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स्थानांतरण आदेश होने के 20 दिन बाद भी कार्य मुक्त नहीं हुये प्रधानाध्यापक राजा बाबू सिंह
*चारागाह बना शाला विकास मद, कलेक्टर व सहायक आयुक्त का आदेश बेअसर*
अनूपपुर
जिले प्राथमिक शाला राजेन्द्रग्राम में नियम विरुद्ध तरीके से विगत 10 वर्षो से प्रधानाध्यापक का प्रभार लेकर कार्य कर रहे राजाबाबू सिंह जस नाम तस गुण राजसी अंदाज में नौकरी कर रहे राजाबाबू का मूल पदस्थापना ब्याख्याता पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लखौरा में है इसके बाबजूद उन्होंने तत्कालिक प्राचार्य से साठगांठ कर नियम विरुद्ध तरीके से प्राथमिक विद्यालय राजेन्द्रग्राम बतौर प्रधानाध्यापक का आदेश कराकर कार्य कर रहे है और उनकी उपस्थिति एवं वेतन आज भी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य लखौरा दे रहे है।जो शासन के नियमो का खुला उल्लंघन है जबकि 16.04 2025 को राजाबाबू सिंह का स्थानांतरण शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजनगर किया जा चुका है स्थानंतरण आदेश के 20 दिन बीत जाने के बाबजूद कार्यमुक्त नही किया गया जो अपने आप मे सवाल खड़ा कर रहा है आखिर क्यों मेहरबान है अधिकारी और किसके दबाव में अभी तक उक्त आदेश को गोपनीय। तरीके से दबा कर रखा जा रहा है।
*चारागाह बना शाला विकास मद*
राजाबाबू सिंह प्रधानाध्यापक की कुर्सी अथियाने के लिए ना जाने कितनी जद्दोजहद की और विगत 10 वर्षों शाला विकास मद से निर्मित लगभग 10 दुकानों का किराया वसूल कर दुकान मरम्मत रंगाई पोताई के औने पौने खर्च का बिल बाउचर का खाका तैयार कर उक्त राशि को हजम कर रहे है जिसको लेकर कईबार स्थानीय पालको ने आय ब्यय का ब्यौरा मांगा तो गोलमोल जबाब देकर टाल दिया जाता है।
*स्थानांतरण के बाद भी नही छूट रहा है मोह*
राजाबाबू सिंह का स्थानांतरण पूर्व मे भी हो चुका था परंतु इन्होंने एनसीसी प्रभारी का हवाला देते हुये उच्चाधिकारियों सहित नेताओ की शरण मे चरण बंदन कर उक्त आदेश को संशोधित करवा लेते है अब देखना यह होगा इस वर्ष हुये स्थानंतरण आदेश जो शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लखौरा से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजनगर कर दिया गया है उक्त आदेश का बखूबी पालन करते है या पूर्व की भांति इस बार भी स्थानंतरण आदेश कैंसिल करा पाने में सफल होते है हलाकि अभी 20 दिन बीत जाने के बाद भी इन्होंने राजनगर ज्वाइन तो नही किया बल्कि सम्बधित विद्यालय से एक पत्र लिखवा कर ले आये की उक्त विद्यालय में प्रधानाध्यापक का कोई पद ही खाली नही है।
*कलेक्टर व सहायक आयुक्त का आदेश बेअसर*
दिनांक:16.06.2025 एतद् द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2024/एक/9 दिनांक 29.04.2025 के द्वारा जारी स्थानांतरण नीति अनुसार राजाबाबू सिंह को माध्यमिक शाला राजेन्द्रग्राम से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजनगर प्रशासनिक आधार पर स्थानंतरण आदेश जारी किया गया एवं उक्त आदेश में उल्लेखित किया गया की उक्त अधिकारी/कर्मचारी को 02 सप्ताह के भीतर कार्य मुक्त कर संबंधित कार्यालय को सूचित करें परंतु 20 दिवस बीत जाने के बाबजूद उक्त आदेश पर ना तो संबंधित को कार्यमुक्त किया गया और ना ही बरिष्ठ कार्यालय को कोई सूचना प्रदाय किया गया जिससे सिद्ध होता है की जिम्मेदार अधिकारी कितने कर्तव्य निष्ठ है।
*स्थानंतरण आदेश संसोधन कराने हुए गायब*
जब से स्थानंतरण आदेश जारी हुआ है तब से लेकर आज तक ना तो उनके द्वारा किसी को प्रभार दिया गया और ना ही उक्त स्थान्तरित विद्यालय में ज्वांइनिग दी गई बल्कि उक्त ट्रांसफर आदेश को लेकर बगैर अवकाश स्वीकृत कराये विद्यालय से नदारद रहकर संसोधन के चक्कर मे नेताओ के दरवाजे खटखटा रहे है।
*स्थान्तरण नीति को धता बताते राजाबाबू सिंह*
स्थानांतरण नीति कर्मचारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया और नियमों को निर्धारित करती है। यह नीति विभिन्न सरकारी विभागों में लागू होती है, और इसका उद्देश्य कर्मचारियों की तैनाती को व्यवस्थित करना दक्षता बढ़ाना और कर्मचारियों के लिए उचित अवसर प्रदान करना है। परंतु पिछले एक दशक से अंगद की तरह पॉव जमाये बैठे राजाबाबू सिंह पर स्थान्तरण नीति लागू नहीं होती क्या स्थानांतरण आदेश का पालन न करने पर राजाबाबू सिंह शासकीय सेवक के विरुद्ध बारिष्ठ अधिकारियों द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यो नहीं की जा रही है।
*इनका कहना है*
राजाबाबू सिंह की ब्याख्याता पद के विरुद्ध पदस्थापना थी नियम विरुद्ध तरीके से माध्यमिक शाला में बतौर प्रधानाध्यापक के पद पर बने हुये थे 20 दिन पूर्व उनका स्थानांतरण राजनगर हो गया है, जिन्हें वरिष्ठ कार्यालय से बात कर तत्काल कार्यमुक्त करता हूं।
*भोग सिंह मरावी प्राचार्य*
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अहिरगवां से घुनघुटी रेंज के पडरी में पहुंचे चार हाथी,रात में ग्रामीणों के मकान में किया तोड़फोड़
अनूपपुर
चार हाथियों का समूह 7 दिनों तक डिंडोरी जिले में विचरण करने बाद मंगलवार की सुबह फिर से अनूपपुर जिले के अहिरगवां रेंज अंतर्गत डोंगरिया एवं टिटही जैतहरी बीट के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं। देर रात तीन गांव ग्रामीणो के घरों में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखें अनाजों को खाते हुए अहिरगवां रेंज की सीमा से लगे उमरिया जिले के वन परिक्षेत्र घुनघुटी अंतर्गत पड़री बीट के जंगल में पहुंचे हैं।
चार हाथियों का समूह 14 जून को अनूपपुर जिले छत्तीसगढ़ राज्य से प्रवेश करते हुए जैतहरी,अनूपपुर एवं राजेन्दगाम/पुष्पराजगढ़ तहसील के जंगलों में पहुंचकर दिन के समय ठहरने बाद देर शाम एवं रात होने पर ग्रामीणो के घरों में तोड़फोड़ कर घर के अंदर विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाते हुए 2 जुलाई की सुबह डिंडोरी जिले के क्षेत्र में प्रवेश कर विचरण कर रहे थे, जो 7 जुलाई की सुबह एक बार फिर अनूपपुर जिले के अहिरगवां रेंज अंतर्गत डोंगरिया एवं टिटही जैतहरी बीट के जंगल में पहुंचकर दिनभर विश्राम करने बाद देर रात को कुम्हनी गांव में सेमलाल पिता दलपत,एकम सिंह,सुनीता सिंह,सुखसेन सिंह ग्राम शीतलपानी निवासी कोदुआ,भगत,हीराबाई, मुन्नी बाई,दान सिंह,राममनोहर एवं गाम टिटही जैतहरी में रहने वाले उदय सिंह,नर्मदा सिंह,दलबीर सिंह के घरों में तोडफोड़ कर घर के अंदर रखे विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाया, अचानक हाथी के ग्रामीण अंचलों में आ जाने से ग्रामीणों में दहशत की स्थिति बनी रही हैं, वहीं ग्रामीण घरों को छोड़ अपने परिवार के सदस्यों की जान बचाने हेतु दूसरे के घरों में शरण लेते हुए जाग जाग कर रात बिता रहे हैं, इस बीच वनविभाग का हाथी गस्ती दल हाथियों के विचरण पर निगरानी रखते हुए ग्रामीणों को सतर्क एवं सचेत किया। अनूपपुर कलेक्टर के निर्देश पर पूर्व की तरह देर रात हुए नुकसान पर राजस्व विभाग की टीम के द्वारा स्थल पर पहुंचकर हाथियों के द्वारा किए गए नुकसान का सर्वेक्षण कर मु्आवजा का प्रकरण तैयार किया।
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नहाने गये 7 वर्षीय बालक की डूबने से हुई मौत, एसडीईआरएफ ने निकाला शव
अनूपपुर
जिले के चचाई थाना क्षेत्र में मंगलवार की दोपहर दोस्तों के साथ सोन नदी में नहाने गया 7 वर्षीय बालक की डूबने से मृत्यु हो गई। एसडीआरएफ की टीम ने 1 घंटे तक की तलाश के बाद शव को बाहर निकाला, परिक्षण उपारांत पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया गया हैं। मौके पर चचाई पुलिस के साथ एसडीओपी सुमित केरकेट्टा पहुंचे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की दोपहर ग्राम कैल्होरी के मौहार टोला निवासी बादल वासुदेव अपने साथियों अंशु वासुदेव, पीयूष पटेल, अनुराग सोन नदी में नहाने के लिए गया था। अचानक बादल वासुदेव सोन नदी में गहराई की तरफ चला गया। उसे बचाने के लिए अंशु वासुदेव ने कुछ देर तक कोशिश की, हालांकि वह असफल रहा। अंशु और पीयूष पटेल ने इसकी जानकारी वहीं मौजूद ग्रामीणों को दी। ग्रामीण ने थाना चचाई को सूचना दी, सूचना मिलते ही चचाई पुलिस और अनूपपुर एसडीओपी सुमित केरकेट्टा मौके पर पहुंच कर एसडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया। सूचना प्राप्त होने पर तत्काल जिला सेनानी के निर्देशन में टीम प्रभारी राम नरेश भवेदी प्लाटून कमांडर के नेतृत्व में होमगार्ड एवं एसडीईआरएफ के 08 जवान मुन्नालाल, शिवप्रताप सिंह, अनुज कुमार, सुनील सिंह, रामभरोसे सिंह, धन सिंह, अरुण मालवीय एवं प्रहलाद सिंह के साथ रेस्क्यू टीम सोन नदी में स्थानीय गोताखोर छोटेलाल सहानी की मदद से तलासी शुरू की लगभग 1 घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को तलाश के बाद शव मिला।
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संत चिन्मयानंद बापू की शिव महापुराण कथा का शुभारंभ, धूमधाम से निकली कलश व शोभायात्रा
अनूपपुर
पवित्र नगरी अमरकंटक में गुरु पूर्णिमा महोत्सव के पावन अवसर पर विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट शाखा बिलासपुर के तत्वावधान में राष्ट्र संत परम पूज्य चिन्मयानंद बापू महाराज द्वारा सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का भव्य शुभारंभ हुआ। यह आयोजन नगर परिषद कार्यालय के समीप स्थित मेला मैदान में विशाल पंडाल में किया जा रहा है।
कथा का विधिवत शुभारंभ पूज्य बापू के सान्निध्य में मंत्रोच्चार, वेदपाठ और धार्मिक विधियों के साथ हुआ। इससे पूर्व एक भव्य कलश यात्रा एवं शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से पारंपरिक वेशभूषा, लोकनृत्य, ढोल-ताशे और भजन-कीर्तन के साथ निकाली गई। नर्मदा मंदिर से प्रारंभ हुई यात्रा में 108 कलश लेकर सज धजकर महिलाएं सिर पर कलश धारण कर श्रद्धा एवं उल्लास से चल रही थीं। यह शोभायात्रा नर्मदा उद्गम कुंड पहुंची, जहां नर्मदा मंदिर के पुजारी उमेश द्विवेदी 'बंटी महाराज' द्वारा मंत्रोच्चार के साथ कलश पूजन कराया गया।
कथा में सम्मिलित होने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली सहित अनेक राज्यों से श्रद्धालु, भक्तजन एवं शिष्यगण बड़ी संख्या में अमरकंटक पहुंचे हैं। कथा स्थल पर भक्तों के लिए बैठने, दर्शन एवं सत्संग हेतु उत्तम व्यवस्थाएं की गई हैं। कार्यक्रम प्रतिदिन शाम 4 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि तक चलेगा। आयोजकों ने अधिकाधिक श्रद्धालुओं से भाग लेने की अपील की है।
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डीएपी खाद ना मिलने से परेशान किसानो ने सड़क किया जाम
अनूपपुर
जिले के राजेंद्रग्राम में खाद न मिलने परेशान किसानों ने रीवा अमरकंटक मार्ग में करौंदी तिराहे के पास जाम लगा दिया, राजेन्द्रग्राम के गोदाम में पिछले कई दिनों से खाद उपलब्ध नही है, क्षेत्र में धान और सोयाबीन की बुवाई प्रारम्भ हो गई है, धान का रोपा भी बड़े पैमाने ओर दिया जा रहा है, समय पर खाद न मिलने से क्षेत्र के किसान परेशान हैं, खाद गोदाम के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा किसानों को एक सप्ताह पहले से खाद लेने के लिए पर्ची दे दी गई है। वही खाद बीज दुकानों में महंगे दरों में मिल रही है खाद।
सैकड़ों की संख्या में हर दिन किसान सुबह से लाइन लगा कर खड़े रहते हैं। शाम को घर चले जाते हैं, लेकिन खाद नहीं मिलती, इसी से परेशान होकर आज किसानों ने अमरकंटक रोड के करौंदी तिराहे में घंटों जाम लगा दिया, पुलिस प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को समझा बुझाकर खाद गोदाम ले गए, गोदाम को खोलकर चेक किया गया, जिसमें खाद नहीं थी, अधिकारियों से बात करने पर 10 तारीख को खाद उपलब्ध कराने के लिए कहा गया।
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बस ने बाइक को मारी ठोकर, दो लोगों की घटनास्थल पर हुई मौत, बस चालक हुआ फरार
शहडोल
शहडोल से जनकपुर जा रही तेज रफ्तार बस ने बाइक को ठोकर मार दी, जिसमें सवार दो लोगों की मौके पर मौत हो गई है। घटना गोहपारू थाना क्षेत्र के लोढ़ी गांव में सोमवार शाम घटी। घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की।
पुलिस ने बताया कि सूरज कंपनी की बस क्रमांक एमपी 18 पी 2187 शहडोल से जनकपुर की ओर जा रही थी, तभी तेज रफ्तार बस ने लोढ़ी के पास सामने से आ रही बाइक को ठोकर मार दी। इसमें सवार रामगोपाल यादव (32) एवं रवि कोल (15) की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई। दोनों मृतक लोढ़ी गांव के ही रहने वाले हैं। इससे घटनास्थल पर परिजन एवं गांव के लोग काफी संख्या में इकट्ठा हुए थे।
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को पीएम के लिए गोहपारू अस्पताल लाया गया है। घटना के बाद बस चालक मौके से बस छोड़ भाग गया। पुलिस ने बस को मौके से जब्त कर लिया है। बस में सवार लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचने का वाहन का पुलिस ने इंतजाम किया। पुलिस का कहना है दोनों मृतक लोढ़ी गांव के रहने वाले थे। बाइक सवार गांव से गोहपारू बाजार जा रहे थे, तभी रास्ते में दर्दनाक हादसा हुआ है।
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खस्ताहाल बना केंद्रीय विद्यालय, छात्र- छात्राओ को शिक्षा की जगह मिल रहा संघर्ष
*जनप्रतिनिधि व प्रशासन मौन*
उमरिया
केंद्रीय विद्यालय उमरिया इन दिनों शिक्षा का मंदिर नहीं, उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। बरसात ने स्कूल की खस्ताहाल तस्वीर उजागर कर दी है। स्कूल पहुंचना छात्रों के लिए रोज़ की जंग बन चुका है, कीचड़, जलभराव और गड्डों को पार करते हुए जब बच्चे पहुंचते हैं, तो वहां टपकती छतें और गीले फर्श उनका इंतजार करते हैं। हद तो ये है कि बच्चों के लिए विद्यालय में कोई स्थाई शौचालय भी नही है।
विद्यालय की कक्षाएं आज भी अल्बेस्टस सीटों से ढकी हैं। बारिश में छतें टपक रही हैं, किताबें भीग जाती हैं और बच्चे गीले बेंचो पर बैठने को मजबूर होते हैं। यह किसी ग्रामीण प्राथमिक स्कूल की नहीं, केंद्रीय विद्यालय की हालत है उस संस्था की, जिसे देशभर में उत्कृष्ट शिक्षा का प्रतीक माना जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि न कोई जनप्रतिनिधि व प्रशासन इस ओर ध्यान नही दे रहे हैं।केंद्रीय विद्यालय उमरिया में केवल कक्षा 10वीं तक कक्षाएं ही संचालित होती है, आगे की पढ़ाई के लिए छात्रों को 25-30 किलोमीटर दूर नोरोज़ाबाद जाना पड़ता है – यह छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों पर भी आर्थिक और मानसिक बोझ बनता है।
*छात्र को शिक्षा की जगह मिल रहा संघर्ष*
केंद्रीय विद्यालय में स्थायी शिक्षकों की भारी कमी है। अधिकांश कक्षाएं अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रही हैं। विद्यालय में करीब 400 छात्रों की अध्ययनरत है, ऐसे शिक्षकों की कमी स्कूल प्रबंधन के लिए भी चुनौती बना हुआ है। शिक्षकों के अभाव की वजह से स्कूल प्रबंधन मजबूरी में लाइब्रेरियन और स्पोर्ट टीचर से भी बच्चों को पढ़ाने मदद ले रहे है। नया सत्र शुरु हो चुका है, लेकिन कई कक्षाओं में अब तक किताबें नहीं पहुंचीं, बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए यह स्थिति और भी गंभीर है। क्या 'केंद्रीय विद्यालय' के नाम पर सिर्फ दिखावा ही पर्याप्त है? अब वक्त है कि शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौन तोड़ें, स्थल पर जाएं और स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएं। वरना हर बारिश में न सिर्फ छतें टपकेंगी, बल्कि बच्चों का भविष्य भी कही न कही टपक जाएगा।
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मूसलाधार बारिश में सकुन बाई का आशियाना उजड़ा, चार लाख से का नुकसान
अनूपपुर
बीते दिनों की मूसलाधार बारिश ने नगर पालिका पसान क्षेत्र में कहर बरपा दिया है सबसे हृदयविदारक दृश्य सामने आया वार्ड क्रमांक 8 में, जहाँ 70 वर्षीय सकुन बाई पति सत्यप्रकाश मिश्रा का कच्चा मकान पूरी तरह जमींदोज़ हो गया, इस हादसे में करीब चार लाख रुपये की क्षति हुई है और वृद्धा अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। प्राकृतिक आपदा के बाद भी सकुन बाई को कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है न तो राजस्व अमला मौके पर पहुँचा, न ही जनप्रतिनिधियों ने सुध ली एक असहाय वृद्ध महिला बेसहारा हो चुकी है लेकिन शासन-प्रशासन की चुप्पी कहीं अधिक पीड़ादायक साबित हो रही है।
हादसे को कई दिन बीत गए, पर स्थानीय प्रशासन ने अब तक स्थिति का जायज़ा लेने की भी ज़रूरत नहीं समझी न तहसील कार्यालय से कोई टीम पहुँची, न ही नगर पालिका का कोई कर्मचारी राहत लेकर आया यह घटना न केवल सरकारी लापरवाही की पोल खोलती है, बल्कि उस तंत्र की संवेदनहीनता को उजागर करती है जो आमजन की पीड़ा पर आंखें मूंदे बैठा है। स्थानीय लोगों ने नाराज़गी जताते हुए सवाल उठाया है कि जब आपदा के समय प्रशासनिक अमला और जनप्रतिनिधि नजर नहीं आते, तो उनके पद और योजनाएं आखिर किस काम की हैं? क्या शासन की योजनाएं सिर्फ कागजों में हैं, और क्या बुजुर्गों का जीवन अब आंकड़ों से भी सस्ता हो गया है। हर साल पसान में बारिश तबाही लाती है, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया अधिकारी सिर्फ आकस्मिक बैठकों और सर्वे की खानापूर्ति कर रहे हैं जबकि जमीनी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं
समाचार 09
रामलाल रौतेल ने घटनास्थल का लिया जायजा, जताया शोक
अनूपपुर
जिले में भारी बारिश के चलते एक दर्दनाक हादसा हो गया। अमरकंटक रोड पर सजहा नाले में एक स्विफ्ट डिजायर कार तेज बहाव में बह गई, जिसमें सवार एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एसईसीएल कर्मचारी चंद्रशेखर यादव (38), उनकी पत्नी व जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स प्रीति यादव (37), 8 वर्षीय बेटा रेयांश और 2 वर्षीय बेटी सीबी यादव शामिल हैं। पुलिस ने चारों के शव बरामद कर लिए हैं। घटना के बाद क्षेत्र में शोक का माहौल है। घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व विधायक व कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री रामलाल रौतेल मौके पर पहुंचे। उन्होंने सजहा नाले सहित अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों के घर जाकर ढांढस बंधाया। मंत्री रौतेल ने जिला प्रशासन से बातचीत कर नुकसान की भरपाई हेतु त्वरित राहत राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।