संगातावि 11 महीने बाद चालू हुई 210 मेगावाट यूनिट 2 दिन मे बंद, प्रबंधन पर उठे सवाल
उमरिया
जिले के संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र बिरसिंहपुर पाली मे 11 महीनो तक बंद रही 210 मेगावाट इकाई चालू होने के दो दिन मे ही बैठ गई है। इस घटना ने प्लांट की अव्यवस्था को एक बार फिर से उजागर किया है। बताया गया है कि संयंत्र की एक नंबर यूनिट बीते 16 अगस्त 2024 को तकनीकी खराबी के चलते ठप्प हो गई थी। लगभग 11 महीने बाद करोड़ों रुपये खर्च करके इसे बड़ी मुश्किल से चालू किया गया परंतु महज दो दिन मे ही यूनिट भरभरा कर फिर से बंद हो गई। जानकारों का मानना है कि इस तरह से यूनिट का बंद हो जाना बताता है कि संयंत्र पूरी तरह से धांधली और कुव्यवस्था का शिकार है।
*ब्वॉयलर लीकेज का हवाला*
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह इकाई ब्वॉयलर ट्यूब मे लीकेज के कारण बंद हुई है। जानकारों का दावा है कि पूर्व मे भी प्रबंधन ने इसी ब्वॉयलर का मेंटीनेन्स कराया था। जिसकी एवज मे कम्पनी द्वारा लाखों रूपये का भुगतान किया गया था। अब फिर से उसी ब्वॉयलर के फेल होने की बात कही जा रही है। आरोप है कि संयंत्र के अधिकारियों, फर्जी ठेकेदारों और कम्पनियों द्वारा सांठगांठ कर मरम्मत के नाम पर करोड़ों रूपये की धांधली की जा रही है। कई काम तो सिर्फ कागजों पर ही हो रहे हैं। यही कारण है कि यूनिटों मे आये दिन खराबी आ रही है।
*राजस्व हानि का जिम्मेदार कौन*
गौरतलब है कि संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र की एक भी यूनिट बंद होने से कम्पनी को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान होता है। वहीं इसका असर बिजली की आपूर्ति पर भी पड़ता है। इतना ही नहीं मांग और आपूर्ति का संतुलन बनाने के लिये राज्य सरकार निजी कम्पनियों से मंहगे दामो पर विद्युत क्रय करती है, जिससे शासन को भारी राजस्व की हानि होती है। सवाल उठता है कि मेंटीनेन्स पर करोड़ों रूपये खर्च होने के बाद भी प्लांट की यूनिट स्थाई रूप से क्यों नहीं चल पा रही हैं और इसका जवाबदार कौन है।