नगर परिषद के द्वारा कराए गए बोर में हुआ घोटाला, ठेकेदार व अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ गोलमाल
*बाल मजदूरों से कराया गया काम, कलेक्टर से निष्पक्ष जाँच की हुई मांग*
उमरिया
जिले के मानपुर नगर परिषद के सीएमओ राजेन्द्र कुशवाहा आए दिन सुर्खियों में रहते है सूत्रों के द्वारा जानकारी लग रही है की मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की जनहितैषी सरकार के द्वारा करोड़ो रुपए खर्च करके पीएचई विभाग के माध्यम से क्षेत्र की जनता के लिए पीने के पानी हेतु जगह-जगह पर बोर खनन कर हैण्डपम्प लगावाये जाते है, शासन के द्वारा चलाई गई योजना में भारी भ्रष्टाचार किया गया है यहाँ तक की माही कांट्रेक्शन कंपनी के द्वारा एचएमडी बोरबेल कम्पनी की गाड़ी क्रमांक KA 01 MN 2232 से सरकारी बोर कराया गया है।
मानपुर नगर परिषद अंतर्गत अभी तक लगभग 40 से 50 बोर किए जाने ली जानकारी मिल रही है, सूत्रों के द्वारा बताया जा रहा है की 200 फिट से ज्यादा गहराई का कोई भी बोर नही किया गया है, लेकिन नगर परिषद के सीएमओ राजेन्द्र कुशवाहा के द्वारा ठेकेदार से साठगांठ कर 300 फिट गहराई का पंचनामा बनवाया गया है, सभी बोर में आईएसआई मार्का की केसिंग पाइप डालना था, लेकिन लोकल केसिंग पाइप डाली गई है, दिखाने के लिए ऊपर 5 फुट आइ एस आई मार्का की केसिंग पाइप डाली गई है जिसकी विधिवत जांच कराई जाए, जिससे माही कांट्रेक्शन कम्पनी एवं मानपुर नगर परिषद के सीएमओ के साथ मिलकर किया गया भ्रष्टाचार उजागर करते हुए क्षेत्र की जनता को शासन के द्वारा चलाई गई योजना का लाभ मिल सके।
शासन के द्वारा चलाई गई योजना के पैसो का बंदर बाट करने वाले ठेकेदारों के द्वारा बोर होल खनन में किए गए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करते हुए ठेकेदार का ठेका तत्काल निरस्त किया जाए, जिससे इस तरह की पुनरावृत्ति कही अन्यत्र जगह ना कर सके, इसी तरह वार्ड क्रमांक 2 में शासकीय बोर खनन कार्य के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई थी। बोर खनन के कार्य में नाबालिग बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही थी, जिसका विडियो भी जमकर वायरल हुआ था, बाल श्रम कानून का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है, लेकिन विभाग के द्वारा आज तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की गई है।
कार्य में गुणवत्ता से समझौता करते हुए लोकल स्तर की बिना आइएसआइ मार्का की लोकल केसिंग पाइप का उपयोग किया गया है, जिससे भविष्य में जल आपूर्ति और संरचना की मजबूती पर सवाल खड़े होंगें, सबसे चिंताजनक बात यह है कि मौके पर नगर परिषद का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी उपस्थित नहीं रहते थे, जिससे कार्य की निगरानी और पारदर्शिता पर भी प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं।
स्थानीय निवासियों ने उमरिया जिला के कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जाए जिससे शासन के द्वारा क्षेत्र की जनता के लिए पीने के पानी हेतु चलाई गई योजना का सही तरीके से उपयोग किया जा सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाए। साथ ही,बच्चों से मजदूरी कराए जाने की वायरल हुई विडीओ का संज्ञान लेते हुए संबंधित ठेकेदार व नगर परिषद के अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाही की जाए।