उमरदा-मझौली क्षेत्र बना कोयला माफिया का गढ़ खनिज विभाग एवं पुलिस घोर निद्रा में

उमरदा-मझौली क्षेत्र बना कोयला माफिया का गढ़ खनिज विभाग एवं पुलिस घोर निद्रा में

*अवैध कोयले का उत्खनन जोर शोर से चालू*


अनूपपुर

जिले के बिजुरी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत उमरदा पिपरिया क्षेत्र में स्थित नदी किनारे कोयला माफियाओं द्वारा भारी मात्रा में अवैध कोयला उत्खनन कर शासन प्रशासन को प्रतिदिन लाखों रुपए के आर्थिक (राजस्व) को क्षति पहुंचाया जा रहा है।उसके बावजूद भी इन अवैध कोयला उत्खनन कार्य में संलिप्त लोगों पर स्थानीय पुलिस एवं खनिज अमला अंकुश लगाने में नाकाम एवं कार्रवाई में नकारा साबित हो रहे हैं।जिससे इन प्रशासनिक जिम्मेदारों कि कोयला माफियाओं से सांठगांठ व मूक-स्वीकृति कि बात लोगों में जनचर्चा का विषय बना हुआ है।

*किसकी सह पर हो रहा कोयला उत्खनन*

स्थानीय जानकारों कि मानें तो कोयला माफिया उक्त नदी को पूरी तरह से मिट्टी से पाट कर वहां के तलहटियों से भारी मात्रा में कोयला का अवैध उत्खनन करने पश्चात उन्हे स्थानीय ईंट-भट्ठों सहित पड़ोसी छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न ठिकानों में बेखौफ पहुंचा रहे हैं।जिसकी जानकारी सम्बंधित विभाग को होने बाद भी कार्यवही महज शून्य है,जिससे यह समझा जा सकता है कि कोयला माफियाओं कि पकड़ और सेटिंग प्रशासनिक स्तर में किस कदर अपनी पैठ बनायी हुयी है।वही स्थानीय लोगो आशंका जाहिर करते हुए कहा कि कही लगाम लगाने वालों के सह पर ही तो नहीं हो रहा अवैध उत्खनन का कार्य...?

*बंद होने के बाद फिर हुआ शुरू*

विदित है कि कोयला माफियाओं द्वारा पूर्व में भी धड़ल्ले के साथ इसी स्थान से भारी मात्रा में कोयला निकाला जा रहा था। जिसकी जानकारी लगने के बाद स्थानीय अखबार एवं मीडिया चैनलों ने खबरें प्रकाशित एवं प्रसारित करते हुए शासन-प्रशासन तक मामले की जानकारी से अवगत कराया गया था।तदपश्चात उच्च स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले पर संज्ञान लेकर उक्त स्थान को पाटते हुए वहां से निकलने वाले अवैध कोयला उत्खनन पर रोक लगाया गया था।किंतु इसे प्रशासन की खानापूर्ति ही कहा जा सकता है कि उक्त स्थान को पाटने बाद,अन्य कोई कार्रवाई नही किया गया।और ना ही उक्त स्थान कि समय-समय पर निरीक्षण किया गया। मसलन थोड़े दिनों बाद ही कोयला माफियाओं द्वारा पुनः उसी स्थान में अवैध कोयला उत्खनन का कार्य प्रारंभ कर दिया गया,जो अब भी बदस्तूर जारी है।

*अपराधियों के भी शामिल होने की आशंका*

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय क्षेत्र के कुछ पुराने अपराधी छोटे मोटे रेत चोरों के द्वारा कोयला माफिया की जी हुजूरी करने और तलवे चाटने के बाद उन्हें कोयले के अवैध उत्खनन की देखरेख की नौकरी दे दी गई है,जिनका काम मजदूरों की मदद से या फिर बारूदी विस्फोट कराकर अवैध कोयला उत्खनन करना है।

*अवैध कोयला उत्खनन कार्रवाई की जरूरत*

बिजुरी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत उमरदा में इन दिनों जिस तरह से भारी मात्रा में अवैध कोयला का उत्खनन करते हुए माफियाओं द्वारा उक्त स्थान को आमदनी का चारागाह बनाकर शासन प्रशासन को प्रतिदिवस लाखों की आर्थिक क्षति पहुंचाया जा रहा है। उस पर जिम्मेदारों को गम्भीरता के साथ मामले पर संज्ञान लेकर न्यायोचित व सख्त कार्रवाई करने कि आवश्यक्ता है,जो थानाक्षेत्र के अवैध कारोबारी एवं अपराधियों के लिए एक सबक साबित हो सके,ना कि महज दिखावा।

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