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घोघरा नाला एवं तिपान नदी में पुल का निर्माण कार्य स्वीकृत कराने पूर्व मंत्री ने लगाया ध्यान आकर्षण सूचना

*भाजपा नेता अनिल गुप्ता की मांग पर राह होगी आसान*

अनूपपुर

पूर्व उपाध्यक्ष विन्ध्य विकास प्राधिकरण अनिल कुमार गुप्ता ने मध्यप्रदेश शासन के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नाम एक पत्र विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के विधायक बिसाहूलाल सिंह के मार्फत भेजा था।जिसमें उन्होंने अनूपपुर जिले के जैतहरी से झांईताल मार्ग में स्थित घोघरा नाला एवं तिपान नदी पर पूर्व में निर्मित स्टाप डैम कम रपटा वर्षा ऋतु में टूट जाने के कारण जनहित में पुल निर्माण कराये जाने की मांग की थी। 

विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के विधायक बिसाहूलाल सिंह ने पूर्व उपाध्यक्ष विन्ध्य विकास प्राधिकरण अनिल कुमार गुप्ता से प्राप्त पत्र के आधार पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को 9 जनवरी 2025 को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने अनुसूचित जनजाति क्षेत्र को जोड़ने वाली जैतहरी-झांईताल के मध्य घोघरा नाला एवं तिपान नदी पर पुल निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाने का अनुरोध किया था।उन्होंने पत्र में लेख किया था कि नगर परिषद जैतहरी क्षेत्र में स्थित जैतहरी-झांईताल मार्ग में घोघरा नाला स्थित है। जिसमें विगत 40 वर्ष पूर्व एक पुलिया का निर्माण किया गया था।वर्षा के समय बाढ़ आने से उसके उपर से पानी बहने लगता है और लोगों का आवागमन बाधित होता है।वर्तमान में वह पुलिया कम रपटा स्टॉप डैम टूट चुका है। उक्त मार्ग लगभग 20 जनजातीय गांव को जोडती है।जिस कारण से इन्होने जैतहरी से झांईताल मार्ग में घोघरा नाला व तिपान नदी में पुल निर्माण कार्य स्वीकृत कराये जाने का अनुरोध किया है।

अतएव जैतहरी-झांईताल के मध्य घोघरा नाला एवं तिपान नदी में पुल निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाने हेतु कृपया संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध है। लेकिन 6 माह बाद भी पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।जिस पर विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के विधायक बिसाहूलाल सिंह ने 29 जुलाई 2025 को मध्यप्रदेश विधानसभा में ध्यान आकर्षण सूचना लगाई।जिसमें उन्होंने प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधानसभा भोपाल को लेख किया है कि लोक निर्माण मंत्री का ध्यान अविलम्बनीय सार्वजनिक महत्व के विषय की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ और अनुरोध करता हूं कि अध्यक्ष महोदय उसे उठाने की अनुज्ञा प्रदान करने की कृपा करेंगे। 

उन्होंने ध्यान आकर्षण सूचना में लेख किया है कि अनूपपुर जिले के जैतहरी विकासखण्ड एवं जैतहरी तहसील अंतर्गत जैतहरी झांईताल मार्ग में घोघरा नाला एवं तिपान नदी पुल क्षतिग्रस्त एवं आवागमन योग्य नही रह गया है।साथ ही अनुसूचित जनजाति विकास विभाग से कन्या शिक्षा परिसर का निर्माण जिसकी लागत लगभग 25.00 करोड़ रुपए है।घोघरा नाला एवं तिपान नदी के मध्य निर्माणाधीन है।घोघरा नाला एवं तिपान नदी में पुल का निर्माण न कराये जाने कन्या शिक्षा परिसर में अध्ययन करने वाले छात्राओं को आने जाने में जान हानि का खतरा है।साथ ही 20 जनजातीय ग्रामों का घोघरा नाला एवं तिपान नदी के कारण आवागमन प्रभावित है।

इस संबंध में पत्र के द्वारा मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर को अवगत कराया गया है।किन्तु किसी भी मद से उक्त कार्य स्वीकृत न किये जाने से कन्या छात्राओं के साथ ही जनजातीय ग्रामीण व अन्य वर्गों का आवागमन पूर्णतः बाधित है।जिससें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।दिनांक 25 जुलाई 2025 के तेज बारिश के दौरान दो व्यक्ति बाढ़ में बह गये।जिसमें से एक का जीवन अंत हो गया है।शासन व जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से या अन्य मद से उक्त निर्माण कार्यों को स्वीकृत कर जन-जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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मत्स्य पालन अनुबंध के बावजूद सरपंच के द्वारा धोखाधडी व दबंगई से बेच दी गई  तालाब की सारी मछली

*रेऊला सरपंच की दबंगई छीन रही गरीब की रोजी रोटी*

अनूपपुर

जिले के अनूपपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत रेऊला के सरपंच शुकुल सिंह के द्वारा दबंगई दिखाते हुए कुछ दबंग लोगों के साथ मिलकर शक्तिकुंड तालाब की मछली निकालकर कुछ को बाजार में तो कुछ मछलियों को स्वयं गांव के लोगों को ही बांट दिया गया,ऐसा हम नहीं कहते है,बल्कि ग्राम पंचायत रेऊला निवासी ननका ढीमर  पिता मानिकलाल ढीमर उम्र 38 वर्ष द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अनूपपुर में लिखित शिकायत कर बताते हुए कार्यवाही की मांग की गई है।

*यह है मामला*

शिकायतकर्ता मानिकलाल ढीमर द्वारा बताया गया कि वह ग्राम रेउला थाना व तहसील कोतमा,जिला अनूपपुर (म.प्र.)का पुस्तैनी निवासी है,प्रार्थी के द्वारा वर्ष 2021 में कार्यालय सहायक संचालक मत्स्योद्योग अनूपपुर मे आवेदन दिया गया था,जिसके बाद जिला कलेक्टर के अनुमोदन के पश्चात ग्राम पंचायत तथा प्रार्थी के बीच वर्ष 2022 से लेकर 2031 तक लगातार 10 वर्ष के अनुबंध के बाद  प्रार्थी के नाम पर खसरा नंबर 83/1 रकवा 1.000 हे. (शक्तिकुण्ड तालाब) का पट्टा बनाकर दिया गया था,जिसमें प्रार्थी के द्वारा बैक से लोन लेकर मछली बीज और मछली के खाने की व्यवस्था की गई थी।जिसमें डेढ़ वर्ष तक प्रार्थी ने उसमे दिन रात कडी मेहनत एवं रूपये पैसे लगाकर मछली का व्यवसाय खडा किया था।लेकिन गांव के ही सरपंच शुकुल सिंह के द्वारा रंजिशवश जाल मंगवाकर गांव के ही कुछ दबंग लोगो के साथ तालाब से मछलियों को निकलवाकर गांव के लोगो को दे दिया गया और कुछ को बाजार मे बेच दिया गया।प्रार्थी को पता चलने पर उसके द्वारा सरपंच से बोलने पर सरपंच द्वारा कहा गया कि इसका पट्टा निरस्त कर दिया गया है और इस तालाब मे तुम मत्स्य पालन नही कर सकते हो "तुम्हे जो करना है करो" तथा आज से तुम इस तालाब में मत्स्य पालन नही करोगे,जबकि मेरे द्वारा शासन के अनुबंधों का पूरी तरह पालन किया गया है।वही ग्राम पंचायत सचिव द्वारा भी प्रार्थी के वार्षिक अनुबंध की राशि भी पंचायत में जमा कराने से मना कर दिया गया।

*एकमात्र रोजगार का जरिया है*

पीड़ित के अनुसार मत्स्य पालन के अलावा दूसरा कोई भी आय का जरिया उसके पास नहीं है,और अगर मत्यस्य पालन का व्यवसाय भी छिन जाता है,तो बैंक के द्वारा लिया गया लोन वह समय पर नही चुका पायेगा और उसके परिवार वालो के समक्ष भूखो मरने की स्थिति निर्मित हो जायेगी।क्योंकि प्रार्थी का एकमात्र रोजगार का जरिया मत्स्य पालन ही है,जिससे वह अपने घर परिवार का पालन पोषण करता है,प्रार्थी के साथ हुई उक्त घटना को लेकर उसका पूरा परिवार दुखी और क्षुब्ध है।

*सरपंच एवं सचिव को जारी हुआ पत्र*

शिकायतकर्ता के आवेदन के आधार पर कार्यालय जनपद पंचायत अनूपपुर द्वारा ग्राम रेउला के सरपंच तथा सचिव को एक पत्र जारी करते हुए आदेशित किया गया कि पूर्व में ननका ढीमर पिता मानिकलाल ढीमर को ग्राम रेउला द्वारा आदेश क्र.-1417 दिनांक- 04.10.2021 के माध्यम से शक्तिकुण्ड तालाब मत्स्य पालन हेतु 10 वर्षीय पट्टा जारी किया गया था,जिसका आवेदक द्वारा प्रथम वर्ष की लीज राशि 500 रुपये रसीद क्र. 01 दिनांक-24.10.2021 के द्वारा ग्राम पंचायत में जमा किया गया है।लेकिन आवेदक द्वारा बताया गया कि पंचायत द्वारा लीज की राशि जमा नहीं करायी जा रही है और मत्स्य पालन में सरपंच के द्वारा दबंगई दिखाते हुए व्यवधान भी उत्पन्न किया जा रहा है।अतः तत्काल पट्टेधारी से शेष लीज राशि जमा कराते हुये स्वतंत्र रूप से शक्तिकुण्ड तालाब में मत्स्य पालन करने दिया जाये तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये की अनुबंध स्वरूप पट्टेधारी द्वारा किये जा रहे मत्स्य पालन में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो।

*विभाग ने निराकरण का दिया आश्वासन*

उक्त मामले की शिकायत आवेदक द्वारा कार्यालय सहायक संचालक मत्स्य विभाग अनूपपुर में देने के उपरांत मत्स्य विभाग के सहायक संचालक संदीप शुक्ला द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक आवेदक को समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण का आश्वासन दिया गया।अधिकारी द्वारा तुरंत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अनूपपुर को पत्र प्रेषित कर मामले की जानकारी दी तथा  ग्राम पंचायत सचिव को फोन के माध्यम से  मामले के निराकरण हेतु आदेशित किया गया।

*इनका कहना है।

मत्स्य पालन शक्तिकुंड तालाब का पट्टा जिला कलेक्टर के अनुमोदन के पश्चात जारी किया गया है।और कलेक्टर साहब के अलावा कोई और उक्त तालाब के पट्टे को निरस्त नहीं कर सकता है।

*संदीप शुक्ला, सहायक संचालक,मत्स्य विभाग अनूपपुर*

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46 दिन बाद छत्तीसगढ़ की सीमा पर पहुंचे चार हाथी, सैकड़ो ग्रामीणों के घर,खेत, बांड़ी में अब तक किया नुकसान

अनूपपुर

चार हाथियों का समूह निरंतर 46 दिन तक अनूपपुर जिले के साथ डिंडौंरी,उमरिया एवं शहडोल जिले के क्षेत्रो में विचरण करते हुए मंगलवार 29 जुलाई की सुबह छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही क्षेत्र मे एक बार फिर से प्रवेश कर गए हैं इस बार हाथियों के द्वारा सैकड़ो ग्रामीणों के घरो,खेतो एवं बाड़ियों में लगी तथा रखी विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बनाया है,निरंतर पांच दिनों से  जैतहरी के चोलना वन बीट अंतर्गत चोई,पड़रिया ग्रामों में रात के समय विचरण करते हुए चारों हाथियों द्वारा ग्रामीण जनों के संपत्तियो का नुकसान पहुंचाने से परेशान होने पर ग्रामीणों द्वारा हाथियों को भगाए जाने के लिए चक्काजाम कर वनविभाग जिला प्रशासन से हाथियों को जिले की सीमा से दूर किए जाने की मांग की गई रही है।

अलग-अलग तरह से चार हाथियों का समूह विगत 14 जून की रात एक बार फिर से छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही इलाके से अनूपपुर जिले के जैतहरी क्षेत्र में प्रवेश करते हुए जैतहरी,अनूपपुर,राजेंद्रग्राम के साथ डिंडौंरी,उमरिया जिले के घुनघुटी एवं शहडोल जिले के शहडोल एवं बुढार क्षेत्र में विचरण करने बाद पुन:अनूपपुर से जैतहरी इलाके में प्रवेश कर दिन के समय ग्रामीण क्षेत्रो से लगे जंगलों में विश्राम कर शाम एवं रात होते ही आहार की तलाश में ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखे विभिन्न तरह के खाने की सामग्रियों के साथ ग्रामीणों के खेत एवं बांडियों में लगे विभिन्न तरह के फसलों को अपना आहार बनाते रहे अचानक गांव,टोला एवं मोहल्ला में हाथियों के पहुंच जाने के डर से ग्रामीण जनों में भय की स्थिति निरंतर बनी रही है इस दौरान ग्रामीण स्वयं एवं अपने परिवार को बचाने के उद्देश्य से इधर-उधर भाग कर सुरक्षित स्थानों में ठहरते हुए अपनी एवं अपने परिवार के सदस्यों की जान बचाते रहे हाथियों के द्वारा आम जनों एवं वनविभाग के गश्ती दल के सदस्यों के नजदीक आ जाने पर बीच-बीच में अपनी सुरक्षा को लेकर चिघाडते,तेजी से आवाज कर दौड़ाते रहे हैं इस बीच कई ग्रामीणों के साथ वनविभाग के गश्ती दल में लगे अधिकारी/कर्मचारी भी हाथियों के दौडाने पर भाग कर सुरक्षित स्थानों पर जाकर अपनी बचाई 28 जुलाई सोमवार को पांचवें दिन चारों हाथी वन परिक्षेत्र,थाना एवं तहसील जैतहरी के वन बीट चोलना के जंगल जो चोई गांव से लगा हुआ है में दिन में ठहरते रात होते ही चोई एवं पड़रिया गांव के कई टोला,मोहल्ला में विचरण करते हुए चोई एवं पड़रिया गांव के बीच स्थित चिकनी तालाब में कुछ देर तक नहाने बाद चोई,पड़रिया, पपरौडी से उमरिया गांव होते हुए गूजरनाला पार कर मंगलवार की सुबह छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र अंतर्गत शिवनी वन बीट एवं ग्राम पंचायत मालाडा़ड के दैंगवा गांव से लगे पलाश के प्लाट में पहुंचकर ठहरे हुए हैं हाथियों के द्वारा देर रात तक ग्रामीण के खेतों में लगी फसलो को खाते रहे,वनविभाग का गस्ती दल ग्रामीण के सहयोग से हाथियों को आगे बढ़ता रहा,हाथियों के निरंतर विचरण करने एवं नुकसान करने से परेशान ग्रामीणों ने विगत दिनों जैतहरी- वेंकटनगर मुख्य मार्ग पर धनगवां में हाथियों की समस्या को लेकर कुछ देर के लिए चक्काजाम कर प्रशासन के समक्ष अपना विरोध व्यक्त किया इस दौरान सोमवार को ग्रामीणों का एक दल जिले के अधिकारियों से मिलकर हाथियों की समस्या से निजात दिलाने पर ज्ञापन सौपा रहा है एक बार फिर हाथियों से अनूपपुर जिला मुक्त होने पर आम जनों ने राहत की सांस ली है वहीं राजस्व एवं वनविभाग की संयुक्त टीम द्वारा हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का सर्वेक्षण कर राहत प्रकरण तैयार किया है ग्रामीणों द्वारा हाथियों से हुए नुकसान पर प्रशासन की ओर से कम राशि मिलने एवं पूर्व में किए गए नुकसान का अब तक राहत राशि नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए शीघ्र ही राहत राशि दिलाये जाने की मांग की है। हाथियों के आने पर वनविभाग के साथ अन्य विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा सिर्फ हाथियों के विचरण पर निगरानी रखते हुए ग्रामीणों को सतर्कता का बरतने की बात कर पाता है वही निरंतर नुकसान के कारण ग्रामीणों में आक्रोश की स्थिति बनी रहती है।

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ईओडब्ल्यू में धारा 420,409,120 बी में मामला दर्ज होने के बाद भी सौंपा जिला चिकित्सालय की कमान

अनूपपुर

स्वास्थ्य विभाग अनूपपुर के जिला चिकित्सालय में पदस्थसिविल सर्जन सहित अन्य जिम्मदारों के पदस्थापना को लेकर संचालनालय स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा तो हो ही रहा है नियम विरुद्ध कार्य कराने व भ्रष्टाचार को लेकर भूमिका संदेहास्पद भी है। जिला चिकित्सालय अनूपपुर में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ एस आर परस्ते को विगत वर्ष पूव दवाई,और उपकरणों के खरीदी घोटाले मामला में शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू पुलिस रीवा में धारा 420,409,120 बी में मामला दर्ज किया गया था जिसकी जांच कार्यवाही पूरी नही होने के बाद भी संचालनालय द्वारा डॉ एसआर परस्ते को जिलाचिकित्सालय अनूपपुर में सहअस्पताल अधीक्षक ,सिविल सर्जन की कमान सौंप दी गई।

हालांकि पूरे मामले की शिकायत जिले के कलेक्टर ,कमिश्नर,लोक स्वास्थ्य आयुक्त एवं संचालनालय से लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री सहित तमाम जिम्मदारों को की गई है। मामले में सबसे बड़ा सवाल संचालय स्वास्थ्य विभाग में बैठे जिम्मदारों पर यह है की पूरे मामले की जानकारी के बाद भी इतने बड़े मामले को दरकिनार करते हुए डॉ एसआर परस्ते के भ्रष्टाचार में जमकर डुबकी लगाते हुए जिलाचिकित्सालय की जिम्मेदारी सौंप दी। जबकि शासन के नियमानुसार ऐसे आरोप में घिरे व्यक्ति को जिले से बाहर कर निष्पक्ष रूप से जांच कार्यवाही किया जाना चाहिए था। लेकिन भ्रष्टाचार में डुबकी लगाए जिम्मदारों ने मामला पंजीबद्ध होने के बाद भी उसी जिले में उसी जगह उसी पद पर कमान सौप कर बैठा देना आरोपी को मामले में बचाव के लिए अवसर प्रदान करने की सहभागिता स्प्ष्ट हो रही है। और सरकार के निष्पक्षता पर सवाल खड़ा हो रहा।

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नहर में बहते हुए एक किलोमीटर दूर पहुंची मासूम की मौत, गांव में मातम, पुलिस जांच में जुटी

शहडोल

जिले के देवलौंद थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना में दो साल की मासूम की पानी में डूबने से मौत हो गई है। घटना के बाद गांव में मातम पसरा है और परिवार सदमे में है । पुलिस मौके पर पहुंच जांच कर रही है। माता पिता खेत में काम कर रहे थे तभी मासूम खेलते खेलते घर के पास स्थित नहर में डूब गई और उसकी दुखद मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि देवलौंद के चंदोला गांव के रहने वाले पप्पू कोल की दो वर्षीय मासूम बच्ची प्रिंयाशी घर में दादा के दादी के साथ मौजूद थी, माता पिता पास के खेत में रोपा लगा रहे थे, तभी प्रिंयाशी खेलते खेलते घर के पास स्थित नहर चली गई । और वह उसमें बहती हुई एक किलोमीटर दूर चली गई।जहां कुछ लोग नहर में नहा रहे थे, लोगों ने देखा कि कोई बच्ची बहती हुए नहर में आ रही है। जिसके बाद नहर में नहा रहे लोगों ने उसे पानी से बाहर निकाला तो उसकी मौत हो चुकी थी। जिसके बाद लोगो ने बच्ची के बारे में जानकारी लेना शुरू की तब जा कर परिजन वहा पहुंचे।

पुलिस ने बताया कि प्रिंयाशी घर में अपने बुजुर्ग दादा दादी के साथ मौजूद थी, उसके माता पिता पास के खेत में रोपा लगा रहे थे। जब बच्ची घर में दिखाई नहीं दी तो, परिजन उसकी तलाश करने लगे तभी गांव में हल्ला हुआ कि नहर में बहती हुई एक बच्ची मृत्य अवस्था में गांव के लोगों को मिली है। इसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे तो वह प्रियांशी थी जिसके बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है घटना के बाद से गांव में मातम पसरा है। घटना की जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस ने दी जानकारी लगते ही मौके पर पुलिस पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है। थाना प्रभारी सुभाष दुबे ने बताया कि मामले पर मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।

समाचार 06

नगर परिषद की ‘स्वर्ग रथ’ व्यवस्था पर उठे सवाल, चिकित्सा सुविधाओं की कमी पर भी कटाक्ष

अनूपपुर/कोतमा

मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा को लेकर एक बार फिर सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। हाल ही में नगर पालिका परिषद कोतमा द्वारा ‘स्वर्ग रथ’ (मृत शरीर ले जाने के लिए वाहन) की व्यवस्था की गई है, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस वाहन पर "स्वर्ग रथ - नगर पालिका परिषद कोतमा" लिखा हुआ स्पष्ट देखा जा सकता है।

इस तस्वीर के साथ साझा किए गए व्यंग्यात्मक संदेश में कहा गया है कि मप्र की भाजपा सरकार को भलीभांति पता है कि वह जनता को पर्याप्त डॉक्टर, एम्बुलेंस और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। इसी के चलते जनता की असमय मृत्यु सुनिश्चित हो रही है। ऐसे में सरकार ने स्वर्ग और प्रस्थान कराने की व्यवस्था समय से पहले सुनिश्चित करने हेतु ‘स्वर्ग रथ’ की सुविधा शुरू कर दी है। संदेश में यह भी कटाक्ष किया गया है कि अगर समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा, तो कम से कम समय पर स्वर्ग पहुँचने की "सुविधाजनक व्यवस्था" तो सुनिश्चित की जा रही है।

इस पूरे घटनाक्रम पर मनोज सोनी अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी एवं स्थानीय नागरिकों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा तीखी प्रतिक्रिया दी जा रही है। लोगों का कहना है कि यह दृश्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत को उजागर करता है, जहाँ एक ओर जीवन बचाने के संसाधनों की कमी है, वहीं मृत्यु के बाद की ‘सुविधाओं’ की व्यवस्था में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। जहाँ एक ओर ‘स्वर्ग रथ’ जैसी सेवा अंतिम यात्रा के लिए एक सम्मानजनक व्यवस्था मानी जा सकती है, वहीं दूसरी ओर यह प्रदेश में जमीनी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और लचर सरकारी व्यवस्था का भी आइना है। अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस गंभीर व्यंग्य और जनता की व्यथा का जवाब कैसे देता  है।

समाचार 7

जिले में डीएपी खाद की किल्लत से किसान बेहाल, कोतमा क्षेत्र में सप्लाई ठप

अनूपपुर/कोतमा

जिले के कोतमा विधानसभा क्षेत्र सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को समय पर डीएपी (डाय अमोनियम फॉस्फेट) खाद नहीं मिल पाने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खेतों में बुआई के समय खाद न मिलने के कारण किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि वे खाद वितरण केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें डीएपी खाद समय पर नहीं मिल रही। इसके चलते फसलों की बुआई में देरी हो रही है और उत्पादन पर भी नकारात्मक असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है।

जबकि सरकार की ओर से किसानों तक खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही और वितरण में अनियमितता के चलते यह खाद किसानों तक समय पर नहीं पहुँच पा रही है। कुछ क्षेत्रों में तो खाद वितरण केंद्रों पर अव्यवस्था और जमाखोरी की भी शिकायतें सामने आ रही हैं।स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक इस गंभीर समस्या को लेकर कोई ठोस बयान या कार्रवाई नहीं की गई है। किसान संगठन सरकार और जिला प्रशासन से इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

खाद वितरण केंद्रों पर निगरानी के लिए अधिकारियों की तैनाती की जाए। खाद वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई की जाए। मनोज सोनी अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने कहां की खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों को राहत कब मिलेगी, यह बड़ा सवाल बना हुआ है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो इसका सीधा प्रभाव इस बार की खेती और किसानों की आजीविका पर पड़ेगा।

समाचार 08 

समग्र ई-केवायसी में लापरवाही, 35 पंचायत सचिव और जीआरएस को कारण बताओ नोटिस

शहडोल

जनपद पंचायत ब्यौहारी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय सिंह ने पंचायत सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों (GRS) की कार्यशैली पर सख्त रुख अपनाते हुए समग्र ई-केवायसी कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं होने को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस लापरवाही को लेकर 35 पंचायतों के सचिव और GRS को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है। सीईओ विजय सिंह ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि जिन पंचायतों में समग्र ई-केवायसी कार्य में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है, उनके जिम्मेदार पदाधिकारी 2 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करें, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

जनकपुर, जमुनी, नौढ़िय, मगरदहा, दलको कोठार, कुओं, धधोकुई, चचाई, सुखाड, गोदारी, हिरवार, चरखरी, बुड़वा, समान, धरीनं.2, खड्डा, तिखवा, पपौंध, ओदरी, आखेटपुर, पपोंड, वैरिहाई, गाढ़ा, भन्नी, महदेवा, खुटेहरा, चरका, साखी, सरसी, चौरी, खैरा, तेदुआ, पपरेड़ी और देवरी शामिल है । सरकारी योजनाओं के पारदर्शी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए समग्र ई-केवायसी जरूरी है। अगर इसमें कोताही बरती गई तो अब कड़ी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।

समाचार 09

सीईओ रवि ग्वाल ने किया पदभार ग्रहण

अनूपपुर

जिले के जनपद पंचायत अनूपपुर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी उषा किरण गुप्ता की बिदाई के पश्चात जनपद पंचायत के नवागत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में रवि ग्वाल द्वारा पदभार ग्रहण किया गया। नए सीईओ के पदभार ग्रहण करने के दौरान उनके स्वागत हेतु जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायतों में कार्यरत के रोजगार सहायको द्वारा गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया गया।जिसमें रोजगार सहायक संघ की ओर से चंद्रभान यादव,राजेश गुप्ता,अमित गुप्ता तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।

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