नेशनल लोक अदालत के 14 खण्ड पीठों में 800 प्रकरण निराकरण, 1 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि अवार्डेड

नेशनल लोक अदालत के 14 खण्ड पीठों में 800 प्रकरण निराकृत, 1 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि अवार्डेड

*आपराधिक, चैक बाउंस, क्लेम प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, विद्युत, प्रीलिटिगेशन प्रकरण में सुलह*


अनूपपुर 

मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं  प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अनूपपुर माया विश्वलाल के मार्गदर्शन में 10 मई, 2025 को जिला एवं सत्र न्यायालय अनूपपुर एवं तहसील सिविल न्यायालय कोतमा/राजेन्द्रग्राम में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायालय अनूपपुर में आयोजित नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ माॅ सरस्वती जी के चित्र में पुष्पमाला अर्पित कर एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। 

उक्त नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला स्तर पर 08 खण्डपीठ, तहसील सिविल न्यायालय कोतमा हेतु 03 खण्डपीठ एवं राजेन्द्रग्राम हेतु 03 खण्डपीठ का गठन किया गया। इस प्रकार जिले में कुल 14 खण्डपीठों का गठन किया गया। नेशनल लोक अदालत में आपराधिक 74, चैक बाउंस 23, क्लेम प्रकरण 06, वैवाहिक प्रकरण 20, विद्युत प्रकरण 75 एवं अन्य 265 एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरण 328, इस प्रकार कुल 800 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें कुल 1,85,90,517/-(एक करोड पचासी लाख नब्बे हजार पांच सौ सत्तह रूपयें) की राशि अवाॅडिड की गई।

पति रवि कुमार राठौर निवासी ग्राम चुरभटी द्वारा अपनी पत्नि से तलाक हेतु न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा पति रवि कुमार राठौर एवं पत्नि निधी राठौर दोनों को दाम्पत्य जीवन निर्वाहन् करने की समझाईश दी गई। जिस पर दोनों पक्ष राजी हो गए। जिसके उपरांत जिला न्यायाधीश महोदया द्वारा प्रकरण समाप्त किया और दोनों पति-पत्नि एक साथ राजी खुशी से अपने घर गए।

कुंठी बाई उम्र 66 वर्ष बनाम जगन्नाथ केवट उम्र 70 वर्ष के मध्य विवाद होने से आवेदिका द्वारा अनावेदक से भरण पोषण राशि दिलाये जाने हेतु न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। जिस पर न्यायालय द्वारा आवेदिका के पक्ष में आदेश पारित कर उसे प्रतिमाह 1800/-रूपयें भरण-पोषण राशि अनावेदक से दिलाय जाने का आदेश पारित किया। उभयपक्ष नेशनल लोक अदालत में संबंधित न्यायालय में उपस्थित हुए जिस पर खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारी एवं सुलहकर्तागण द्वारा दोनों को राजीनामा की समझाईश दिए जाने पर वे राजीनामा कर साथ-साथ रहना व्यक्त किया, 

धारा- 294, 323, 506, 342, 34 एवं 325 के तहत- वकैया, समयलाल उर्फ गुल्लू, पे्रमलाल और दुख्खू के ऊपर प्रकरण 2021 में दर्ज हुआ था। नेशनल लोक अदालत में चैनवती ताराम मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी और पक्षकारों के अधिवक्तागणों के प्रयासों से दोनों पक्षों को समझाईश दी गई। चूंकि मामला गंभीर प्रकृति का नही था और सभी धाराएं राजीनामा योग्य होने से न्यायालय की अनुमति से उक्त प्रकरण में राजीनामा कराकर, सभी आरोपियों को उन पर लगे अपराध से उन्मुक्त किया गया।

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