प्रचार का बोर्ड लगाने वृक्षों पर निर्ममता से ठोकी जा रही है लोहे का कील, कहां है पर्यावरण संरक्षणकर्ता

प्रचार का बोर्ड लगाने वृक्षों पर निर्ममता से ठोकी जा रही है लोहे का कील, कहां है पर्यावरण संरक्षणकर्ता 

*एक वृक्ष 100 पुत्र समान का नारा भी बेमानी*


 अनूपपुर

जिले के पवित्र नगरी अमरकंटक में व्यवसायी अपने कार्यों का प्रचार प्रसार करने हेतु कोई कोर कसर नहीं छोड़ते यहां तक की प्रचार सामग्री का बोर्ड वर्तमान समय का फ्लेक्स को लगाने टांगने के लिए हरे भरे वृक्षों पर निर्ममता के साथ मोटे मोटे लोहे का कील ठोक कर तथा लोहे का तार बांधकर प्रचार सामग्री लगाते एवं बांधते हैं, यहां तक की वृक्ष में रस्सी एवं तार से तोरण तथा पताका बांधते हैं, इससे वृक्षों की संरचना एवं अन्य गतिविधि प्रभावित एवं बाधित होती हैं । इस तरह की कार्यगतिविधियों को देखकर लगता है कि शासन एवं प्रशासन के नारा  स्लोगन महज दिखावा एवं कार्यक्रमों में बोलने दिखाने तक सीमित हो गया है, पर्यावरण वृक्षों के संरक्षण संवर्धन का यह नारा बेमानी हो गया है, जिसमें एक वृक्ष सौ पुत्र समान कहा एवं बताया जाता है, लेकिन लोग उन्हें वृक्षों अपने हित साधन एवं लाभार्जन के लिए  प्रचार प्रसार हेतु कोई कोर कसर वृक्षों पर बोर्ड टांगते हैं लगाते हैं, इसके लिए पेड़ में बहुत ही निर्मम तरीके से कील ठोक देते हैं, ताकि गिरे नहीं और साथ ही लोहे का तार बांधते हैं । पावन पवित्र नगरी अमरकंटक धार्मिक तीर्थ स्थल है आध्यात्मिक केंद्र है ऐसे पवित्र तीर्थ स्थल के पेड़ पौधों पर इस तरह का कृत्य क्या सही है । 

पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के जालेश्वर से  अमरकंटक नगर तक तथा कबीर चबूतरा से अमरकंटक नगर तक एवं सोनमूड़ा, माई  की बगिया जाने वाले मार्ग के सैकड़ो विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधों में व्यवसाईयों के द्वारा प्रचार बोर्ड टांग कर  कील से ठोक कर तार से बांधकर लगाया गया है। बाहर से आए एक पर्यावरण प्रेमी एवं वृद्ध संत ने कहा कि पेड़ पौधों के साथ ऐसा कदापि भी नहीं करना चाहिए। प्रशासन के विभिन्न विभागों के नजर इसमें नहीं पड़ी या इस पर ध्यान नहीं दिया गया  ऐसे प्रचार तंत्र के बोर्ड को त्वरित हटवाया जाना चाहिए । 

कार्यक्रमों के दौरान वक्ताओं के द्वारा कहा बोला जाता है कि वृक्ष हमें प्राण वायु देते हैं, ऑक्सीजन देते हैं, वृक्ष न रहे तो मानव का जीवन असंभव एवं दूभर हो जाए। पवित्र नगरी अमरकंटक में हर आम खास जगह के वृक्ष पर प्रचार तंत्र का बोर्ड लगा हुआ है यहां तक की विभिन्न आश्रमों के सामने कार्यालय तथा विद्यालय के सामने लगे वृक्ष पर भी ऐसा ही कुछ देखा जा सकता है, इसके चलते कई जगह वृक्ष सूख गए हैं,  गिरने की कगार पर हैं । क्या  अनूपपुर जिला प्रशासन  स्थानीय प्रशासन अमरकंटक तथा वन विभाग एवं पुलिस प्रशासन इस दिशा में ध्यान देकर त्वरित आवश्यक कार्यवाही कराएगा ।

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