स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा पर हाईकोर्ट सख्त, 7 दिन में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के दिए आदेश

 स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा पर हाईकोर्ट सख्त, 7 दिन में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के दिए आदेश


अनूपपुर

वार्ड क्रमांक 11, नगर परिषद बनगवां राजनगर के पार्षद विकास प्रताप सिंह द्वारा राजनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाल स्थिति को लेकर दिनांक 6 जून 2025 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका क्रमांक WP/20174/2025 दाखिल की गई थी। इस याचिका को वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्दार्थ गोटिया द्वारा प्रस्तुत किया गया था। 9 जून 2025 को युगल पीठ द्वारा शासन को सभी मांगे जैसे डॉक्टर, तकनीकी स्टाफ, एंबुलेंस, दवाइयां (एंटी वेनम व एंटी रेबीज), मेडिकल सुविधाएं आदि—को लेकर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन शासन द्वारा सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए हफ्ते में केवल दो दिन के लिए एक डॉक्टर की तैनाती की गई, वह भी कुछ ही घंटों के लिए, जोकि जनता और न्यायालय दोनों के लिए अस्वीकार्य था। मुख्य न्यायाधीश ने शासन को लगाई फटकार 3 जुलाई 2025 को पुनः सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने शासन को फटकार लगाते हुए निर्देश दिए कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजनगर को पूर्ण सुविधाओं के साथ तत्काल सुचारू किया जाए। डॉक्टर, एंबुलेंस, मेडिकल स्टाफ, एंटी वेनम, एंटी रेबीज, तकनीकी स्टाफ सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। सात दिनों के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। स्वास्थ्य केंद्र को जोड़ने वाली सड़क (रोड) की मरम्मत भी अनिवार्य रूप से की जाए। यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीरता और प्रशासनिक उदासीनता पर स्पष्ट संदेश है कि जनता के स्वास्थ्य से समझौता नहीं किया जा सकता। अब नजरें शासन पर टिकी हैं कि 7 दिनों में आदेश का कितना पालन होता है।

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