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फर्जी बिल मामले में कलेक्टर ने प्रभारी प्राचार्य को किया निलंबित, डीईओ को कारण बताओ नोटिस

*24 लीटर पेंट पोतने के लिए लगे 443 मजदूर, 3 लाख की मजदूरी का भुगतान*

शहडोल 

जिले में शिक्षा विभाग में रंगाई-पुताई के नाम पर बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें महज 24 लीटर आयल पेंट लगाने पर लगभग 3 लाख रुपये की मजदूरी खर्च करने का फर्जी बिल पास किया गया है। यह मामला ब्यौहारी विकासखंड के दो शासकीय स्कूलों हाईस्कूल संकदी और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया से जुड़ा हुआ है।

घोटाले की परतें तब खुलीं जब बिल की प्रति इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई और मामला कलेक्टर डॉ. केदार सिंह के संज्ञान में आया। कलेक्टर ने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) फूल सिंह मारपाची को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है और राशि वसूली व जांच के आदेश भी दिए हैं। हाईस्कूल संकदी में 4 लीटर पेंट (मूल्य 784 रुपये) खरीदने का बिल लगाया गया, लेकिन इसे दीवारों पर पोतने के लिए 168 मजदूर और 65 मिस्त्री लगाए गए, जिनकी कुल मजदूरी 1,06,984 रुपये दिखाई गई।

वहीं, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में 20 लीटर पेंट के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्री दर्शाए गए। उनका भुगतान 2,31,650 रुपये के रूप में किया गया। इसमें खिड़कियों और दरवाजों की रंगाई का भी खर्च जोड़ा गया है। इन दोनों ही मामलों में एक ही ठेकेदार, सुधाकर कंस्ट्रक्शन का नाम सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों बिल 5 मई 2025 को कटे हैं और उन पर स्कूल प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर व सरकारी मुहरें लगी हैं। इससे यह स्पष्ट है कि विभाग के कई अधिकारी और शिक्षक इस फर्जीवाड़े में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं।

*कलेक्टर ने प्रभारी प्राचार्य को किया निलंबित*

कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने विगत कुछ दिनों से सोशल मीडिया में वायरल बिल भुगतान के संबंधी समाचार के संबंध में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 के अंतर्गत तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य सुग्रीव शुक्ला (प्राथमिक शिक्षक) शासकीय हाई स्कूल सकन्दी तहसील ब्यौहारी जिला शहडोल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया कर दिया है। निलंबन अवधि में श्री शुक्ला का मुख्यालय को खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, जयसिंहनगर जिला शहडोल नियत किया जाता है। 

*डीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी*

विगत कुछ दिनों से सोशल मीडिया में वायरल बिल भुगतान के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल फूल सिंह मरपाची को कारण बताओ नोटिस जारी किया है तथा 3 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। बिल भुगतान के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) ब्यौहारी, जिला शहडोल (म०प्र०)  द्वारा अवगत कराया है कि शास हाई स्कूल संकन्दी की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ब्यौहारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ब्यौहारी के साथ औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कार्य गुणवत्ताहीन एवं अधूरा पाया गया है। आपके द्वारा कार्य का भौतिक निरीक्षण नहीं किया गया एवं कार्य की पुष्टि किए बिना बिल के भुगतान की स्वीकृति जारी कर दी गई एवं भुगतान भी कर दिया गया है। कार्य का भौतिक निरीक्षण किया बिना बिल की पुष्टि कर भुगतान की स्वीकृति दिया जाना तथा राशि आहरण कर लिया जाना वित्तीय अनियमिता परिलक्षित करता है।

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हत्या के मामले में सजा काट चुके कर्मचारी पर उठे सवाल, तथ्यों को छिपाकर एसीसीएल में कर रहे थे नौकरी

अनूपपुर

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एसईसीएल के सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत अमलाई ओपनकास्ट माइन्स में असिस्टेंट सुपरवाइजर (ट्रांसपोर्टेशन) के पद पर कार्यरत श्रीकांत मिश्रा पर गंभीर आरोप लगे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रीकांत मिश्रा (NEIS न. 24358277) ने नियुक्ति के समय अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि को छिपाकर नौकरी हासिल की थी, जबकि वे पूर्व में हत्या के आरोप में न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध होकर तीन वर्ष तक कारावास की सजा भुगत चुके हैं। आरोप यह भी है कि श्री मिश्रा ने अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि का कोई उल्लेख नियुक्ति प्रपत्रों में नहीं किया, जो न केवल सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन है बल्कि यह स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।

इस पूरे मामले को उजागर करते हुए ग्राम हरदुआ जिला रीवा निवासी श्रीनिवास पाठक ने जिलाधीश अनूपपुर को ज्ञापन सौंपकर मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी कर्मचारी के विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि चूंकि अब श्रीकांत मिश्रा का सेवाकाल समाप्ति की ओर है, अतः जल्द जांच कर उन्हें सेवा से पृथक किया जाए तथा उनकी सेवा अवधि में प्राप्त वेतन एवं पीएफ राशि को जब्त कर राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा की जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि इस कृत्य पर श्रीकांत मिश्रा के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर अलग से दंडात्मक कार्रवाई की जाए।शिकायत की प्रतिलिपि सतर्कता अधिकारी एसईसीएल बिलासपुर, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर एवं मुख्य महाप्रबंधक, सोहागपुर क्षेत्र को भी प्रेषित की गई है मामला गंभीर है और अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन एवं एसईसीएल प्रबंधन इस पर क्या कदम उठाता है।

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पीआरटी महाविद्यालय में यातायात जागरूकता एवं लर्निंग लाइसेंस शिविर का हुआ आयोजन

अनूपपुर

पीआरटी महाविद्यालय अनूपपुर में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं छात्रों को लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया से परिचित कराने हेतु एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में जिला यातायात निरीक्षक ज्योति दुबे उपस्थित रहीं। उन्होंने छात्रों को सड़क सुरक्षा, यातायात नियमों के महत्व, तथा लाइसेंस प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने हेतु प्रेरित किया।

जिला यातायात निरीक्षक ने बताया कि भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पूर्व में संचालित "गुड समेरिटन योजना" को परिवर्तित कर "राहवीर योजना" के रूप में दिनांक 21 अप्रैल 2025 से सम्पूर्ण देश में लागू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पश्चात आपातकालीन अवस्था में घायलों को शीघ्र चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना तथा सहायता करने वाले जागरूक नागरिकों को सम्मानित कर प्रोत्साहित करना है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के संचालक डॉ. देवेंद्र कुमार तिवारी ने की। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा केवल नियम नहीं, एक संस्कार है, जिसे अपनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। शिविर के माध्यम से छात्रों को ऑन-द-स्पॉट लर्निंग लाइसेंस आवेदन की सुविधा भी प्रदान की गई। कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और सभी प्रतिभागियों ने इसे एक ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक अनुभव बताया।

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प्रलेस संघ की साहित्यकार कवि आरती जनकवि सरोज सम्मान से होगीं सम्मानित

अनूपपुर

प्रगतिशील लेखक संघ के शहडोल संभागीय अध्यक्ष विजेंद्र सोनी एडवोकेट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रगतिशील लेखक संघ मध्य प्रदेश राज्य सचिव मंडल की वरिष्ठ साहित्यकार कवि आरती को जनकवि सरोज सम्मान से 2025 से अभिनंदित होंगी। वर्ष 2025 के जनकवि मुकुट बिहारी सरोज सम्मान से कवि, लेखक और सम्पादक आरती को अभिनंदित किया जाएगा। यह जानकारी  जनकवि मुकुट बिहारी सरोज स्मृति न्यास के अध्यक्ष महेश कटारे 'सुगम' तथा सचिव  मान्यता सरोज ने दी है।

विन्ध्य के एतिहासिक कस्बे गोविंदगढ़ में जन्मी और रीवा में पढ़ी लिखी आरती समकाल की महत्वपूर्ण तथा उल्लेखनीय कवि तथा साहित्यकर्मी हैँ।  उनके कविता संग्रह "मायालोक से बाहर" 2014 में "रचना समय" में और "मूक बिम्बों से बाहर" अभी हाल ही में "राधाकृष्ण प्रकाशन" से प्रकाशित हुए हैं ।  वे  "समय के साखी" साहित्यिक पत्रिका का 2008 से निरंतर संपादन  कर रही हैं और केदारनाथ अग्रवाल, नागार्जुन, भवानी प्रसाद मिश्र, डॉ रामविलास शर्मा, फिदेल कास्त्रो, रविंद्रनाथ टैगोर, लेव तोलस्तोय व रसूल हमजातोव की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक मेरा दागिस्तान पर संग्रहणीय  विशेषांकों का संपादन कर चुकी हैं । इनके अलावा साहित्य भंडार से प्रकाशित 'नरेश सक्सेना का व्यक्तित्व एवं कृतित्व पुस्तक ,  2000 के बाद की कविताओं का संकलन तथा का संपादन और "राजपाल एंड सन्स" से  "इस सदी के सामने" नाम से प्रकाशित हो चुका है । मणिपुरी पर केंद्रित यात्रा संस्मरण "मणिपुर डायरी" प्रकाशनाधीन। आरती साहित्य-समाज के जरूरी पहलुओं पर लेखन और प्रकाशन से जुड़ी हैं। न्यास की विज्ञप्ति के अनुसार सुश्री आरती को दिया जाने वाला यह 21वां सरोज सम्मान है तथा इससे सम्मानित होने वाले वे 22वीं कवि हैं।

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तबादले के बाद नई कवायद में जिला बना ‘काली छाया’ अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा

*रिक्तियां गायब, सिस्टम में पारदर्शिता फेल, संकुल प्राचार्य और ऑपरेटरों का ‘राज*

अनूपपुर

मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के तबादले के बाद रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन अनूपपुर जिले में यह कवायद पारदर्शिता से ज्यादा भ्रष्टाचार का पर्याय बनती नजर आ रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सत्र 2025-26 के लिए जीएफएमएस पोर्टल पर रिक्त पदों का विवरण प्रदर्शित कर ऑनलाइन आवेदन बुलाए हैं, लेकिन अनूपपुर में अधिकांश शासकीय विद्यालयों के रिक्त पदों की जानकारी पोर्टल पर अदृश्य है।

*अपात्रों को मौके, पात्र ठगे हुए* 

विभाग के निर्देश साफ हैं कि आवेदन ऑनलाइन होंगे, चयन भी ऑनलाइन होगा, लेकिन यहां संकुल प्राचार्य और स्कूलों के कंप्यूटर ऑपरेटर ही नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया के ‘किंगमेकर’ बने हुए हैं। पात्र शिक्षक फाइलें और दस्तावेज लिए बीईओ, डीईओ और सहायक आयुक्त कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं से भी कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी जा रही। पोर्टल पर रिक्तियां ही अपलोड नहीं की गईं, तो आवेदन पात्र करें भी तो कैसे?

*तारीखों की बाजीगरी*

पहले चरण के लिए 26 जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 1 से 3 जुलाई तक उपस्थिति प्रमाणीकरण का शेड्यूल तय है। 5 जुलाई से 12 जुलाई तक दूसरे चरण की संभावित तारीखें हैं। लेकिन जिन जिलों में रिक्तियां गोपनीय रखी गई हैं, वहां यह प्रक्रिया सिर्फ दिखावे की रस्म बन चुकी है। सिस्टम में अनूपपुर ‘ब्लैकहोल’ बन गया है, विभाग का दावा  हैं कि “रिक्त पदों के विरुद्ध ही नियुक्ति होगी। मगर अनूपपुर की हकीकत यह है  कि रिक्त पदों का ऑनलाइन अता-पता ही नहीं हैं। विभाग का दावा “पूरा चयन ऑनलाइन होगा।” मगर  हकीकत यह है कि फाइलें लेकर अफसरों और प्राचार्यों के दफ्तरों में धक्के खा रहे अभ्यर्थी।

*ऑनलाइन, ऑफलाइन का तमाशा*

जहां प्रदेश में अतिथि शिक्षकों की पारदर्शी नियुक्ति के लिए शासन ऑनलाइन प्रणाली की दुहाई दे रहा है, वहीं अनूपपुर जिले में यह नियम मजाक बन गया है। शिक्षकों के स्कोरकार्ड, अनुभव अंक और मेरिट सब ताक पर रख दिए गए हैं। यह कैसी डिजिटलीकरण की उपलब्धि? क्या अतिथि शिक्षकों की भर्ती भी अब ठेकेदारी में तब्दील हो गई है? क्या संकुल प्राचार्य और ऑपरेटर मिलकर पात्रों की मेहनत पर पानी फेरने की खुली छूट पाए बैठे हैं? क्या विभाग का एजुकेशन पोर्टल-3.0 सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है, शिक्षा विभाग को इन सबका जवाब देना होगा। अगर शिक्षा विभाग वाकई ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता का दावा करता है तो अनूपपुर जैसे जिलों में अपात्रता और अपारदर्शिता के इस खेल पर तत्काल अंकुश लगाना होगा। अन्यथा ऑनलाइन सिस्टम सिर्फ दिखावा साबित होगा और असली हकदार शिक्षक ताउम्र भटकते रहेंगे।

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जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत पुष्पराजगढ़ को प्रदेश स्तर पर मिलेगा प्रथम पुरस्कार

अनूपपुर

राज्य शासन द्वारा संचालित किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिलों, जनपदों तथा व्यक्तिगत श्रेणी की रैंकिंग के निर्धारित मापदंड अनुसार मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत खेत तालाब निर्माण में अनूपपुर जिले को प्रदेश में श्रेष्ठ कार्य के लिए प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है। इसी तरह से जल गंगा अभियान में खेत तालाब निर्माण में श्रेष्ठ कार्य करने पर अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद को प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है। 

कलेक्टर हर्षल पंचोली के कुशल मार्गदर्शन तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तन्मय वशिष्ठ शर्मा के नेतृत्व में जिले के ग्रामीण अंचल में किए गए कार्यों के लिए जिला श्रेणी में अनूपपुर जिला तथा जनपद श्रेणी में पुष्पराजगढ़ को प्रदेश स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है इस चयन से प्रदेश में जिले का नाम रोशन हुआ है।

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बारिष से क्षेत्र हुआ पानी-पानी, अस्पताल, बैंक रेल्वे स्टेशन में भरा पानी नदी नाले उफान पर

शहडोल 

जिला मुख्यालय शहडोल में पहली बारिश में ही बाढ़ जैसे हालात में डूब गया। शहर की सड़कें, गलियां और प्रमुख स्थल तालाब में तब्दील हो गए। गांधी चौक, जो शहर का दिल माना जाता है, पानी से लबालब होकर एक तालाब का रूप ले चुका था। मुड़ना नदी और टांकी नाला, जो शहर की जीवनरेखा हैं, अतिक्रमण के बोझ तले दम तोड़ रहे थे, लेकिन इस बारिश में उन्होंने अपने रास्ते खुद बना लिए। प्रकृति ने प्रशासन और शासन को उनकी लापरवाही का कड़ा सबक सिखाया। जल गंगा अभियानः वादों का अंत, हकीकत की हार मध्य प्रदेश सरकार ने जल गंगा अभियान के तहत जल संरक्षण और नदियों-नालों की सफाई का दावा किया था, लेकिन शहडोल में यह अभियान कागजी साबित हुआ। टांकी नाला, जो शहर के बीचोबीच बहता है, अतिक्रमण और कचरे के कारण जिंदा नदी बनकर उफान पर आ गया।

मुड़ना नदी ने भी अतिक्रमणकारियों को उनके दायरे याद दिलाए, जब वह अपने पूरे वेग के साथ बही। पोंडा नाला के पास कॉलोनाइजर द्वारा कि अतिक्रमण को नाले ने ध्वस्त कर दिया, पानी कॉलोनी में घुस गया अ अपना रास्ता बना लिया। बस स्टैंड और रीवा होटल के बीच की सड़क नदी का रूप ले चुकी थी। कुल मिलाकर, शहडोल पानी-पानी हो गया। शहदोल में जिला अस्पताल, बैंक व रेलवे स्टेशन में पानी भर गया है। पानी भरने से प्रशासन के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

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10 स्कूली बस पर कार्यवाही, 27 हजार का लगा जुर्माना

अनूपपुर 

पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के निर्देश पर “सुरक्षित स्कूल बस अभियान”*के तहत बिजुरी क्षेत्र में संचालित  निजी स्कूल बसों /बैन पर हाईवे चौकी द्वारा कार्यवाही की गई । कार्यवाही के दौरान बस क्रमांक MP-65-P-0175 बस को चेक करने पर वाहन का परमिट नहीं पाया गया । जिसपर मोटरयान अधिनियम के तहत 10,500/- जुर्माना किया गया । इसके अतिरिक्त अन्य 9 स्कूली बसों पर भी  कार्यवाही कर कुल 17,000/- जुर्माना अधिरोपित किया गया । पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के निर्देश पर  “सुरक्षित स्कूल बस अभियान” के तहत कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी । कार्यवाही के दौरान यातायात हाईवे चौकी से एएसआई आनंद तिवारी,आरक्षक विनय मिश्रा ,मोहित श्रीवास्तव,कपिल सोलंकी उपस्थित रहे ।

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