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रोजगार सहायक को सरपंच व सचिव ने खुलेआम फर्जीवाड़े करने का दिया लाइसेंस, जिम्मेदार मौन 

*बिना मास्टर निकाले ही मनरेगा का कार्य हो जाता है शुरू*

अनूपपुर

जिले के कोतमा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत ख़मरौध का जहा पर मनरेगा के सभी कामों मे जैसे बिना पानी निकासी के पुलिया निर्माण कार्य, सीसी रोड निर्माण कार्य व मूला हितग्राहियो के कामों मे भी जो मजदूर कभी काम करने नहीं जाते उनका भी मास्टर जारी कर खुलेआम भृष्टाचार को अंजाम दिया जाता है, जिसमे पंचायत के सरपंच सचिव व खासकर के कोतमा जनपद के इंजिनियर डोंगरवार का विशेष योगदान रहता है ।

रोजगार सहायक के द्वारा बिना मास्टर निकाले ही मनरेगा के कामों को चालू किया जाता है और बाद मे अपने हिसाब सें डिमांड बनाकर जो मजदूर कभी काम करने नहीं जाते व जो घर पर रहते है जिनका इलाज बड़े बड़े हॉस्पिटलो सें चल रहा है जो चलने फिरने के लायक नहीं है यहाँ तक की जिनको मध्य प्रदेश शासन सें वृद्धा पेंसन जारी है, उनका मास्टर लगातार निकाल कर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जाता है। अपने चहेते मेट को मूल हितग्राही के कामों मे दो दो साइड़ो पर एक ही समय वा एक ही दिनांक पर दी जवाबदारी और प्रमाणित भ्रष्टाचार तो तब होता है, जब मूल हितग्राही के चल रहे खेत तलाब निर्माण कार्यों पर अपने चहेते मेट को एक ही टाइम वा एक ही डेट पर दो दो जगह की जवाबदारी दे कर जमकर दिन दहाड़े खुलेआम फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जाता है, जिसमे सरपच सचिव महोदया की पुररूपेण मौन स्वीकृति प्रदान है।

अभी अभी ही हाल मे एक मामला सामने आया है, जहा पर मास्टर जनरेट कही और का और मजदूरों का पेमेंट कही और का, जब इस विषय मे इनसे जानकारी लिया गया तो बताया गया की जो सीसी रोड प्राथमिक शाला के पास बना था, उसमे ज्यादा मजदूरों को काम करा दिया गया था तो उनका ही वहा पे अर्जेस्ट किया जा रहा है, इससे यहाँ पर स्पष्ट रूप सें कोतमा जनपद के इंजिनियर की भूमिका समझ मे आ रहा है, जबकि इनकी शिकायत कई बार सें सीएम हेल्पलाइन मे ग्रामीणों के द्वारा की गयी, परन्तु इनको न इनके रोजगार सहायक आज तक कुछ फर्क नही पड़ा, समस्त ग्रामवासियो ने मुख्य कार्यापालन अधिकारी जिला पंचायत सें निवेदन किया है की जल्द जल्द सें जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाय।

जिले में चारो ओर ग्राम पंचायतो में जिस कदर शासन जनहित की राशि स्वीकृत करके विकास कार्यों को अंजाम देने में आमादा है, तो वही यहां पर बैठे जिम्मेदार लोग भ्रष्टाचार को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई करेगा? या फिर लाखों रुपये का यह फंड भी अन्य योजनाओं की तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि पूरे निर्माण कार्य की जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

*इस मामले मे सरपंच महोदया के मोबाइल में सम्पर्क किया गया तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया*

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रात के अंधेरे में बदमाशो ने कर्मचारी बंधक बनाकर चोरी करके ले गए ट्रांसफार्मर, सुरक्षा कर्मी सोते रहे

*प्रबंधन की कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल*

अनूपपुर

जिले का कोतमा क्षेत्र "कोयला उत्पादन" के लिए नहीं, डकैती और लापरवाही के लिए जाना जा रहा है यहां अब सिर्फ खनन नहीं हो रहा, बल्कि व्यवस्था का कब्रिस्तान भी तैयार हो चुका है जहां पुलिस का लॉ एंड ऑर्डर दम तोड़ रहा है और प्रबंधन का जमीर पहले ही मर चुका है।

बीती रात की वारदात ने साबित कर दिया कि इस क्षेत्र में अपराधी राजा हैं और कर्मचारी उनके सामने निरीह प्रजा एसईसीएल के पंखा घर में तैनात राममनोहर, जो सिर्फ ड्यूटी निभा रहा था, उसकी किस्मत में ऐसा मंजर लिखा था जो एक आम आदमी की कल्पना से परे है रात के सन्नाटे में अचानक 15-16 बदमाश ऐसे घुसे जैसे उन्हें किसी सुरक्षा की कोई परवाह ही नहीं चारों ओर से घेरकर कर्मचारी को पटक दिया, मोबाइल छीना और कोठरी में बंद कर दिया, ये कोई चोरी नहीं थी, ये थी पूरी प्लानिंग के साथ की गई डकैती थी।

राममनोहर पूरी रात उस कोठरी में बंद रहा, ना खाना, ना पानी, ना मदद और उस दौरान बाहर अपराधी ट्रांसफॉर्मर तक उखाड़ ले गए सरकारी संपत्ति लुट गई, सिस्टम लुटता रहा, और पुलिस प्रशासन कुछ नही कर पाई। सुबह जब कर्मचारी किसी तरह बाहर निकला, तो नजारा ऐसा था जैसे किसी युद्ध के बाद का मैदान, सामान बिखरा पड़ा, ट्रांसफॉर्मर गायब हो चुका था।।ल

पुलिस ने घटना के बाद वही पुराना राग अलापा “जांच चल रही है”, “जल्द कार्रवाई होगी”, “अज्ञात लोगों की तलाश है” लेकिन सवाल यह है कि जब अपराधी योजनाबद्ध तरीके से घुसते हैं, कर्मचारियों को बंधक बनाते हैं, और घंटों लूट मचाते हैं, तब पुलिस कहां होती है, क्या गश्त सिर्फ फाइलों में होती है। खान प्रबंधन जिनके मातहत ये पूरा सिस्टम चलता है, वो सिर्फ प्रेस नोट में निंदा कर देने से मुक्त हो जाएंगे?सीसीटीवी हैं तो फुटेज कहां है, सुरक्षाकर्मी हैं तो सो क्यों रहे थे, या फिर सब कुछ पहले से तय था। जब कोई कर्मचारी ड्यूटी पर होता है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है। यह घटना केवल एक कर्मचारी पर हमला नहीं है, यह पूरे सरकारी सिस्टम पर हमला है यह उस लोकतंत्र की बेइज्जती है, जिसमें आम कर्मचारी भी सुरक्षित नहीं।

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केन्द्रीय मंत्री ने जनजातीय विश्वविद्यालय में बी.टेक. शुरू करने शिक्षा मंत्री से मांगी विशेष स्वीकृति

*2025 में मिली थी पांच बी.टेक. पाठ्यक्रमों को स्वीकृति*

अनूपपुर

तकनीकी शिक्षा के माध्यम से आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री  दुर्गादास उइके ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री  धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025 से ही पाँच बी.टेक. पाठ्यक्रमों को शुरू करने की विशेष अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है। पिछले 16 वर्षों से महाकौशल अंचल के आदिवासी बहुल जिलों — अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, उमरिया, बैतूल, हरदा सहित कुल 20 जिलों के हजारों छात्र इंजीनियरिंग की शिक्षा से वंचित हैं। समय-समय पर यह माँग उठती रही है कि इस विश्वविद्यालय में वन-उत्पाद, कृषि आधारित फूड प्रोसेसिंग, पारंपरिक वन औषधियों से लेकर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, सूचना प्रौद्योगिकी और खनन जैसे क्षेत्रों से जुड़ी बी.टेक. डिग्री प्रदान की जाए। इन पाठ्यक्रमों की शुरुआत से न केवल युवाओं को स्थानीय संसाधनों और नवाचार के माध्यम से स्वावलंबन का मार्ग मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नई दिशा मिलेगी। स्ववित्तपोषी मोड में इन पाठ्यक्रमों को आरंभ करने हेतु मंत्री उइके ने यह पहल की है।

*मिली थी पांच बी.टेक. पाठ्यक्रमों को स्वीकृति*

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद द्वारा फरवरी 2025 में निम्नलिखित पाँच बी.टेक. पाठ्यक्रमों को स्वीकृति दी गई जिसमें बी.टेक. – बायोमेडिकल एंड रोबोटिक इंजीनियरिंग, बी.टेक. – कंप्यूटर साइंस एंड आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग, बी.टेक.–फूड टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, बी.टेक.–सूचना प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग तथा बी.टेक.–माइनिंग इंजीनियरिंग शामिल है। 26 मई 2025 को विश्वविद्यालय ने इन पाठ्यक्रमों में इस सत्र से ही प्रवेश हेतु शिक्षा मंत्रालय को औपचारिक प्रस्ताव भेजा है। जिसमें एआईसीटीई के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बी.वॉक. पाठ्यक्रमों से जुड़े छात्रों को बी.टेक के सातवें सेमेस्टर में लेटरल एंट्री देने का भी प्रस्ताव रखा है, ताकि व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं को मुख्यधारा में प्रगति का सुव्यवस्थित मार्ग मिल सके।

*पीएम जनजातीय समुदायों के प्रति संवेदनशील*

पूर्व विभागीय संगठन मंत्री, एबीवीपी एवं आदिवासी युवा नेता मोरध्वज पैकरा ने कहा कि भारत सरकार और प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जनजातीय गौरव और आदिवासीयों के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। विश्वविद्यालय में इन पाँच बी.टेक. पाठ्यक्रमों की शुरुआत एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम है, जो तकनीकी रूप से आदिवासी युवाओं को सशक्त करेगा। मोरध्वज ने आगे कहा कि अब तक विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम न होने के कारण आदिवासी युवाओं को पलायन, आर्थिक कठिनाई और अवसरों के अभाव का सामना करना पड़ता था, जबकि उनके पास भरपूर प्रतिभा है। दुर्गादास उइके द्वारा शिक्षा मंत्री को भेजे गए इस विशेष अनुरोध पत्र ने एक अत्यंत आवश्यक और तात्कालिक जनहित के विषय की ओर सरकार का ध्यान खींचा है। मोरध्वज ने यह भी बताया कि यह प्रस्ताव शीघ्र ही उच्च शिक्षा सचिव के माध्यम से स्वीकृत हो सकता है और विश्वविद्यालय स्तर पर लिखित प्रवेश परीक्षा आयोजित कर जुलाई 2025 से ही इन पाँच पाठ्यक्रमों में प्रवेश की स्वर्णिम अवसर छात्रों को प्राप्त हो सकती है।

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रेलवे अंडरब्रिज बना समस्या का कारण, बारिश में ग्रामीणों का टूट जाता है संपर्क

अनूपपुर

ग्राम पंचायत निंगोरा में बने रेलवे अंडरब्रिज क्रमांक 45 पर भारी बारिश के दौरान जलभराव की गंभीर समस्या सामने आई है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्राम पंचायत निंगोरा की सरपंच कुसुम बाई द्वारा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर मंडल के नाम भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि बीते वर्षों में बने इस अंडरब्रिज पर हल्की बारिश में भी लगभग 3–4 फीट तक पानी भर जाता है, जिससे स्थानीय स्कूली छात्र-छात्राओं, बुजुर्गों एवं आम ग्रामीणों का आना-जाना पूर्णतः बाधित हो जाता है। ग्रामीणों को रोजमर्रा के कार्य, विद्यालय जाने वाले बच्चों और मरीजों के अस्पताल पहुंचने में भारी परेशानी होती है। ग्राम पंचायत द्वारा इस समस्या के संबंध में पूर्व में भी आवेदन भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है।

सरपंच कुसुम बाई ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि अंडरब्रिज के जलनिकासी की उचित व्यवस्था की जाए और वहाँ की नियमित सफाई व रखरखाव सुनिश्चित किया जाए, ताकि बारिश के दिनों में पानी की निकासी सुचारु रूप से हो सके और ग्रामीणों को राहत मिले। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि जब तक स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक अस्थायी रूप से जलनिकासी पंप या वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था की जाए, जिससे स्कूली छात्र एवं आमजन सुरक्षित रूप से आवाजाही कर सकें।

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सपने में मिला मां नर्मदा का आदेश नर्मदा जल कावड़ में लेकर मन्नूलाल सेन निकले केदारनाथ

*पहले भी कर चुके हैं यात्रा, पदयात्रा 61 दिन में पूरी होगी*

अनूपपुर

मां नर्मदा की पवित्र पावन भूमि अमरकंटक से अनूपपुर निवासी मन्नूलाल सेन ने मां नर्मदा की पूजा अर्चना कर मां नर्मदा का आशीर्वाद लेकर कावड़ में मां नर्मदा के जल को लेकर केदारनाथ के लिए 1 जून 2025 को अमरकंटक से पद यात्रा में निकल पड़े जो वर्तमान में उमरिया जिले की सीमा में है उनकी यह पदयात्रा 61 दिन में पूरी होगी।

कई बार पदयात्रा कर चुके मन्नूलाल सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि वह मां नर्मदा के सपने में मिले संदेश के बाद मां नर्मदा को लेकर भगवान केदारनाथ तक की कठिन पदयात्रा पर निकले हैं उन्होंने बताया कि वह अनूपपुर जिला मुख्यालय के वार्ड क्रमांक 9 के निवासी हैं।यह कोई सामान्य यात्रा नहीं है,बल्कि भक्ति,विश्वास और दिव्य प्रेरणा से जुड़ी हुई एक अनोखी साधना है।मन्नूलाल सेन अपने साथ नर्मदा जल लेकर पैदल केदारनाथ की ओर अग्रसर हैं।वे कहते हैं कि यह यात्रा न केवल उनके लिए बल्कि समस्त मानवता के लिए एक संदेश है।जब मन में श्रद्धा हो और आत्मा सच्चे संकल्प से जुड़ी हो,तो कोई भी मार्ग कठिन नहीं होता। मन्नूलाल सेन बताते हैं कि एक रात उन्हें स्वप्न में माँ नर्मदा के दर्शन हुए।उस स्वप्न में नर्मदा मैया ने उनसे कहा, "बेटा, मुझे अपने पिता के पास जाना है।मुझे केदारनाथ तक ले चलो।" मन्नूलाल कहते हैं कि उन्होंने सपने को सिर्फ एक सपना नहीं माना,बल्कि उसे एक आदेश,एक आशीर्वाद समझा।माँ नर्मदा की इस आज्ञा को उन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया और उसी दिन से उन्होंने इस कठिन यात्रा की तैयारी शुरू कर दी।

1 जून 2025 को उन्होंने अमरकंटक से अपनी पदयात्रा की शुरुआत की।वे इस संकल्प के साथ चल रहे हैं कि 61 दिनों में केदारनाथ धाम पहुँचकर भगवान शिव के चरणों में नर्मदा जल अर्पित करेंगे।यह एक ऐसा अनुष्ठान है जिसमें श्रद्धा,आस्था और तप का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। यह पहली बार नहीं है जब मन्नूलाल ने इस प्रकार की लम्बी पदयात्रा की हो।वे अब तक अनूपपुर से अमरकंटक तक 52 बार पदयात्रा कर चुके हैं।इसके अलावा उन्होंने लगभग 3960 किलोमीटर लंबी कठिन नर्मदा परिक्रमा भी पूरी की है,जिसे आध्यात्मिक यात्रा का सर्वोच्च रूप माना जाता है।मन्नूलाल ने अनूपपुर से अयोध्या तक लगभग 850 किलोमीटर की पदयात्रा भी की है।हाल ही में कावड़ लेकर बाबा बैजनाथ धाम तक भी पदयात्रा किए हैं।उनकी यह यात्रा उनकी छठवीं बड़ी धार्मिक पदयात्रा है,लेकिन उनके अनुसार यह सबसे विशेष है,क्योंकि यह स्वयं देवी नर्मदा के आदेश से प्रारंभ हुई है।

अपनी यात्रा के पांचवें दिन वे उमरिया जिले के पाली पहुंचे,जहाँ उनका आत्मीय स्वागत किया गया।स्थानीय लोगों ने उन्हें श्रद्धा के साथ भोजन,जल और विश्राम की व्यवस्था प्रदान की।ग्रामीणों ने उनकी इस आस्था से भरी यात्रा को एक उदाहरण बताते हुए कहा कि आज के समय में ऐसे संकल्प दुर्लभ हैं। पाली में उपस्थित श्रद्धालुओं और युवाओं ने मन्नूलाल से उनकी यात्रा की प्रेरणा के बारे में जाना और भावुकता के साथ उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।कई लोग इस बात से प्रभावित हुए कि एक सामान्य व्यक्ति कैसे एक असाधारण उद्देश्य को लेकर अपने पथ पर निडरता से बढ़ सकता है। मन्नूलाल की यात्रा न केवल एक धार्मिक कार्य है, बल्कि यह एक प्रेरणा है कि जब आत्मा सच्ची भावना से जुड़ी हो,तो ब्रह्मांड स्वयं उस पथ को सरल बना देता है। उनकी आस्था,निष्ठा और नर्मदा माँ के प्रति समर्पण आज लोगों के लिए श्रद्धा और प्रेरणा का स्रोत बन गया है।

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पत्थर से कुचल कर की हत्या, अपराध का तांडव जारी, मृतक खुद था अपराध में लिप्त

*दो दिन में दूसरी हत्या*

उमरिया

बिरसिंहपुर पाली। जिले के पाली क्षेत्र की सुबह एक और नृशंस हत्या की खबर से हुई। जानकारी मिली कि थानांतर्गत मंगठार चौकी के सुंदरदादर रोड पर बरा मोहल्ला के पास एक युवक का रक्त रंजित शव पडा हुआ है। घटना की सूचना पर वहां लोगों की भारी भीड जमा हो गई। थोडी ही देर मे थाना प्रभारी मदनलाल मरावी सहित अमले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मी तत्काल मौके पर पहुंच गये और हालात का जायजा लिया। इसी दौरान मृतक की शिनाख्त मनोज पिल्ले पिता तुलसीधरन पिल्ले 45 निवासी मंगठार के रूप मे की गई। बताया गया है कि मृतक मनोज पिल्ले खुद भी छोटे-मोटे अपराधों मे लिप्त था, जिसका नाम पाली थाने मे चस्पा गुंडा-बदमाश लिस्ट मे शामिल है। पुलिस ने आवश्यक कार्यवाही पूरी कर शव को पोस्टमार्टम के लिये रवाना कराया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मनोज का कत्ल बडे ही नृशंस तरीके से पत्थर द्वारा सिर कुचल कर किया गया है। खून मे डूबा हुआ शव और पास ही पडा एक बडा सा बोल्डर इस कहानी की पुष्टि कर रहा था। इस मामले मे अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की गई है।

*बदमाशों दे रहे व्यवस्था को चुनौती*

गौरतलब है कि बुधवार की रात पाली थाना के घुनघुटी चौकी अंतर्गत ग्राम अमिलिया मे एक दुकानदार शिवदयाल शुक्ला नामक दुकानदार की चाकुओ से गोद कर हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं बदमाशों ने उनकी वृद्ध माता पर भी हमला किया और घर से बहुत सारा सामान लूट कर ले गये। अभी इस खौफनाक घटना की चर्चा चल ही रही थी कि गुरूवार की रात अपराधियों ने एक और वारदात को अंजाम देकर सीधे तौर पर कानून-व्यवस्था को चुनौती दे डाली है। 

*नहीं पकडे गये लूट के आरोपी*

दोनो दिनो मे हुई दो-दो हत्याओं ने पाली ही नहीं लोगों मे भय और हताशा का वातावरण निर्मित हो गया है। जानकारों का मानना है कि पिछले कुछ महीनो से जिले मे चोरी की घटनायें तेजी से बढी हैं। इसके अलावा रेकी कर मोटरसाईकिल और कार की डिक्कियों से पैसा निकालने एवं वृद्ध महिलाओं व बुजुर्गो से लूट की वारदातों मे भी काफी इजाफा हुआ है। खास बात यह है कि कार, बाईक से पैसा उडाने और नागरिकों से लूट की घटना का एक भी आरोपी अभी तक गिरफ्त मे नहीं आ सका है।

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कलेक्टर के निर्देश पर टोली बनाकर नशे न करने के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं युवा

उमरिया

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के आवाहन पर जिले की युवा टीम उमरिया के द्वारा नशा मुक्त जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। युवा टीम संयोजक हिमांशु तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश को नशा मुक्त गगन बनाने की बात कही है मुख्यमंत्री की इस बात को उमरिया जिले के युवा टीम ने अपने यह प्रेरणा बना लिया है। जिला कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन व जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह के मार्गदर्शन पर युवा टीम के द्वारा टोली विस्तार कर जिले के विभिन्न ने ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों पर नशा मुक्त जन जागरूकता अभियान आयोजित कर लोगों को जागरूक व प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है। इसी के तहत युवाओं की टोली के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गांव गांव जाकर दीवारों पर नशा मुक्त नारे लिख लोगों को जागरुक को प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है।

टीम संयोजक हिमांशु तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि नशा करना एक बार शुरू हुआ तो इसके मकड़जाल में फंसकर नशा करने वालों का जीवन बर्बाद हो जाता है। नशा करने से शरीर, मन, बुद्धि, परिवार किसी को लाभ नहीं होता है, तो इसको करने की क्या आवश्यकता है! हर नशा ही बर्बादी की जड़ है, इसलिए इससे दूरी आवश्यक है।युवाओं की टोली ने दीवार लेखन से लोगों को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि नशा से अपराध, घरेलू हिंसा, दुष्कर्म, दुर्घटना, स्वास्थ्य, बच्चों की शिक्षा के दुष्परिणाम समाज को सुरसा की तरह दिन प्रति दिन निगलता जा रहा है। इससे सावधान होकर हमें समस्याओं के समाधान के लिए नशा से नाता तोड़ना पड़ेगा तभी हमारे एक सभ्य समाज का निर्माण हो पाएगा। दीवार लेखन करते समय टीम संयोजक हिमांशु तिवारी,खुशी सेन,नेहा सिंह, हेमलता सिंह,दुर्गा बाई, लष्मी बाई, मलती सिंह,इंद्रवती बाई, सरोज,रामकली सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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एनएचएम की दो सदस्यीय टीम ने जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड व ओटी की व्यवस्थाओं का लिया जायजा

शहडोल 

जिला चिकित्सालय शहडोल के लक्ष्य आधारित मेटरनिटी वार्ड के असेसमेंट के लिए दो सदस्यीय टीम एनएचएम भोपाल से प्राची अग्निहोत्री व जिला चिकित्सालय अनूपपुर से प्रिया प्रजापति ने जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। टीम द्वारा लेबर रूम व ऑपरेशन थिएटर में प्रसूताओं को मिलने वाली सुविधाओं व वहां उपलब्ध संसाधनों का जायजा लिया, साथ ही अस्पताल प्रबंधन से प्रसूताओं को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। 

निरीक्षण के दौरान मेटरनिटी वार्ड में साफ-सफाई की व्यवस्था अच्छी पाई गई, जिसकी टीम ने सराहना की। लक्ष्य टीम ने लेबर रूम के साथ ही ऑपरेशन थियेटर का भी निरीक्षण किया। साथ ही प्रसूताओं से भी अस्पताल प्रबंधन से मिलने वाले सुविधाओं के संबंध में चर्चा की। वार्ड व ओटी में उपलब्ध संसाधनों व अन्य मशीनरी के संबंध में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान अस्पताल सिविल सर्जन डॉ. शिल्पी सराफ ने दल के सदस्यों को जिला अस्पताल की अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर सहायक प्रबंधन पूजा सोनी, आरएमओ डॉ. पुनीत श्रीवास्तव उपस्थित थें।

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विकसित भारत के अमृत काल में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 साल

अनूपपुर

जिले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के 11 वर्षों की उपलब्धियों पर केंद्रित जिला कार्यशाला जैतहरी में आयोजित की गई कार्यशाला में जिला प्रभारी मिथलेश पयासी, जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम, आधाराम वैश्य , ब्रजेश गौतम ने संबोधित करते हुए मोदी सरकार के सेवा, सुशासन व ग़रीब कल्याण के 11 वर्षों में देश के हर वर्ग को योजनाओं व विकास कार्यो से पहुचे लाभ के साथ किस तरह देश का कायाकल्प हुआ उपस्थितजनों को बताया गया साथ ही ग़रीब कल्याण के इन 11 वर्षों को लेकर भाजपा के आगामी कार्यक्रमों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।

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