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45 लाख की सायबर ठगी करने वाले गिरोह के शातिर बदमाश को पुलिस ने किया गिरफ्तार
*लैपटॉप,मोबाइल सहित ठगी के दस्तावेज जप्त, 8 वर्षो से डिजिटल अरेस्ट कर ठगते रहे*
अनूपपुर/कोतमा
जिले के कोतमा पुलिस टीम ने साइबर ठगी करने वाले गिरोह के शातिर बदमाश सौरभ शर्मा 32 वर्ष को विदिशा जिले से गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी पाई है। गिरोह ने नगर के अवधेश ताम्रकार के पुत्र आशीष ताम्रकार 53 वर्ष को पिछले 8 साल से डिजिटल अरेस्ट कर 45 लाख रुपए ठगते रहे। आरोपी सौरभ शर्मा पर धारा 419, 420, 34 आईपीसी का मामला दर्ज होने पर न्यायालय में पेश कर 4 दिन की रिमांड में लेकर कड़ाई से पूछताछ कर रही है। 8 साल तक डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह ने व्यापारी आशीष ताम्रकार से सीबीआई अधिकारी, जज ,हाईकोर्ट वकील एवं पुलिस अफसर बनकर 45 लाख रुपए अलग-अलग खातों में ठगा गया है ।आरोपी सौरभ शर्मा को विदिशा से दबोचते हुए पुलिस अभिरक्षा में लिया गया। जिसके कब्जे से लैपटॉप,मोबाइल सहित ठगी के दस्तावेज को जप्त किया गया है।
अन्य फरार आरोपियों की तलाश में टीम सर्च कर रही है। 8 वर्षों तक चले हैरत भरे ठगी कांड में शामिल मुख्य सरगना महेंद्र शर्मा एवं साथी रवि डोहरिया की मौत हो गई।आशीष ताम्रकार 53 वर्ष पिता अवधेश ताम्रकार की बाजार में इलेक्ट्रॉनिक शॉप है। वायदा बाजार में पैसा इन्वेस्ट करते थे निवेश की गई राशि का 23 लाख रुपए वर्ष 2017 में मिलना था। जिसकी भनक शातिर जालसाजों को लग गई। योजना बनाकर नीमच थाने के अधिकारी बनकर मिलने वाले 23 लाख रुपए को हवाला की रकम बताकर ठगने का सिलसिला शुरू कर दिया।
जिसके बाद साइबर ठगो के द्वारा अलग-अलग मोबाइल नंबरों का उपयोग कर सीबीआई अधिकारी, जज, पुलिस, हाइकोर्ट एडवोकेट बनकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया और कुल 45 लाख रुपए खातों में डलवाते रहे। इस दौरान बदमाशों के द्वारा स्क्रीन पर फर्जी पुलिस, जज , सीबीआई अधिकारी बनने का नाटक कर पुलिस सायरन भी बजाते रहे। डरे सहमे व्यापारी द्वारा गिरफ्तारी के डर से लगातार रुपयों की मांग पूरी की जाती रही। 2 टीम बनाते हुए मामले के खुलासा करने में पुलिस जुट गई । उपयोग किए गए मोबाइल नंबरों के आधार पर आरोपी सौरभ शर्मा 32 वर्ष पिता गोविंद शर्मा निवासी गिरधर कॉलोनी देहात थाना को अभिरक्षा में लेकर कोतमा थाने लाया गया।
आरोपियों द्वारा साइबर ठगी करने को लेकर प्रदेश की राजधानी भोपाल में आर बी ट्रेडर्स,तिरुपति फिनटेक सहित अन्य नाम की फर्जी कंपनियों को दिखावे के लिए खोलते थे जिनका उद्देश्य पूरा सेटअप बनाकर चोरी छिपे साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट का काम किया जाता था। पूरे काम को अंजाम देने के लिए आरोपियों द्वारा अलग-अलग नंबरों एवं खातों का उपयोग करता था। भोपाल में फर्जी कंपनी की भनक लोगों को लगने पर वहां से भागकर विदिश में नए नाम से कंपनी खोली गई। गिरफ्तार आरोपी सौरभ शर्मा ठगी के साथ, प्राइवेट काम करने के साथ जमीन दलाली की भी सौदेबाजी करता है।
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ठेकेदार पर लटकी कार्रवाई की तलवार लटकी, 428 मीटर सड़क निर्माण में पाई गई गंभीर अनियमितताएं
अनूपपुर/बिजुरी
जिला के बिजुरी नगर पालिका परिषद अंतर्गत क्षेत्र में चल रहे कायाकल्प मिशन योजना 1.0 के अंतर्गत हनुमान मंदिर से स्टेशन तिराहा तक सड़क निर्माण कार्य में अनियमितताएं सामने आई हैं। ठेकेदार अजय कुमार एण्ड ब्रदर्स को कार्य सौंपा गया था, लेकिन कार्य की गुणवत्ता और मानकों पर खरा न उतरने के कारण नगर पालिका द्वारा उन्हें 07 जून 2023 को पूर्व में ही नोटिस जारी किया गया था।
नगरपालिका परिषद बिजुरी द्वारा पुनः निरीक्षण में पाया गया कि 478 मीटर लंबी सड़क निर्माण कार्य में तकनीकी खामियां गंभीर हैं। निर्धारित मानकों के अनुसार 6.6 प्रतिशत की दर से प्रयुक्त मेटेरियल डाला जाना था, जबकि ठेकेदार द्वारा केवल 3.7 प्रतिशत मटेरियल ही उपयोग में लाया गया। साथ ही, 428 मीटर की सड़क में उपयुक्त गिट्टी और डामर की मात्रा भी कम पाई गई।
नगरपालिका द्वारा जारी नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य की गुणवत्ता से समझौता किया गया है और तकनीकी मापदंडों का उल्लंघन हुआ है। तीन दिवस की अवधि में संतोषजनक जवाब न देने पर नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, किंतु लंबा समय बीत जाने के बाद भी आज तक ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही न होने के कारण लोक धन का खुला दुरुपयोग किया गया है। और सत्ता पक्ष का नेता होने के कारण आज तक कार्रवाई न होना चिंता का विषय है।
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि संबंधित ठेकेदार नगर पालिका परिषद पसान में उपाध्यक्ष हैं और अब जिले में अन्य स्थानों पर भी ठेकेदारी कर रहे हैं। उन्हें मुनाफा न मिलने पर वह अलग-अलग परियोजनाओं में कार्य कर शासन को धोखा दे रहे हैं। अब देखना होगा कि नगर पालिका परिषद बिजुरी ठेकेदार के विरुद्ध कब तक ठोस कार्रवाई करती है या फिर मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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ओपीएम कास्टिक सोडा यूनिट में जानलेवा लापरवाही, मजदूर की जान पर बना, फिर भी सुरक्षा नहीं कब जागेंगे जिम्मेदार
*बिना सुरक्षा उपकरणों के खतरनाक काम,लेबर एक्ट का खुला उल्लंघन*
अनूपपुर/अमलाई
एक बार फिर ओरिएंट पेपर मिल की कास्टिक सोडा यूनिट से मानव जीवन के साथ हो रहे खिलवाड़ की खौफनाक तस्वीर सामने आई है। बीते दिन मजदूर रन्नू पनिका को काम के दौरान एक जहरीले सर्प ने काट लिया। मिल प्रबंधन की लापरवाही के बावजूद GM अविनाश वर्मा की तत्परता से मजदूर की जान तो बच गई, लेकिन इस घटना ने मजदूर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
*बिना सुरक्षा उपकरणों के खतरनाक काम*
रन्नू पनिका, जो ठेकेदार संतोष मिश्रा के अधीन कार्य करता है, उन सैकड़ों मजदूरों में से एक है जिन्हें कास्टिक जैसे रसायनों की गंध, रिसाव और जहरीले वातावरण में बिना हेलमेट, बूट, दस्ताने या गैस मास्क के भेजा जाता है।कई मजदूरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें मिल के भीतर खतरनाक इकाइयों में बिना किसी प्रशिक्षण और सुरक्षा साधनों के काम करने मजबूर किया जाता है। यह सब कुछ मिल प्रबंधन और ठेकेदारों की मिलीभगत से हो रहा है।
*लेबर एक्ट का खुला उल्लंघन*
कास्टिक यूनिट जैसे अति-संवेदनशील स्थान पर कार्यरत मजदूरों के लिए सेफ्टी गियर, बीमा, चिकित्सा सुविधा, प्रशिक्षण और आकस्मिक बचाव टीम की व्यवस्था अनिवार्य है। लेकिन ओरिएंट मिल में लेबर एक्ट की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। सवाल यह उठता है कि लेबर विभाग, जिला प्रशासन और फैक्ट्री निरीक्षण अधिकारी क्या सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित हैं? क्या अधिकारी ठेकेदारों और अफसरों की मिलीभगत से आंखें मूंदे हुए हैं?
*मजदूर संगठनों की चेतावनी*
इस घटना के बाद मजदूर संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। सांप काटे जाने की खबर जैसे ही आम पब्लिक के बीच में गई उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों को दुरुस्त नहीं किया गया, तो जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा और प्रशासन को भी घेराव का सामना करना पड़ेगा। इस तरह की जान चर्चाओं का बाजार पूरे क्षेत्र में गम है और निश्चित रूप से आने वाले दिनों में कई मजदूर संगठन इकाई के नेता आगे आकर इस पर विरोध करने की बात कह रहे हैं।
*अगली बार किसकी जान जाएगी*
मजदूर कोई मशीन नहीं, वो भी एक इंसान है। उसकी जान की कीमत किसी यूनिट के प्रोडक्शन से कहीं ज्यादा है। अगर आज भी इस घटना से प्रशासन नहीं जागा, तो अगली खबर शायद किसी की मौत की होगी। आप महीने में दो-चार खबर ओरिएंट पेपर मिल और सोडा फैक्ट्री की सुनते ही होंगे यहां पर कोई बड़ी जन हानि होती ही रहती है, लेकिन हादसे हैं कि कम होने का नाम ही नहीं लेते इन सब के बीच कहीं ना कहीं ऑफिसर और नेताओं का बड़ा रोल है, जिस पर कंपनी के मालिक को समझने की जरूरत है।
*क्या जिला प्रशासन व श्रम विभाग लेंगे संज्ञान*
जिस तरह से आए दिन ठेकेदार और कंपनी के अन्य जिम्मेदारों के बीच में लापरवाही को लेकर आने को हाथ से होते रहते हैं, क्या अब इस बार जिले का प्रशासन, श्रम विभाग और पर्यावरण विभाग अब आंखें खोलेगा?,क्या ओरिएंट मिल के भीतर असली हालात की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी, क्या ठेकेदारों और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। यदि आपने भी ऐसे किसी मजदूर की परेशानी देखी हो, तो अपनी आवाज़ उठाएं। क्योंकि चुप रहना अब सबसे बड़ा अपराध है,और दबाव का कारण भी हादसों को रोकना है तो जागना पड़ेगा शासन प्रशासन के अलावा ठेकेदार और मजदूर को अपनी बात रखने का जगह और तालमेल बिठाना ही होगा।
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सीसी रोड पर कराया गया था डामरीकरण, बारिश में धंसी सड़कें, चलना हुआ मुश्किल
अनूपपुर/कोतमा
जिले के कोतमा नगर मे बस स्टैंड से जखीरा चौक तक जाने वाली सड़क बरसात में गुम हो गई है। लाखों रुपए की लागत से बनी सीसी रोड के ऊपर नगर पालिका द्वारा डामर कर लेप लगाया गया था जो बरसात में घुल चुका है। अब गड्ढों व पानी के बीच लोगो का चलना मुश्किल हो रहा है। लोग ढूंढ़ रहे हैं कि सड़क है कहाँ। सड़क का निर्माण पूर्व परिषद के कार्यकाल में वर्ष 2019 में करवाया गया था लेकिन ठेकेदार की मनमानी के कारण यह सड़क जनता हो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। नगर पालिका निधि से 27 लाख की लागत से सीसी सड़क का निर्माण कार्य करवाया गया था। यह सड़क बनते ही उखड़ने लगी थी जिस पर नागरिकों ने आपत्ति जताई तो ठेकेदार ने रातों-रात सीसी सड़क के ऊपर डामरीकारण करते हुए सड़क का निर्माण कार्य करा दिया लेकिन यह सड़क भी ज्यादा दिन नहीं चली और बनते ही सड़क में जगह-जगह गड़े हो गाए सड़क उखड़ने लगी।
माध्यप्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल को एक साल पूर्व नगर पालिका सभाकक्ष में बैठक के दौरान लोगों ने शिकायत भी सड़क की गुणवत्ता एवं निर्माण कार्य को लेकर की थी मिस पर मंत्री ने नगरीय प्रशासन विभाग शहडोल से बात की थी और उन्हें सड़क का निर्माण कार्य करवाए जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन निर्माण कार्य दोबारा से नहीं करवाया जा रहा है इससे साफ जाहिर हो रहा है कि मंत्री के निर्देश पर अमल नहीं किया गया।
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वार्ड पार्षद नोहर सिंह पर लगाया गया रंगदारी, गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी का आरोप
अनूपपुर/कोतमा
नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद नोहर सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए वार्ड निवासी सदन सिंह ने पुलिस प्रशासन को लिखित शिकायत सौंपी है। शिकायत में सदन सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्षद ने न केवल निर्माण कार्य में अवरोध उत्पन्न किया, बल्कि 50,000 रुपये की रंगदारी मांगते हुए गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी तक दी।
शिकायत के अनुसार, सदन सिंह का मकान वर्ष 2013-14 में बना था, जब नोहर सिंह पार्षद नहीं थे। हाल ही में अधूरे बाथरूम निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, तभी पार्षद बिना किसी वैध कारण के मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य रुकवा दिया। इस दौरान उन्होंने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए 50 हजार रुपये की मांग की और धमकी दी कि यदि काम फिर शुरू किया तो जान से मार देंगे। सदन सिंह का कहना है कि पार्षद नोहर सिंह स्वयं को भाजपा से जुड़ा बताते हुए कहते हैं, "मैं भाजपा से हूँ, मेरी सरकार है, पुलिस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। तू चाहे थाना चला जा, मैं वहीं घुसकर तुझे सबक सिखा दूंगा। ज्यादा होशियारी दिखाई तो जिंदा नहीं बचेगा।
सदन सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्षद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों से 10-10 हजार रुपये और अन्य नागरिकों से निर्माण कार्य के लिए 20 से 50 हजार रुपये तक की वसूली की जाती है। जो लोग बिना भुगतान के निर्माण करना चाहते हैं, उन्हें परमिशन नहीं दी जाती। पार्षद द्वारा लगातार रास्ता रोकना, गाली-गलौज करना, पैसे मांगना और जान से मारने की धमकी दी जाती है जिससे वह और उनका परिवार मानसिक रूप से टूट चुके हैं। अब घर से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा है। सदन सिंह ने अपने शिकायती पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है, अगर मुझे या मेरे परिवार को कुछ भी होता है तो उसकी जिम्मेदारी सिर्फ पार्षद नोहर सिंह की होगी। इतने गंभीर आरोप के बाद भी प्रशासन चुप बैठी हैं।
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पत्रकार सुनील, आशीष व आशुतोष को राहवीर योजना के अंतर्गत होंगे सम्मानित
अनूपपुर/राजेन्द्रग्राम
सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल उपचार केंद्र तक पहुंच कर चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2025 से संपूर्ण भारत में राहवीर योजना लागू की गई है, जिसे मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 3 जून 2025 से प्रदेश मे प्रारंभ किया गया। विगत एक माह में सात प्रस्ताव राहवीर योजना के अंतर्गत पुरस्कार के लिए भेजे जा चुके हैं। बेनीबारी से तुलरा के बीच घटित सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को स्वयं के वाहन से बेनीबारी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने वाले तीन व्यक्तियों के प्रस्ताव पुरस्कार हेतु थाना करणपठार द्वारा भेजे गए हैं। बेनीबारी से तुलराग्राम की ओर जाने वाले रोड पर धूमकापा के पास मोटरसाइकिल फिसलने से घटित दुर्घटना में मोटरसाइकिल चालक के सिर में गंभीर चोट आई थी, जो सड़क पर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ था,जिसे राजेंद्र ग्राम निवासी सुनील गुप्ता ,आशीष सेन एवं आशुतोष सिंह द्वारा स्वयं के वाहन से बेनीबारी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज शहडोल के लिए रेफर किया गया था। तीनों नेक व्यक्तियो की तत्परता के कारण घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में प्राथमिक उपचार प्राप्त हुआ, जिससे घायल व्यक्ति की जान को बचाया जा सका। इस नेक कार्य के प्रोत्साहन स्वरूप राहवीर योजना के तहत पुरस्कार के लिए प्रस्ताव भेजा गया
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नदी के बीच मे फंसे दो दर्जन जानवर, प्रशासन बेखबर, जनप्रतिनिधियों ने उठाई रेस्क्यू की मांग
शहडोल।
जिले के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम सुखाड़ के पास सोन नदी के टापू में दो दर्जन से अधिक मवेशी बीते तीन-चार दिनों से फंसे हुए हैं। क्षेत्र में बाणसागर डैम के गेट खोलने के बाद नदी में अचानक पानी का बहाव तेज हो गया, जिससे मवेशियों के वापस लौटने का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि डैम के कुल 8 गेट खोले गए हैं, जिससे सोन नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए और इसी बीच मवेशी नदी के टापू में फंसकर रह गए।
हालत यह है कि पिछले कई दिनों से ये मवेशी न तो इधर आ सके और न ही उन्हें चारा-पानी मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यदि जल्द ही रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया गया, तो इन मवेशियों की जान को खतरा हो सकता है। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन को अब तक इस घटना की जानकारी ही नहीं है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की मानें तो प्रशासन की ओर से कोई राहत या बचाव कार्य शुरू नहीं किया गया है।
मामले को लेकर जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र पटेल ने बाणसागर डैम के गेट तत्काल बंद करने और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह एक बड़ी पशुहानि हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। यह घटना प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। बाढ़ जैसे हालात के बावजूद क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों और मवेशियों की सुरक्षा के लिए कोई पूर्व सूचना, अलर्ट नहीं की गई थी।
समाचार 08 फ़ोटो 08
कावड़ियों से भरे बस का हुआ ब्रेक फेल, ड्राइवर की सूझबूझ से खाई में गिरने से बची बस
शहडोल
जिले में एक बड़ा हादसा टल गया। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से मैहर जा रही कांवड़ यात्रियों से भरी एक बस का अचानक ब्रेक फेल हो गया। बस में करीब 50 से ज्यादा महिलाएं और बच्चे सवार थे। बस अनियंत्रित होकर घाटी की ओर तेजी से बढ़ रही थी, तभी विपरीत दिशा से आ रहे एक ट्रक चालक ने समझदारी और साहस का परिचय देते हुए अपनी ट्रक को सामने खड़ा कर दिया, जिससे बस ट्रक से टकरा गई और वही रुक गई। अगर ट्रक समय पर सामने नहीं आती, तो बस सीधे खाई में गिर सकती थी।
यह पूरी घटना सिंहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पतखई घाट की है। जानकारी के मुताबिक, बस क्रमांक CG-07-BW- 2738 में छत्तीसगढ़ के रायपुर के 50 से ज्यादा महिलाएं, पुरुष और बच्चे सवार थे, जो मैहर देवी के दर्शन के लिए मध्यप्रदेश की ओर जा रहे थे। जैसे ही बस पतखई घाट पर पहुंची वह अनियंत्रित होकर घाटी की ओर तेज रफ्तार से लुढ़कने लगी। इसी दौरान रीवा से छत्तीसगढ़ की ओर जा रहा एक ट्रक सामने से आ रहा था, ट्रक चालक ने वक्त की नजाकत को समझते हुए अपनी ट्रक को बस के सामने खड़ा कर दिया, जिससे ब्रेक फेल बस उससे टकराकर खाई में गिरने से बच गई। हादसे के दौरान बस का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ, लेकिन सभी यात्री सुरक्षित रहे।
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लकड़ी काटने के दौरान पेड़ से फिसलने से गिरा किसान, पेट मे घुसी लकड़ी हुई मौत
शहडोल
जिले के ब्यौहारी थाना अंतर्गत आखेटपुर गांव में एक किसान के साथ हुआ दर्दनाक हादसा क्षेत्र में शोक का माहौल बना रहा। 24 वर्षीय रामभुवन कोल, जो कि अपने गांव के लिए एक समर्पित किसान थे, लकड़ी काटने के दौरान पेड़ से गिर गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, रामभुवन सराई के पेड़ पर चढ़कर डगाली काट रहे थे, तभी अचानक उनका पैर फिसल गया और वह पेड़ से गिरते हुए एक कटी हुई डगली में फंस गए। इस घटना के कारण लकड़ी उनके पेट में घुस गई जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि रामभुवन एक दिन पहले लकड़ी काटने के लिए घर से महज 5 किलोमीटर दूर जंगल गए थे। शाम हो गई और रात गुजर गई , लेकिन लकड़ी काटने गया युवक घर नहीं लौटा तब परिजनों को चिंता हुई और सुबह परिजनों ने युवक की तलाश में जंगल निकल गए। परिजनों को पता था कि युवक किसी ओर गया है। तलाश के दौरान सुबह की धुंध में जब परिजनों ने जंगल की ओर कदम बढ़ाए, तो उन्हें एक पेड़ से 15 फीट ऊंचाई पर रामभुवन का शव कटी हुई डगली में लटका हुआ मिला। जिसे देख परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया। परिजनों के साथ युवक की तलाश में कुछ गांव के लोग भी मौजूद थे। जिसके बाद लोगो ने पुलिस को सूचना दी।मौके पर पहुंची पुलिस ने कुछ स्थानीय लोगों की मदद से रस्से के सहारे युवक का शव पेड़ से नीचे उतरवाया और कार्यवाही करते हुए पोस्टमार्टम के लिए शव अस्पताल लाया गया।व्यौहारी थाना प्रभारी अरुण पांडे ने कहा, हमने मामले पर मर्ग कायम कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है।