सांसद हिमाद्री पर भाजपा ने जताया भरोसा बाकी नेता टिकट की दौड़ से हुए बाहर
*सांसद का सपना देखने वाले भाजपा के नेताओ को लगा जोर का झटका*
अनूपपुर
भाजपा ने सांसद हिमांद्री सिंह पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर 2024 लोकसभा के लिए मैदान में उतारा हैं। 37 वर्षीय हिमांद्री सिंह की शिक्षा बीए तक रहीं। राजनैतिक रूप में पिता दलबीर सिंह कांग्रेस से केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। वहीं माता राजेशनंदनी सिंह विधायक और सांसद रहीं। हिमांद्री सिंह कांग्रेस से भी सांसद का चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने भाजपा से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। जहां उन्हें जीत हासिल हुई थी। एक बार फिर पार्टी ने उन पर भरोसा जताया हैं। सांसद हिमाद्री का टिकट फाइनल होते ही कुछ ही समर्थकों के बीच उत्साह देखने को मिला कहीं खुशी, कहीं गम कर रहा माहौल। सांसद हिमाद्री सिंह तीसरी बार लोकसभा चुनाव के मैदान पर अपनी किस्मत आजमाएंगी। हिमाद्री भाजपा संगठन में महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं।
सांसद का सपना देखने वाले नेताओं को लगा झटका*
कई माह से शहड़ोल संसदीय सीट से भाजपा के कुछ नेता टिकट की दौड़ में अपनी जगह बनाए हुए थे। मगर शहड़ोल संसदीय सीट से हिमाद्री का नाम तय होते ही उन सभी नेताओं को जोर का झटका लगा है। जो नेता इस सीट से चुनाव लड़ने का सपना इसलिए देख रहे थे कि लोकसभा चुनाव में भी अभी हाल में हुए विधानसभा के नतीजों से साफ पता चल रहा है लोकसभा में भी मोदी फैक्टर चलने वाला है जिसे भी टिकट मिलेगी वह आसानी से जीत जाएगा। अन्य नेताओं को टिकट नही मिलने से अब 5 वर्ष तक तो उनका सांसद का सपना पूरा नही होने वाला है। उन नेताओं के चाहने को भी निराशा हाथ लगी है।
*कांग्रेस से भाजपा में हुई थी शामिल*
हिमाद्री सिंह लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही भाजपा में शामिल हुई थीं। इससे पहले वो कांग्रेस में थीं। भाजपा नेता नरेंद्र मरावी से शादी के बाद वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गई थी। सितंबर 2017 में हिमाद्री सिंह ने भाजपा नेता नरेंद्र मरावी से शादी की। मार्च 2019 में हिमाद्री सिंह भाजपा में शामिल हुई थी। 2019 में हुए चुनाव में हिमाद्रि सिंह ने लगभग साढ़े चार लाख वोट से चुनाव जीतकर रिकार्ड बनाया था। उन्होंने कांग्रेस की उम्मीदवार प्रमिला सिंह को चुनाव हराया था।
*सांसद के चुनाव में मिली थी हार*
हिमांद्री सिंह ने कांग्रेस से पहली बार राजनीति में कदम रखा था तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2016 में शहडोल लोकसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने हिमाद्री सिंह को प्रत्याशी बनाया था। 1 जून को सांसद दलपत सिंह परस्ते का ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो जाने के बाद से शहडोल सीट खाली हो गई थी, यह चुनाव हिमाद्री भाजपा के ज्ञान सिंह से हार गई थीं।