लाखों खर्च के बाद नक्षत्र वन बना उजाड़, शासन की योजना को कैसे लगता है पलीता
*नक्षत्र वन नही बचे नक्षत्र पेड़ पौधे, नक्षत्र वन का फेंसिंग तार हो गया चोरी*
अनूपपुर
मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के वार्ड क्रमांक 2 पुराने प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र के सामने तथा शिक्षक क्वार्टर के बगल से बराती मे स्थानीय प्रशासन नगर परिषद के आधिपत्य का वन में वन मंडल अनूपपुर उपवन मंडल राजेंद्र ग्राम तथा वन परिक्षेत्र अमरकंटक के द्वारा विगत 10 -12 वर्ष पूर्व शासन की विशेष कार्य योजना के तहत नक्षत्र वन का विधिवत भूमि पूजन उद्घाटन किया गया था, उक्त नक्षत्र वन में 27 नक्षत्रो के तहत तदअनुरूप पौधा रोपण किया गया था, लगभग 5 हेक्टेयर वन भूमि पर कटीले तार लगाकर फेंसिंग किया गया था तथा उक्त स्थल में जल आपूर्ति होती रहे के लिए पाइप लाइन बिछा कर पानी टंकी का का निर्माण भी हुआ था, लगभग 4 वर्षों तक उक्त नक्षत्र वन पौधे जो रोपित किए गए थे, उक्त नक्षत्र वन के विकास में लगभग शासन का 14 -15 लख रुपए खर्च हुआ है।
वन परिक्षेत्र अमरकंटक के द्वारा बनाए गए नक्षत्र वाटिका में दो सुरक्षा चौकीदार निरंतर देख-रेख करते थे, उन्हें वन विभाग के द्वारा मानदेय दिया जाता रहा है, उक्त सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा नक्षत्र वन की देखरेख तथा जल से सिंचाई की जाती रही, इससे उक्त नक्षत्र वन हरा भरा रहता रहा है। क्योंकि मध्य प्रदेश शासन के वन विभाग द्वारा नक्षत्र वन योजना पर शासन का बजट आवंटन न होने से उक्त नक्षत्र वन अब उजाड़ की शक्ल ले लिया है, वह वह क्षेत्र पूरी तरीके से टूट गया उजाड़ हो गया, इसमें पालतू जानवर आते जाते हैं, उसका कोई देखरेख करने वाला नहीं रहा, इस कारण नक्षत्र वन में अब कोई भी नक्षत्र पेड़ पौधे नहीं है । नक्षत्र वन का फेंसिंग तार भी जगह-जगह से टूट गया है, चोरी चल गया है देखरेख के अभाव में अब वहां लेंटाना बरमसिया ने ले लिया है।
क्या योजना बंद होने से उसका रखरखाव सुरक्षा आदि भी बंद हो जाती है, इससे शासन के लाखों रूपयों का अपव्य होता है, इसी तरह और भी योजना के मद में रकम आवंटित न होने के चलते विकास योजना प्रभावित होती है ।
अमरकंटक नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता रज्जू सिंह नेताम ने कहा कि वन परिक्षेत्र अमरकंटक के तत्कालीन वन परि क्षेत्राधिकार ने नक्षत्र वन की विधिवत स्थापना कराई थी, योजना अच्छी थी लेकिन देख-रेख सुरक्षा के अभाव में अब उक्त नक्षत्र वन का अता पता नहीं है, इससे शासन की योजना का पलीता लगा है, रकम का अपव्यय हुआ है यह अच्छी बात नहीं है । वन मंडल अनूपपुर तथा जिला प्रशासन को इस विषय में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करना चाहिए कि ऐसे योजना ना बनाएं जिसका सुरक्षा देख-देख ना हो सके, वह बियाबान की शक्ल ले ले । अमरकंटक वन परिक्षेत्र अधिकारी वीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें नक्षत्र वन के संबंध में पर्याप्त जानकारी नहीं है, कब की योजना है इस संबंध मे जानकारी लेता हूं तथा वन मंडल अधिकारी अनूपपुर को विषय से अवगत कराकर मार्गदर्शन लूंगा ।