"योगी से एक सफ़ल नेता बनने तक की यात्रा" के तमाम पड़ावों को खंगालती हुई यह पुस्तक

"योगी से एक सफ़ल नेता बनने तक की यात्रा" के तमाम पड़ावों को खंगालती हुई यह पुस्तक 


 //पुस्तक समीक्षा//


*योगी आदित्यनाथ*

     (एक युगनायक)

"""""""""""""""""""""""""""""""

"योगी से एक सफ़ल नेता बनने तक की यात्रा" के तमाम पड़ावों को खंगालती हुई यह पुस्तक 172 पृष्ठों में विस्तार पा गई है। 11 अध्यायों में विभाजित पुस्तक में योगी आदित्यनाथ को दुर्लभ चित्रों, चर्चित युक्तियों और काव्यमयी यशोगान के साथ भारतीय संस्कृति के उन्नायक और प्रखर राष्ट्रवाद के प्रेरक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यूनिक फील क्रियेशन्स, मुंबई ने इसे प्रकाशित किया है। इंदौर की युवा लेखिका सुशी सक्सेना और ग्वालियर के शुभांशु शर्मा के लेखकीय श्रम से पुस्तक का ढांचा उसी रूप में उठ खड़ा हुआ है, जिस रूप में इसकी कल्पना की गई होगी।

प्रारंभिक अध्यायों में जन्म से लेकर विद्यार्थी जीवन और फिर गोरक्षपीठ के कर्ता-धर्ता बनने से लेकर विरासत में मिले नेतृत्व को धार्मिक-सांस्कृतिक-सामाजिक और भव्य राजनैतिक परिदृश्य के मध्य विकसित होते हुए दिखाया गया है। संन्यासी जीवन की सभी कठोर शर्तों के पालन में कुछ भावुक पलों को भी दर्शाया गया है और पारिवारिक जीवन से दस उन घटनाओं को उठाया गया है। जिनसे उनका सबल और प्रबल व्यक्तित्व उभर कर सामने आता है। 2002 में हिन्दू वाहिनी के संगठन से लेकर सांसद और मुख्यमंत्री के रूप में किए गए समस्त कार्यों में हिंदू राष्ट्र स्वयं मुखरित हुआ है। भारत की उस गौरवशाली परंपरा के समर्थन में यह पुस्तक सामने आई है। जिससे दुनिया में हिंदू धर्म का परचम लहराया है और महाराज योगी आदित्यनाथ जी में वे सभी गुण दिखाएं गए है जो भारतीय संस्कृति का मूल है। 

पुस्तक का मध्य भाग भी अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी से भरा हुआ है। काशी, मथुरा, वृंदावन, गोरखपुर, अयोध्या, चित्रकुट एवं उत्तर प्रदेश के सभी हिंदू धर्म के देवालयों का पुनर्गठन एवं पुनर्निर्माण कर योगी सरकार ने संस्कृति के हाथ मजबूत किए हैं, साथ ही उनके इतिहास और वास्तु कला वैभव को भी लेखकों ने भावात्मक अनुकूलता के साथ प्रस्तुत किया है।

मध्यप्रदेश के दो युवा लेखकों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर उन्हें आमजन तक पहुंचाने की मंशा से इस पुस्तक का लेखन किया है। पुस्तक का यह तीसरा भाग, जो जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित है, विशेष उपयोगी तभी हो सकेगा, जब ये पुस्तक उत्तर प्रदेश के उन लक्षित आमजनों तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करेगी।

"प्रसिद्धि के बिना जीवन का कोई मोल नहीं है।" इस ध्येय वाक्य ने बांदा, उत्तर प्रदेश में जन्मीं इस लेखिका को ऊर्जावान बनाया है। कहा जा सकता है कि पिछली सभी किताबों से अलग कुछ हटकर इस बार किया गया है।

पाठकों को स्वयं अनुभूत होगा कि पुस्तक पढ़ना प्रारम्भ कर देने के बाद एक रोचक आकर्षण हमें बांध लेता है। और इसमें से लेखक गायब हो जाता है। प्रत्येक पृष्ठ पर योगी आदित्यनाथ छा जाते है। कौतुहल मिश्रित आश्चर्य के साथ पाठक इनके देवीय व्यक्तित्व से चमत्कृत होते चलते हैं। ऐसे भावुक प्रसंग भी जोड़े गए हैं जो योगी जी के संन्यास से संबंधित कठोर नियमों के पालन की गाथा कहते है। अपराध और भ्रष्टाचार में डूबे उत्तर प्रदेश को जिस तरह योगी सरकार की नीतियों ने सुशासन में बदल दिया है, हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना का समस्त वैभव, बल और पराक्रम इस युवक राज संन्यासी ने इस तरह दिखा दिया कि अपराधियों में खौंफ पैदा हो गया है। लगभग 30 पृष्ठों पर सिर्फ महिला सशक्तिकरण से संबंधित वे सारे कार्यकलाप हैं जो योगी सरकार की पहचान बन गए है।

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget