नाना के घर जा रही नाबालिग से किया दुष्कर्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
अनूपपुर
थाने इलाके के एक छोटा सा गांव एक ऐसी दर्दनाक वारदात की गवाह बना, जिसने न सिर्फ एक लड़की की जिंदगी को पलट दिया, बल्कि पूरे समाज के भीतर एक गहरी टीस और गुस्सा भर दिया। एक गांव की भोली-भाली लड़की जो अपने नाना के घर जा रही थी, उसे उस रास्ते पर ना केवल विश्वासघात का सामना करना पड़ा, बल्कि वह एक हैवानियत का शिकार हो गई, जिसने उसकी मासूमियत और सुरक्षा के हर लिहाज को खत्म कर दिया।
लड़की अपने नाना के घर जा रही थी, जब उसकी मुलाकात भगवानदास पाव (46) से हुई, जिसने उसे अपनी बाइक पर बैठाकर बहला-फुसलाकर जंगल में ले गया। यह वह रास्ता था, जो कभी उसे सुरक्षित लगता था, लेकिन अब वह खौफनाक सन्नाटे का गवाह बन चुका था। जंगल में भगवानदास ने उसे लाचार कर दिया, उसकी चीखें हवा में गुम हो गईं, जैसे कोई सुनने वाला न हो। वह डर और दर्द में बुरी तरह से कांप रही थी, मगर उसकी मदद के लिए कोई हाथ नहीं बढ़ा।पीड़िता ने कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन उसकी आवाज कहीं खो गई। वह आदमी, जो पहले एक व्यक्ति की तरह दिखता था, अब एक हैवान में बदल चुका था। भगवानदास ने पीड़िता को एक गांव में छोड़ दिया, जैसे कि उसकी जिंदगी कोई कीमत न हो।
हालांकि, ग्रामीणों ने लड़की के परिजनों को सूचित किया। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, 12 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। विशेष टीम ने आरोपी को गुलीडांड से गिरफ्तार कर लिया। भगवानदास के खिलाफ बिजुरी थाने में पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया। कोतमा न्यायालय में उसे पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस घिनौनी वारदात के बाद, समाज में गुस्सा और डर का माहौल है, लेकिन इससे एक बात तो साफ हो गई है कि इस समाज में लड़कियों के लिए सुरक्षा का अधिकार एक सपना ही बनकर रह गया है। क्या हमारी व्यवस्था इन खौफनाक घटनाओं को रोकने में सक्षम होगी, या फिर यह कड़ी हम केवल बनते-बनते रह जाएंगे।