चोरी से चल रहा है कबाड़ियों का अवैध कारोबार, पुलिस प्रशासन की मूक सहमति
अनुपपुर
जिले में कबाड़ी का कबाड़ व्यवसाय एक बार फिर चर्चा में है। कबाड़ व्यवसाईयों का कारोबार डंके की चोट पर चल रहा है, लेकिन इसके साथ ही आसपास के इलाकों में चोरियों की संख्या में भी अचानक इजाफा देखा गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है की कबाड़ व्यवसाय के पीछे पुलिस प्रशासन की मौन सहमति हो सकती है, जिसके चलते यह धंधा बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कबाड़ व्यवसाईयों के यहां चोरी की गई वस्तुओं को आसानी से बेचा जा सकता है। इससे चोरों को प्रोत्साहन मिल रहा है और चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लोगों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन जान बूझकर इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और कबाड़ कारोबार को बढ़ावा दे रहा है।
पुलिस की नाक के नीचे से कबाड़ी धड़ल्ले से काम कर रहे है। चोरी की गई वस्तुओं को यहां आसानी से बेचा जा सकता है। पुलिस को इसकी जानकारी है, लेकिन वे कुछ कार्यवाही सिर्फ नाम मात्र की होती है, अंदाजा लगाया जा सकता है कि कबाड़ियों का व्यवसाय दिन प्रतिदिन कितना बढ़ा है और चोरी की वारदात दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इस बीच, स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गहन जांच की जाए और चोरियों की घटनाओं पर रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। यदि पुलिस प्रशासन ने समय रहते इस मामले पर ध्यान नहीं दिया, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर से पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों की नजरें अब प्रशासन की कार्यवाही पर टिकी हुई हैं।