बोलेरो कांड से मचा हड़कंप, अमन की मौत के अफवाह पर बंद का आह्वान, प्रशासन पर उठे सवाल
अनूपपुर/कोतमा
जिले के कोतमा नगर में बोलेरो वाहन से युवक अमन नामदेव को कुचलने की घटना के बाद पूरे नगर में आक्रोश फैल गया है। अमन गंभीर रूप से घायल होने के बाद जबलपुर मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था, जहां बाद में उसकी मृत्यु की अफवाह खबर ने नगरवासियों को झकझोर दिया। इस घटना के विरोध में नगर बंद का आह्वान किया गया, और पूरे जिले की पुलिस बल को आनन-फानन में कोतमा में तैनात कर दिया गया। प्रशासन की इस तत्परता पर नागरिकों ने सवाल उठाए हैं कि जब नगर में निरंतर अपराध हो रहे थे, तब प्रशासन ने कभी क्यों नहीं चेतना दिखाई? अपराधियों के विरुद्ध ढुलमुल कार्रवाई और बाहरी तत्वों के बढ़ते प्रभाव ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
नगरवासियों का आरोप है कि रेत, शराब, और अन्य व्यवसायों में लिप्त बाहरी कारोबारियों के विरुद्ध पुलिस ने कभी उनकी वैरिफिकेशन तक नहीं की। उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि पर भी ध्यान नहीं दिया गया।शुक्रवार को ढाबा के पास बोलेरो वाहन से कुचलने की घटना सामने आई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना किसी सुनियोजित साजिश की ओर इशारा करती है। घटना के समय बोलेरो में कुल कितने लोग सवार थे, विवाद किन कारणों से हुआ था, क्या किसी शराब ठेकेदार ने जानबूझकर अमन को कुचलवाने का आदेश दिया, बोलेरो चालक ने किसके कहने पर वाहन चढ़ाया, क्या पुलिस को घटना का पूरा सच ज्ञात है, फिर भी वह मौन क्यों है, अब तक सभी नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किए गए, पीड़ितों को न्याय के लिए कब तक प्रतीक्षा करनी होगी, क्या नेताओं की चुप्पी किसी दबाव की ओर इशारा करती है।
नगरवासियों का कहना है कि अब सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, बल्कि सच्चाई चाहिए। सिर्फ बयान नहीं, जवाबदारी चाहिए। अमन के साथ न्याय कब, न्याय के लिए जनता की आवाज़ बुलंद होनी चाहिए, वरना हर अमन ऐसे ही कुचले जाते रहेंगे, यह मामला न केवल एक युवक की कुचलने का है, बल्कि प्रशासनिक निष्क्रियता, अपराधियों के संरक्षण और न्याय की मांग का प्रतीक बन गया है। नगरवासियों की आवाज़ अब प्रशासन को जवाबदेह बनाने के लिए गूंज रही है।