वन रक्षक ही बना जंगल का भक्षक डिप्टी रेंजर व वन रक्षक उजाड़ रहे हैं जंगल
*शिकायत के बाद भी नही हो रही है कार्यवाही, चोर सिपाही मिलकर दे रहे हैं अंजाम*
अनूपपुर/कोतमा
वन परिक्षेत्र कोतमा सर्किल लतार डिप्टी रेंजर विनोद कुमार मिश्रा एवं धुरवासिन कोटमी कक्ष क्रमांक RF 442 बीट प्रभारी सोमपाल सिंह के लापरवाही व सौदेबाजी से जंगल उजड़ रहा है जंगल को इनके द्वारा काफी क्षति पहुंचाई जा रही है जंगल को नूकसान पहुंचाने वालो का वनरक्षक एवं डिप्टी रेंजर सहयोग करते हैं। कोटमी जंगल में चोर सिपाही एक दूसरे के सहयोगी बने हुए हैं उच्च अधिकारियों को तत्काल ऐसे लापरवाही करने कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही करना चाहिए लेकिन कोई कार्यवाही नही किया जा रहा है कहीं नीचे से ऊपर तक के अधिकारियों को कोटमी धुरवासिन के जंगलों के लकड़ी बेचने में हाथ तो नही है, जिससे कार्यवाही नहीं किया जा रहा है चोर सिपाही दोनों लोगो अपने आप को साफ सुथरा दिखाने के प्रयास में जुटे हुए हैं जबकि दोनों वन अपराधी है दोनों कर्मचारी एवं अधिकारी को वन बीट एवं सर्किल से हटा देना चाहिए इनके रहने से जंगल को है खतरा शासन इनको रक्षक बनाकर तैनात किया है लेकिन ये भक्षक का कार्य करते हैं ये पूरी जंगल के सूखा पेड़ कटवाकर बेचने का काम कर रहे हैं काटे हुए पेड़ के ठूठ को पुराना बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। शिकायत का किसी के ऊपर कोई असर नही होता हैं। नवागत वन मंडलाधिकारी अनूपपुर द्वारा जिला स्तर जांच टीम गठित किया गया है जिसमे शिकायतकर्ता की निगाहें टिकी हुई है जिससे भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध तत्काल दंडात्मक कार्यवाही होनी चाहिए।