नेशनल लोक अदालत का आयोजन सम्पन्न, 1.66 करोड़ का अवॉर्ड पारित, पति पत्नी में हुई सुलह
अनूपपुर
मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर के अध्यक्ष पी.सी. गुप्ता के मार्गदर्शन में जिला एवं सत्र न्यायालय अनूपपुर एवं तहसील सिविल न्यायालय कोतमा/राजेन्द्रग्राम में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला स्तर पर 07 खण्डपीठ, तहसील सिविल न्यायालय कोतमा हेतु 05 खण्डपीठ एवं राजेन्द्रग्राम हेतु 03 खण्डपीठ का गठन किया गया था। इस प्रकार जिले में कुल 15 खण्डपीठों का गठन किया गया था। नेशनल लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन प्रकरणों के 1739 प्रकरण रखे गए, जिसमें से 327 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 3291694/-रूपयें की राशि अवॉडिड की गई। इसी तरह न्यायालयों के लंबित प्रकरणों में 650 प्रकरण रखे गए, जिसमें 580 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 10660037 रूपयें की राशि अवॉर्ड पारित की गई।
जिला न्यायालय अनूपपुर में आयोजित नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मॉ सरस्वती जी के चित्र में पुष्पमाला अर्पित कर एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मनोज कुमार लढ़िया, द्वितीय जिला न्यायाधीश/संयोजक नेशनल लोक अदालत नरेन्द्र पटेल, प्रथम जिला न्यायाधीश पंकज जायसवाल, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्रीमती चैनवती ताराम, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विनोद कुमार वर्मा, अंजली शाह न्यायिक मजिस्ट्रेट, सृष्टि साहू न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला विधिक सहायता अधिकारी दिलावर सिंह, जिला अधिवक्ता बार संघ के अध्यक्ष संतोष सिंह परिहार, सचिव राम कुमार राठौर, शासकीय अभिभाषक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा, लीगल एड डिफेंस काउंसिल संतदास नापित, जिला अधिवक्ता संघ के समस्त अधिवक्तागण तथा जिला न्यायालय अनूपपर के समस्त अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे।
*दम्पत्ति में हुई सुलह, दोबारा मिले*
नितेश बनाम मधु(परिवर्तित नाम) का विवाह वर्ष 2021 में हिन्दू विधि विधान एवं स्थानीय रीति रिवाज से सम्पन्न हुआ था। कुछ आपसी विवादों के चलते पत्नि नाराज होकर अपने मायके चली गई और माता-पिता से अलग रहने की बात करने लगी। दोनों के बीच उत्पन्न अहम को शनिवार को जिला न्यायालय अनूपपुर में आयोजित नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी.सी. गुप्ता द्वारा समाप्त कर दोनों परिवार को पुनः मिलन कराया गया। साथ ही उन्हें यह समझाईश दी गई कि वे एक होकर अपने दाम्पत्य जीवन का निर्वहन करें।