कहना है।

सड़क खराब हो गई है तो मैं उसको दिखवा लेता हूँ।

*महाप्रबंधक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना*

इस रोड की मरम्मत ज्यादा दिन नहीं हुए हैं रोड उखड़ चुकी है, हमने कई बार शिकायत भी किया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

 *अभिषेक गौतम ग्रामवासी*

समाचार 04 फ़ोटो 04

अनुशासनिक मिसाल, नगर पालिका परिषद पसान बना अन्य निकायों के लिए प्रेरणा

अनूपपुर

जब अधिकांश नगरीय निकायों में कर्मचारियों की लचर ड्रेस कोड व्यवस्था और कार्य अनुशासन पर सवाल उठते हैं, वहीं अनूपपुर जिले की नगर पालिका परिषद पसान एक अनुकरणीय मिसाल बनकर उभर रही है। जिले की यह एकमात्र नगर पालिका है जहाँ कर्मचारियों को निर्धारित ड्रेस कोड में कार्य करना अनिवार्य किया गया है।

पसान नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष रामअवध सिंह के नेतृत्व में न सिर्फ स्वच्छता जैसे ज़मीनी कार्यों में अनुशासन का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है, बल्कि कार्यालयी कार्य प्रणाली में भी सुव्यवस्था कायम की गई है। सभी कर्मचारियों को समयबद्ध उपस्थिति, तय वर्दी में रहकर कार्य करना और शासकीय नियमों का पूर्ण पालन करना अनिवार्य किया गया है।

अनुशासन ही किसी भी संस्था की पहचान होता है। जब कर्मचारी अपनी ड्यूटी को पूरी गरिमा और एकरूपता के साथ निभाते हैं, तभी जनता का विश्वास बढ़ता है और नगर की छवि भी निखरती है। पसान परिषद का यह प्रयास न केवल कार्य संस्कृति को बेहतर बना रहा है, बल्कि अन्य नगर पालिकाओं के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। स्थानीय नागरिक भी परिषद के इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं।

समाचार 05 फ़ोटो 05 

कपिलधारा मार्ग की जर्जर हालत बनी संकट का कारण, श्रद्धालुओं व पर्यटक हो रहे हैं परेशान

*जिम्मेदार मौन, जल्द बनाने की उठी मांग*

अनूपपुर/अमरकंटक

पवित्र नगरी अमरकंटक, जो प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था का अद्भुत संगम है, इन दिनों एक गंभीर अव्यवस्था की मार झेल रही है। यहां का प्रमुख पर्यटन एवं तीर्थ स्थल कपिलधारा जाने वाला मार्ग बांधा तिराहा से कपिलधारा तक लगभग 5 किलोमीटर लंबी सड़क आजकल अपनी बदहाली की करुण गाथा स्वयं कह रही है। इस मार्ग की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि राहगीरों के लिए पैदल चलना तक दुश्वार हो गया है। सड़क पर गड्ढों की भरमार है, कहीं-कहीं तो यह स्पष्ट ही नहीं हो पाता कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढों में कहीं सड़क बची है। जलजमाव की स्थिति ने राहगीरों, विशेषकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह मार्ग और भी खतरनाक बना दिया है। कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें बाइक सवार गिरकर घायल हुए हैं।

*आस्था व प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर कपिलधारा*

कपिलधारा और दूधधारा जैसे जलप्रपात न केवल अमरकंटक के सौंदर्य प्रतीक हैं, बल्कि यह स्थल श्रद्धा का केंद्र भी हैं। यहां पहुंचने वाला हर पर्यटक प्राकृतिक शांति और धार्मिक अनुभूति का अनुभव करना चाहता है। परंतु, मार्ग की दुर्दशा उनके इस अनुभव को बाधित कर रही है। विशेषकर श्रावण मास में, जब कांवड़ यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु यहां प्रतिदिन पहुंचते हैं, मार्ग की बदहाली और भी ज्यादा तकलीफदेह हो जाती है।

*प्रशासन व विभागीय उदासीनता पर उठ रहे सवाल*

यह मार्ग लोक निर्माण विभाग, पुष्पराजगढ़ उपखंड के अधीन आता है, जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी अमरकंटक के उपयंत्री के पास है। बावजूद इसके, विगत कई महीनों से इस मार्ग की मरम्मत को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गई है। यह तथ्य और भी चिंताजनक हो जाता है जब यह ज्ञात हो कि अमरकंटक में आए दिन अति विशिष्ट व्यक्तियों  का आगमन होता है और लाखों पर्यटक-तीर्थयात्री यहां भ्रमण हेतु आते हैं।

*तीव्र मांग तत्काल सुधार की आवश्यकता*

पश्चिम बंगाल के कोलकाता, वर्धमान और उत्तर प्रदेश के कानपुर व बनारस से आए श्रद्धालु तीर्थयात्रियों सहित स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि मार्ग की तत्काल मरम्मत सुनिश्चित की जाए। अन्यथा, यह मार्ग एक बड़े जनआक्रोश का कारण बन सकता है। निष्कर्षत, कपिलधारा मार्ग केवल एक सड़क नहीं, यह आस्था और पर्यटन को जोड़ने वाली जीवनरेखा है। इसकी मरम्मत और रख-रखाव में लापरवाही न केवल दुर्घटनाओं का कारण बन रही है, बल्कि अमरकंटक की छवि को भी धूमिल कर रही है। अब समय आ गया है कि प्रशासन त्वरित संज्ञान लेकर ठोस कदम उठाए।

समाचार 06 फ़ोटो 06

2 अलग-अलग मामलो में आकाशीय बिजली गिरने 1 बालक व छह मवेशियों की हुई मौत

शहडोल

जिले के जैतपुर और ब्यौहारी थाना क्षेत्रों में बुधवार को आकाशीय बिजली गिरने से एक बालक सहित छह मवेशियों की दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है। जैतपुर के कदौड़ी गांव में खेत में काम कर रहा एक बालक आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया, जबकि ब्यौहारी के नगनौडी गांव में छह मवेशियों की जान चली गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जैतपुर थाना प्रभारी जिया उल हक ने बताया कि कदौड़ी गांव में बुधवार दोपहर एक बजे सरजू प्रजापति अपने पुत्र आशीष प्रजापति और अन्य लोगों के साथ अपने खेत में रोपा लगा रहे थे। अचानक तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरी और बालक आशीष उसकी चपेट में आ गया। घटना के समय बालक अपने पिता से काफी दूर था। परिजनों ने तुरंत बालक को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी ने जानकारी दी कि पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर लिया है और आगे की जांच जारी है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौपा जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि आशीष सरजू का एक लौता पुत्र था, घटना के बाद से गांव में मातम पसरा है।

वहीं दूसरी ओर, ब्यौहारी के नगनौडी गांव में खेत में बैठे हुए छह मवेशी भी आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए। घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक मवेशियों की मौत हो चुकी थी। इस घटना की सूचना पंचायत को दी गई है। इस तरह की घटनाएं बारिश के मौसम में अक्सर होती हैं, जब आकाशीय बिजली गिरने की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसान और ग्रामीणों को इस मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। विज्ञान डॉ मृगेंद्र सिंह ने भी आगाह किया है कि तेज गर्जना और बारिश की स्थिति में खुले में ना रहें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं।

समाचार 07 फ़ोटो 07

सीवरेज लाइन हादसे में दो मजदूरों की हुई थी मौत, लापरवाह 5 लोगो पर हुआ मामला दर्ज

शहडोल 

जिले के कोनी क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना में दो मजदूरों की मृत्यु हो गई थी। ये दोनों मजदूर सीवरेज लाइन डालने के कार्य के दौरान मिट्टी में दब गए थे। इस मामले में पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर, सुपरवाइजर और सब इंजीनियर सहित पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।

यह घटना शहडोल के वार्ड क्रमांक 1 कोनी में हुई, जहां अहमदाबाद की मेसर्स पी.सी. स्नेहल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. द्वारा सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य चल रहा था। गड्ढे में कार्य करते समय अचानक मिट्टी खिसकने की वजह से कोटमा के निवाशी दो भाई मुकेश बैगा और महिपाल बैगा, की मौके पर ही मौत हो गई। प्रशासन को उनके शवों को निकालने में लगभग 12 घंटे लग गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि स्थिति कितनी गंभीर थी।

पुलिस ने प्रारंभिक जांच के दौरान पाया कि मजदूरों की मौत कंपनी की लापरवाही का परिणाम थी। थाना प्रभारी भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया, हमें पीएम रिपोर्ट मिली, जिसके आधार पर हमने उचित कदम उठाए हैं। जांच अभी जारी है और हम मामले को पूरे गंभीरता से देख रहे हैं।हालांकि पुलिस ने जिन पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें ये शामिल है। आर राजू प्रोजेक्ट मैनेजर, मेसर्स पी.सी. स्नेहल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., अहमदाबाद, नितेश मित्तल प्रोजेक्ट मैनेजर, मेसर्स पी.सी. स्नेहल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., अहमदाबाद, राहुल साहू सुपरवाइजर, मेसर्स पी.सी. स्नेहल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., अहमदाबाद, जेनेन्द्र सिंह यादव सब इंजीनियर, मप्र अरबन डेवलपमेंट कंपनी, शहडोल, पूजा नायक ओदरी बकेली थाना पाली, जिला उमरिया, इन सभी पर थाना सोहागपुर में 106 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है।

समाचार 08 फ़ोटो 08

ओपीएम प्लांट में कर्मचारी का हाथ मशीन में फंसा, अस्पताल में भर्ती

अनूपपुर

ओरियंट पेपर मिल अमलाई के टीशू प्लांट-3 में बीती रात एक बड़ा हादसा हो गया। ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी मनीष सिंह का हाथ मशीन में फंस गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें शहडोल अस्पताल लाया गया, जहां से गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जबलपुर रेफर किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनीष सिंह निवासी पानी टंकी के पास, ओपीएम कॉलोनी, बीती रात ड्यूटी के दौरान टीशू प्लांट-3 में कार्यरत थे। इसी दौरान एक मशीन में उनका हाथ फंस गया। कुछ ही सेकेंड में उनका शरीर भी मशीन की ओर खिंच गया, जिससे वे बुरी तरह घायल हो गए।

हादसे के वक्त ड्यूटी पर तैनात अन्य कर्मचारियों के पास मोबाइल रखने की अनुमति नहीं थी, जिससे तत्काल किसी को सूचना नहीं दी जा सकी। मनीष काफी देर तक घायल अवस्था में वहीं पड़े तड़पते रहे। काफी समय बाद जब अन्य कर्मचारियों को घटना की जानकारी मिली, तब उन्हें मिल के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद शहडोल जिला अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन स्थिति गंभीर होने पर कुछ ही देर में उन्हें जबलपुर भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि घायल मनीष सिंह को होश नहीं आया है और उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।

समाचार 09 फ़ोटो 09

मछली पकड़ने गया युवक नदी में बहा, तीन दिन बाद 30 किलोमीटर दूर मिला शव

शहडोल

बारिश के सीजन में नदी में मछली पकड़ रहा एक युवक बाढ़ के थपेड़ों में बह गया था। जिसका शव तीसरे तीन 30 किलोमीटर दूर मिला है।घटना सोमवार दोपहर की थी ,घटना के बाद एसडीआरएफ एवं पुलिस लापता युवक की तलाश में लगी थी जिसका शव आज बुधवार सुबह बेल्हा गांव में पुलिस एवं रेस्क्यू टीम को मिला है। पुलिस ने बताया कि घटना दिनांक से लगातार रेस्क्यू टीम के साथ पुलिस सर्चिंग कर रही थी नदी में तेज बहाव था जिसकी वजह से युवक गहरे पानी में डूब गया और उसकी मौत हो गई , बहते बहते वह 30 किलोमीटर दूर पहुंच गया और आज युवक के शव को रेस्क्यू टीम ने बरामद किया है । घटना गोहपारू थाना क्षेत्र के गोडारू घाट की थी।

पुलिस ने बताया कि गोहपारू थाना क्षेत्र के महुआ टोला का रहने वाला युवक रुस्तम सिंह गोड (24)अपने कुछ साथियों के साथ सोन नदी के गोडारू घाटमें सोमवार दोपहर मछली पकड़ने पहुंचा था। आसपास सभी दोस्त खड़े होकर बंसी से मछली पकड़ रहे थे।तभी रुस्तम नदी के पानी में खड़ा हो कर मछली पकड़ने लगा ,और उसके अन्य दोस्त पानी से बाहर थे, उसके साथियों ने उसे कहा कि पानी से बाहर आ जा लेकिन रुस्तम मानने को तैयार नहीं था। और नदी के कम बहाव में खड़ा हो कर मछली पकड़ने में व्यस्त था। तभी अचानक सोन नदी में पानी का बहाव तेज हुआ और बाढ़ आ गई, जिसे देख रुस्तम के अन्य दोस्त जो पानी से बाहर थे ,वह तुरंत दूर हो गए। लेकिन रुस्तम बाढ़ के थपेड़ों में बह गया। युवक के दोस्तों ने उसे बचाने की कोशिश की ,लेकिन पानी के तेज बहाव से उनकी कोशिश नाकाम रही।

घटना के बाद रुस्तम के दोस्तों ने गोहपारू पुलिस को मामले की जानकारी दी, जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एसडीआरएफ टीम को मौके पर बुलवाया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। लेकिन दो दिनों तक तलाश करने के बाद भी रेस्क्यू टीम को सफलता हाथ नहीं लगी और बुधवार सुबह घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर पर युवक का शव रेस्क्यू टीम को मिला है। पुलिस मामले पर मर्ग कायम कर जांच करने की बात कह रही है।

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget