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भाजपा मंडल अध्यक्ष के अवैध निर्माण स्टे के बावजूद तान ली आलीशान कोठी, कब चलेगा बुलडोजर?
*रसूख के आगे नतमस्तक, नोटिस नोटिस का खेल खेल रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी*
अनूपपुर
प्रदेश सरकार ने अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वन तथा इस दौरान होने वाली मैदानी समस्याओं से निपटने के लिए कमर कश ली है, खासकर प्रधानमंत्री आवास योजना एवं जनमन पीएम आवास को जमीन स्तर पर अमली जामा पहनाने के लिए तथा योजनाओं में व्यवधान उत्पन्न कर रहे, अतिक्रमणकारीर्यों को सबक सिखाने की मानसा से कार्रवाई का चाबुक चलने को तैयार है, इसी क्रम में शहडोल संभाग आयुक्त के मार्गदर्शन मे पूरे संभाग में अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ अभियान चलाकर शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है, लेकिन इसके उलट अनूपपुर जिले अंतर्गत ग्राम कैलौरी ऊर्जा नगरी चचाई मे तथाकथित भाजपा नेता मंडल अध्यक्ष सत्यनारायण द्वारा अपने रसूख एवं तहसीलदार साहब के साथ संबंधों का हवाला देते हुए दम खम दिखाकर न सिर्फ शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर आलीशान कोठी तान दी है, बल्कि अपने ऊपर बने राजनैतिक आकाओ के संरक्षण का लाभ उठाते हुए पूरे 10 एकड़ से भी ज्यादा शासकीय रकवा को खरीद फरोख्त कर लाभ का धंधा बनाने में जूटे हुए हैं, खसरा क्रमांक 1595 सिर्फ राजस्व के रिकॉर्ड में ही दर्ज है, लेकिन यदि इन शासकीय भूमि का भौतिक सत्यापन किया जाए तो सुइ की नोक बराबर भी शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त नहीं मिलेगी, नेताजी द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अतिक्रमणकारियों से बकायदे मोटी रकम लेकर पूरे 10 एकड़ से भी ज्यादा सरकारी रकवा को खुर्द बुर्द कर खरीद फरोख्त के काम को अंजाम दिया है, सबका साथ सबका विकास के स्लोगन का अक्षर शह पालन करते हुए अध्यक्ष ने लिया संकल्प पहले कार्यकाल में तनी आलीशान कोठी अब दूसरे कार्यकाल में व्यवस्थापन की कई एकड़ शासकीय भूमि कब्जा करने का पक्का इरादा कर लिया है।
*नोटिस नोटिस का खेल खेल रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी*
ग्राम पंचायत केल्होरी एवं पंचायत क्षेत्र के प्रबुद्ध जनो द्वारा राजस्व आमले को की गई शिकायत के बाद मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे अवैध कब्जा एवं निर्माण मामले में हलचल तो तेज हुई लेकिन राजस्व विभाग के जिम्मेदारों की कार्यवाही महज दिखावा साबित हुई, नोटिस नोटिस का खेल मे अब 10 एकड़ से ज्यादा करोड़ों की बेस कीमती शासकीय भूमि का मामला दम तोड़ता नजर आ रहा है।
*इनको थमाया गया नोटिस*
खसरा नंबर 1595 के 10 एकड़ से भी ज्यादा रकबे पर दर्जन भर से भी अधिक कब्जाधारियों को राजस्व विभाग ने 248 की नोटिस दी गई, जिसमें मुख्य रूप से सत्यनारायण, लाला सारंगिया गाजी खान, चेतन नहर, संजय सिंह, जाहिदा खातून, प्रदीप ताम्रकार, शोएब खान, राजन गुप्ता, गुल मोहम्मद, प्रमोद सिंह, विजय सिंह, अनीता वर्मा व सेमिया बाई शामिल हैं।
*हद कर दी आपने*
ग्राम पंचायत कैलौरी की बेस कीमती शासकीय भूमि को षडयंत्र पूर्वक हड़पने की स्क्रिप्ट तो पहले ही लिखी जा चुकी थी, बस इंतजार था तो दादा हरिश्चंद्र के इशारे का अनूपपुर तहसीलदार साहब तथा पटवारी के छुट्टी में जाते ही नेताजी का खेल शुरू हो गया और चट मंगनी पट ब्याह के तर्ज पर स्टे लगी भूमि पर निर्माण कार्य शुरू कर बकायदे उसे पूरा कराया गया, अध्यक्ष ने छत ढलाई करवा दी और अवैध निर्माण रोकने में पूरी तरह नाकाम राजस्व अमला हारे हुए सिपाही की तरह असहाय नजर आ रहा है।
*इनका कहना है*
तहसीलदार साहब और मैं दोनों एक माह की छुट्टी में थे, इसी बीच मौका पाकर सत्यनारायण ने अवैध निर्माण के कार्य को अंजाम दिया है, जबकि अवैध निर्माण के संबंध में तहसील कार्यालय मे कार्यवाही की जा रही है, शासकीय भूमि पर हो रहे निर्माण कार्य पर स्टे 248 के नोटिस के बावजूद निर्माण होना पूरी तरह गलत है।
*रूपनारायण सिंह तोमर, पटवारी, हल्का केल्होरी*
मुझे पूरे मामले की जानकारी उपलब्ध कराए, अगर शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा है तो उसे जल्द हटवा दिया जाएगा।
*कमलेश पुरी एसडीएम अनूपपुर*
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दूधधारा पर नरेन्द्र गिरी का अवैध कब्जा, महंत ने स्नान पर लगाई रोक, भाजपा जिलाध्यक्ष से हुआ विवाद
*वन विभाग ने महंत को थमाया नोटिस*
अनूपपुर/अमरकंटक
पवित्र नगरी अमरकंटक जहां मां नर्मदा का उद्गम स्थल है, वहां श्रद्धालुओं की आस्था पर उस समय ठेस पहुंची जब दूधधारा जलप्रपात पर वर्षों से कथित कब्जा जमाए महंत नरेंद्रगिरी ने श्रद्धालुओं को स्नान से रोक दिया। मामला तब सुर्खियों में आया जब स्वयं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम नर्मदा स्नान के लिए पहुंचे और उन्हें भी महंत द्वारा स्नान करने से रोक दिया गया। इस घटना के बाद पूरे प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मच गया।
वन विभाग ने महंत नरेंद्रगिरी को थमाया नोटिस
विवाद की जानकारी मिलते ही तहसीलदार नगर परिषद अधिकारी, पटवारी, और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग द्वारा महंत नरेंद्रगिरी को नोटिस थमाया गया। जिसमें कब्जा हटाने के लिए सप्ताह भर का समय दिया गया है। जैसे ही महंत की मनमानी का मामला उजागर हुआ और प्रशासन हरकत में आया, स्थानीय लोगों ने बैरिकेड्स को तोड़कर जबरदस्त नाराज़गी जाहिर की और दूधधारा में स्नान फिर से शुरू कर दिया।
हत्या के मामले में भी सामने आ चुका है नाम
यह पहला मामला नहीं है जब महंत नरेंद्रगिरी विवादों में आए हों, स्थानीय लोगों का कहना है कि वह अक्सर श्रद्धालुओं को स्नान करने से रोकते थे और वाद-विवाद की स्थिति बना देते थे। इससे पहले भी उनका नाम गढ़ीदादर स्थित खड़ेश्वरी बाबा की हत्या के मामले में सामने आ चुका है, जिससे उनकी छवि पर पहले से ही सवालिया निशान लगे हुए हैं। लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई क्योंकि वे वर्षों से इस पर रोक झेल रहे थे। श्रद्धालुओं ने प्रशासन का आभार जताया और मांग की कि दूधधारा को अवैध कब्जों से स्थायी रूप से मुक्त कराया जाए।
प्रशासन की ओर से साफ संकेत मिले हैं कि किसी भी धार्मिक स्थल पर अवैध कब्जा और श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महंत को दिए गए नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद यदि कब्जा नहीं हटाया गया तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दूधधारा की यह घटना न सिर्फ एक प्रशासनिक मामला है, बल्कि यह सामाजिक चेतना का विषय भी है। जब धार्मिक स्थलों पर अवैध कब्जे और निजी स्वार्थ आस्था पर भारी पड़ने लगें, तब समाज को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए, जैसा कि अमरकंटक के लोगों ने किया।
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जिला प्रशासन की तानाशाही, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में किया नगर के प्रथम नागरिक का अपमान
*जिलास्तरीय कार्यक्रम के आयोजन में आमंत्रण कार्ड से अंजुलिका सिंह का हटाया नाम*
अनूपपुर
मध्यप्रदेश की सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिला प्रशासन में बैठे जिम्मदारों को नसीहत देते हुए 20 वर्ष बिता दिए, वही 2 वर्ष से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जिला प्रशासन के जिम्मदारों को आये दिन हिदायत देते आ रहे कि कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम हो उसमें गांव से लेकर नगर एवं जिले के जनप्रतिनिधियों के विशेष सम्मान के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है।
लेकिन मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के जिला प्रशासन में बैठे जिम्मेंदार इतना बाज आ गए की सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करना तो दूर अपने जिले के जनप्रतिनिधियों के नाम तक भूल गए, यह कोई पहली बार नही ,अभी कुछ माह पूर्व मुख्यालय में स्वास्थ्य विभाग के एक आयोजित कार्यक्रम में जिम्मेंदारों द्वारा अनूपपुर ही नही मध्यप्रदेश के वरिष्ठ विधायक जो कई बार मप्र शासन के जिम्मेदार पदों में रहक़र सेवा दिए उनका नाम आमंत्रण कार्ड से हटा दिया गया था, जिसका कार्य कर्ताओ ने जबरदस्त विरोध भी किया था, जिसे समझाने के बाद विधायक बिसाहूलाल सिंह ने फटकार लगाते हुए चेतावनी दी थी, जिसमे लोगों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए तात्कालिक आश्वासन दिया गया था कि भविष्य में ऐसी गलती की पुनरावृत्ति नही की जावेगी।
वही दूसरी घटना में आज फिर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष अनूपपुर का नाम गायब करते हुए जनप्रतिनिधियों ही नही नगर का प्रथम नागरिक की उपेक्षा कर दी गई।जिसका पूरा दोष जिले के जिलाप्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों की ओर जाना इंगित करता है। पूरे मामले में बता दें कि ग्यारहवीं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आमंत्रण कार्ड में नगरपालिका अध्यक्ष अंजुलिका सिंह का आमंत्रण कार्ड में नाम न होना इस नगर का ही नही जिले भर के जनप्रतिनिधियों के अपमान होना माना जा रहा । सोशल मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक यह कहना बिलकुल गलत नही होगा उन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के लिये जिन्होने अपना नाम पढ़कर खुश हुए और जिला मुख्यालय के नपाध्यक्ष के नाम न होने को लेकर जिलाप्रशासन से चर्चा नही की न ही चेतावनी दी ।
विधानसभा हो या लोकसभा क्षेत्र के सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ये बात बिल्कुल ही न भूले कि अनूपपुर नगर में लगभग 40 हजार लोग निवास करते है और लगभग 25000 मतदाता भी है, आप केवल अपना सम्मान लेकर चलेंगे और नगर के मुखिया का अपमान होगा तो हम समझेंगे कि ये पूरे नगर का अपमान है और यह बर्दास्त नहीं किया जाएगा, इसलिए आपको भी इस बात का संज्ञान होना चाहिए और आपको भी विरोध करना चाहिए होगा।
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परासी स्वास्थ्य केंद्र की जर्जर दीवारें: मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा पर संकट
अनूपपुर
जिले के परासी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दीवारों में गहरी दरारें, प्रशासन की उदासीनता बनी चिंता का विषय शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की इमारत की दीवारें गंभीर दरारों से घिरी हुई हैं, जिससे मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। अस्पताल के सिस्टर ड्यूटी रूम, डॉक्टरों के कक्ष, आईपीडी रूम, मरीजों के वार्ड और ड्रेसिंग रूम तक की दीवारों में बड़ी दरारें हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक मरम्मत या नए भवन निर्माण का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
खतरनाक हालात, मजबूरी में चल रहा संचालन संरचनात्मक खतरा दीवारों की दरारें इतनी गहरी हैं कि किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। मरीजों और स्टाफ को इन्हीं जर्जर कमरों में रहने और काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है इस स्वास्थ्य केंद्र में पहले से ही दवाओं, जांच उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी चल रही है। अब इमारत की खराब हालत ने समस्याओं को और बढ़ा दिया है गंभीर हालात में भर्ती मरीजों को असुरक्षित वार्ड में रखा जा रहा है, जबकि आपातकालीन सेवाएं भी लगातार प्रभावित हो रही हैं ।
*स्थानीय लोगों का गुस्सा*
ग्रामीणों का कहना है कि यह स्वास्थ्य केंद्र "खुद बीमार" हो चुका है। उन्होंने तत्काल नए भवन निर्माण या मरम्मत की मांग की है। एक मरीज ने बताया,यहां इलाज कराने आते हैं, लेकिन दीवारों की हालत देखकर डर लगता है कि कहीं गिर न जाएं परासी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जर्जर इमारत सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है। अगर जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो किसी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
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पांच दिनों से चार हाथियों को समूह ने राजेंद्रग्राम क्षेंत्र में डाला डेरा, रातों मे तोड रहे ग्रामीणों के मकान, दहशत में ग्रामीण
अनूपपुर
विगत पांच दिनों से चार हाथियों का समूह राजेंद्रग्राम क्षेत्र में दिन के समय जंगल में ठहरने हुए रात होते ही जंगल से लगे ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर ग्रामीणों के घरो में तोड़फोड़ कर विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बना रहे हैं। 22 जून को पांचवें दिन चारों हाथी राजेंद्रग्राम क्षेत्र के रौषरखार गांव से लगे बेनीबारी बीट के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं, हाथियों के निरंतर विचरण से ग्रामीण परेशान एवं दहशत की स्थिति में रात रात भर जाग कर रात बिताने को बाध्य है।
चार हाथियों का समूह 14 जून की रात छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही इलाके से अनूपपुर जिले में प्रवेश जैतहरी एवं अनूपपुर तहसील के ग्रामों में विचरण करते हुए विगत पांच दिनों से राजेंद्रगाम क्षेंत्र में पहुंचकर विचरण कर रहे है, यह हाथियों का समूह दिन में जंगल में रहने के बाद रात होते ही जंगल से लगे ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर ग्रामीणों के मकानों को आहार की तलाश में निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ कर विभिन्न तरह के अनाजों को अपना आहार बना रहे हैं, शुक्रवार की मध्य रात्रि चारों हाथी गुट्टीपारा बीट के जंगल में दिनभर रहने बाद रात होने पर बिजौरा निवासी धन्ना,अजीत,निहाली के तथा शनिवार की रात छींदपानी बीट के जंगल से निकलकर बिजौरा के संचरा के बैगानटोला निवासी रतनी बाई,टिल्लू,अमृत,कान्ता,लामू के मकानो/झोपड़ियो में तोड़फोड़ कर नुकसान करते हुए लमसरई,गर्जनबीजा से रविवार की सुबह बेनीबारी बीट के रौषरखार गांव से लगे जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं,चारों हाथियों को राजेंद्रग्राम क्षेत्र में खेतों मे खाने के अनाज ना मिल पाने के कारण संभवतः घरों में तोडफोड कर रहे है, हाथियों के निरंतर विचरण करने एवं ग्रामीण के संपत्तियों का नुकसान करने के कारण हाथी का विचरण से ग्रामीण अपनी संपत्तियों को बचाने के लिए रात रात भर जाग कर रात बिताने को बाध्य है, वही वनविभाग का गश्ती दल ग्रामीणो एवं अन्य विभागों से समन्वय बनाते हुए हाथियों के विचरण पर निरंतर निगरानी करते हुए ग्रामीणों को दिन के समय हाथियों के विश्राम करने वाले स्थल के जंगलों में नहीं जाने,रात के समय गांव से बाहर एवं जंगल के समीप बने मकानों में नहीं रहते हुए बीच बस्ती में के पक्के मकान में सुरक्षित रहने की अपील की है।
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प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च के द्वारा प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम का होगा आयोजन
*शिक्षकों और मेघावी छात्रों का भी किया जाएगा सम्मान*
अनूपपुर
जिले के दो स्थानों में क्रमशः 24 जून 2025 दिन-मंगलवार को अनूपपुर जिले के अभिनंदन भवन,राजनगर कालरी में और 25 जून 2025 दिन-बुधवार को कान्हा इंटरनेशनल ,अमरकंटक रोड अनूपपुर में किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ऐसे शिक्षकों को भी सम्मानित करना है जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है,और छात्रों के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाई है,ये शिक्षक न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं,बल्कि विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की नींव भी रखते हैं। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत उन छात्रों को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अकादमिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उनकी मेहनत, लगन और अनुशासन उनकी सफलता का प्रमाण है और प्रेरणा का स्रोत भी।
प्रतिभा सम्मान केवल एक पुरस्कार समारोह नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को करियर मार्गदर्शन प्रदान करने का एक सार्थक मंच भी है। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ छात्रों को करियर की संभावनाओं,कौशल विकास और भविष्य की चुनौतियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, जिससे वे अपने लक्ष्यों को स्पष्टता और आत्मविश्वास के साथ तय कर सकें।
प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, भोपाल का यह आयोजन यह दर्शाता है कि संस्थान न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी है, बल्कि प्रतिभा को पहचानने, प्रोत्साहित करने और विकसित करने में भी तत्पर है। प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम एक ऐसा मंच है जो उत्कृष्टता, समर्पण और संभावनाओं का उत्सव है। यह आयोजन यह सिद्ध करता है कि जब संस्थान शिक्षा के साथ-साथ मार्गदर्शन और प्रोत्साहन भी दें,तो सफलता और समाज का विकास दोनों सुनिश्चित होते हैं। आयोजन प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट की दूरदर्शिता, प्रतिबद्धता और नवाचार की भावना का प्रतीक है,जो विद्यार्थियों और शिक्षकों को नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर करने में एक प्रेरणास्रोत बनेगा। आयोजक संस्था ने दोनों ही दिवसों पर अनुपपुर जिले के मेघावी छात्रों एवं उक्त विद्यालयों के शिक्षको को कार्यक्रम में आमंत्रित किया है।
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4 एसआई, 32 एएसआई, 40 प्रधान आरक्षक व 36 आरक्षकों के स्थानांतरण
अनूपपुर
अनूपपुर जिले में पुलिस विभाग के प्रशासनिक कार्यों को सुदृढ़ बनाने एवं कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाए रखने के उद्देश्य से जिला पुलिस अधीक्षक ने बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों के तबादले किए हैं। कुल 112 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके वर्तमान पदस्थापना स्थल से हटाकर नए स्थानों पर पदस्थ किया गया है।
पुलिस मुख्यालय भोपाल से प्राप्त निर्देशों और डीजीपी द्वारा अनुमोदन के बाद 16 जून 2025 को यह आदेश जारी किया गया। इस आदेश में उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक और आरक्षक स्तर के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक मोती उर्र रहमान द्वारा 4 उपनिरीक्षक, 32 सहायक उपनिरीक्षक,40 प्रधान आरक्षक एवं 36 आरक्षकों को इधर से उधर किया गया है।
इस तबादले की सूची में कई महत्वपूर्ण नाम शामिल हैं जिनमें महिला थाना, यातायात शाखा, कोतवाली, कोतमा, रामनगर, चचाई, जोहाटरी आदि थानों के पुलिसकर्मी शामिल हैं। आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि सभी अधिकारी/कर्मचारी नवीन पदस्थापना स्थल पर तत्काल प्रभाव से कार्यभार ग्रहण करें।
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शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के सामने से हटा साइन बोर्ड ,कांग्रेस पार्षदों ने जताया था विरोध
*चौक मे अतिक्रमण कर लगाया गया था साइन बोर्ड*
शहडोल ।
जिले के कोयलांचल नगरी धनपुरी के ह्रदय स्थल आजाद चौक में वीर शहीद चन्द्र शेखर आजाद की प्रतिमा के दोनों ओर नियम विरुद्ध तरीके से नगर के एक नए नवेले नेता द्वारा अपने प्रचार-प्रसार के लिए लगवाया गया साइन बोर्ड कांग्रेसी पार्षदों के विरोध के बाद हटाया गया।
धनपुरी के ह्रदय स्थल आजाद चौक में वर्षों पहले वीर शहीद चन्द्र शेखर की प्रतिमा स्थापित करते हुए वहाँ सुनदरता की दृष्टि से फव्वारा लगवाया गया था । जो एक गोलाकार कृति में चौक की शोभा बढ़ा रहा है । बीते दिनों शहीद की प्रतिमा घेरे के ठीक बाहर नगर के एक नए नवेले युवा नेता ने अतिक्रमण करते हुए वहाँ पर अपने नाम का प्रचार- प्रसार करने के लिए दो -दो साइन बोर्ड स्थाई रूप से लगवा दिया गया था । उक्त साइन बोर्ड में मेहुल श्रीवास्तव का नाम लिखा हुआ था ,जो कि किसी रास्ट्रीय बजरंग दल नामक संगठन से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है ।
बीते दिवस जब अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देने जब भारी संख्या में कांग्रेसी शहीद आजाद प्रतिमा में एकत्र हुए तो उक्त साइन बोर्ड को देख आपत्ति की । श्रद्धांजलि सभा के बाद वहाँ मौजूद कांग्रेसियों ने इस कृत्य का विरोध करते हुए कहा कि एक शहीद की प्रतिमा के आगे इस तरह प्रचार- प्रसार के लिए स्थाई साइन बोर्ड लगाना वीर शहीद का घोर अपमान है । इसे कतई बर्दास्त नहीं किया जा सकता है । इसके बाद कांग्रेसी पार्षदों समेत कांग्रेस नेताओं ने मुख्य नगर पालिका से मुलाक़ात कर आजाद चौक में शहीद की प्रतिमा के आगे लगाए गये साइन बोर्ड तत्काल हटवाए जाने की बात कही । बहरहाल कांग्रेस के विरोध के बाद अब आजाद चौक में उक्त नए नवेले नेता का प्रचार प्रसार वाला दोनों साइन बोर्ड हट चुका है ।
वही शहीद की प्रतिमा के घेरे के अंदर एक अलग से पाइप लगाकर अथवा नपा के हाई मास्क पोल में किसी संगठन का झंडा अब भी लगा हुआ है , जबकि नियमानुसार शासकीय संपत्ति में किसी भी संगठन का झंडा नहीं लगाया जा सकता है । शहीद चन्द्र शेखर आजाद की प्रतिमा के समक्ष अब तक केवल तिरंगा झंडा ही लगता रहा है । लेकिन अब वहाँ दूसरे झंडे को लगाकर नए विवाद को जन्म दिया जा रहा है । ऐसी हरकत कर नगर की शान्ति व्यवस्था में खलल पैदा करने का प्रयास किया जा रहा हैं ,जिस पर नपा एवं पुलिस प्रशासन को समय रहते अंकुश लगाना चाहिए । लेकिन शायद इस पर अभी नपा प्रशासन और स्थानीय पुलिस की नजर नहीं पड़ी है । जबकि कुछ दिनों बाद मुहर्रम का त्यौहार है ।