सूदखोर सटोरिया के घर पर कब चलेगा बुलडोजर, परिजनों ने माना आत्महत्या के जिम्मेदार सूदखोर और सटोरिया
*जवान बेटे की आत्महत्या से दुखी पिता डीसी सागर से भी लगा चुके हैं न्याय की गुहार*
अनूपपुर कोतमा
अनूपपुर जिले के कोतमा जन संवाद कार्यक्रम में पहुँचे शहड़ोल एडीजीपी डीसी सागर से राजू जायसवाल ने अपने भतीजे मृतक संकेत जायसवाल के सूदखोरी सहित ऑनलाइन गेम जैसे सायबर अपराध की गिरफ्त में फंसकर अवैध वसूली के कारण आत्महत्या पर कोई जांच व कार्यवाही न होने की शिकायत कर एडीजीपी के सामने फफक फफक कर राजू जायसवाल रो पड़े जिस पर डीसी सागर ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार सिंह व कोतमा थाना प्रभारी सुंदरेश मरावी को निष्पक्ष जांच कर उचित कार्यवाही का निर्देश दिए।
*क्या है मामला*
विदित होकि 13 फरवरी की देर रात तक संकेत जायसवाल पिता शिवकुमार जायसवाल निवासी वार्ड नम्बर 8 तहसील रोड कोतमा जो 13 फरवरी को दिनभर दोस्तों के साथ हंसी मजाक करता रहा और घर जाकर रात में कोई जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर लिया मृतक का मोबाइल देखने के बाद से जनचर्चा शुरू है कि सटोरियों एवं सूदखोरों द्वारा मृतक संकेत से लगातार पैसे की मांग कर प्रताड़ित किया जा रहा था लेकिन मृतक संकेत पैसा वापस करने में असमर्थ था इसलिए उसने ऐसा आत्मघाती कदम उठा लिया मृतक के परिजनों ने कोतमा पुलिस के पास नामजद शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि संकेत के आत्महत्या करने की वजह सूदखोर व सटोरिया ही है लिहाजा पुलिस को पूरे मामले की सुक्ष्म जांच शुरू कर कार्यवाही करने की जरूरत है।
*पुलिस को करना चाहिए निष्पक्ष जांच*
कोतमा निवासी संकेत जायसवाल उर्फ भोला के परिजनों ने नामजद शिकायत करते हुए यह बात कही है कि सूदखोरों व सटोरियों के प्रताड़ना से तंग आकर संकेत ने मौत को गले लगा लिया जिसकी निष्पक्ष व सूक्ष्म जांच की मांग करते हुए संकेत के परिजनों ने यह आरोप लगाए हैं कि सटोरियों व सूदखोर संकेत से 500 रुपये प्रति दिन ब्याज लेते थें। एक बार उसका मोबाइल फोन छीन लिया गया और तीन दिन का 1500 रुपये की मांग की गई तब संकेत ने 900 रुपये दिया था लेकिन उसका मोबाइल नहीं दिया गया यह बात उसने अपने मित्र से बताई जिसके बाद मित्रों द्वारा चंदा कर 600 रुपये देने के बाद उसका मोबाइल दिया गया जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोतमा क्षेत्र में किस तरह सटोरियों व सूदखोरों का खौफ है उन्होंने पुलिस को संकेत के मोबाइल फोन की चैट व कैश ट्रांजेक्शन सहित अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए कहा कि उनका पुत्र सटोरियों व सूदखोरों के जाल में बुरी तरह फंस गया था जिससे परेशान रहता था और उनकी प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर लिया।
*परिजनों ने की नामजद शिकायत*
पुलिस को सौंपे शिकायत में बताया गया है कि नगर का बदनाम सटोरिया हेमू जायसवाल मृतक संकेत के घर जाकर परिजनों से कहा कि संकेत कई लोगों का कर्ज चाहता था तो हेमू जायसवाल ने संकेत को 1 लाख 75 हजार रुपये दिया था। तब उसके परिजनों ने कहा था कि आप भी तो कर्ज से अधिक ब्याज ले चुके हैं फिर भी यदि समय रहते बताये होते तो हम पूरा पैसा चुका देते और आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। परिजनों ने तमाम साक्ष्य उपलब्ध करते हुए कहा कि उक्त सटोरिया के पास आय से अधिक संपत्ति है वार्ड नं० 07 में करोड़ों रुपये का घर है तो वार्ड नं 8 व 9 में भी मकान है जो करोड़ों रुपए की है तो पुलिस को जांच शुरू करने की जरूरत है कि इतनी अकूत सम्पत्ति हेमू जायसवाल के पास कहां से आई ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह के दिन न देखना पड़े।
*सायबर जुआ के गिरफ्त में युवा पीढ़ी*
कोतमा क्षेत्र में सूदखोरों व सटोरियों का जाल इस तरह फैला हुआ कि वे व्यापारियों के पुत्रों व भोले भाले लड़कों को सब्जबाग दिखा कर अपने जाल में फंसा लेते हैं और उनका आर्थिक शोषण करने हुए इतना मजबूर कर देते हैं कि उनका हाल संकेत जैसा होता है लिहाजा पुलिस को निष्पक्ष जांच शुरू कर कार्यवाही करनी चाहिए। मृतक संकेत के परिजनों ने नगर व क्षेत्र के कई कुख्यात सूदखोरों व सटोरियों के नामजद शिकायत करते हुए कहा कि नगर के अन्य कई परिवारों को भी इनका दंश झेलना पड़ा है। यदि इस पर जांच कर कार्यवाही नहीं की गई तो और भी लोग संकेत के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर कर दिए जायेंगे। विगत दिनों मध्यप्रदेश राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल मृतक के परिजनों से मिलकर शोक व्यक्त कर पुलिस को पूरे मामले की जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद परिजनों ने नामजद आरोप लगाते हुए पुलिस के पास शिकायत की है और मृतक के मोबाइल फोन पर किये गए चैट व कैश ट्रांजेक्शन सहित तमाम दस्तावेज पेश किया है इसके बाद भी यदि इस रहस्य से पर्दा उठाने का काम नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में इस तरह के और भी मामले सामने आ सकते हैं। वही रविवार 10 मार्च को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने मृतक संकेत जायसवाल के परिजनों से मिले व परिवार को ढांढस बधाये मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने यह बात कही की यदि पुलिस निष्पक्ष जांच व कार्यवाही नही करती तो मैँ छतीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णु देव शायद जी के मॉध्यम से मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री मोहन यादव से उक्त मामले की निष्पक्ष जांच व कार्यवाही की मांग करूंगा।
*सूदखोरी के खिलाफ चला था अभियान*
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने अभियान चला कर सूदखोरों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही शुरू की थी तब तमाम सफेदपोश लोग जेल की यात्रा पर रहे हैं लेकिन उनके ट्रांसफर होते ही सूदखोर फिर बिलों से निकल कर अपना करतब दिखा रहे हैं इसी तरह कोतमा क्षेत्र में ऑनलाइन सट्टा पूरे शबाब पर है आने वाले दिनों में आईपीएल शुरू होना है जो कोतमा में सटोरियों के लिए त्योहार माना जाता है बड़ी संख्या में यहां युवा इनके चंगुल में फंसते हैं और सटोरिये बड़ी रकम कमाते हैं सटोरियों के पास बेशुमार दौलत है तो सट्टा के जाल में फंसे युवाओं के पास संकेत के मार्ग पर चलने की मजबूरी है। कोतमा नगर का एक युवक मौत का रास्ता खुद चुना है तो सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या है कि उसने मौत को गले लगा लिया अनूपपुर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पवार को मृतक के फोन डिटेल व अन्य स्रोतों से इस घटना के तह तक जाकर मामले का खुलासा करना चाहिए ताकि आगे कोई संकेत आत्महत्या करने को मजबूर न हो। और पुलिस के प्रति ऐसे लोगों में खौफ पैदा हो जो राजनीतिक संरक्षण में इस तरह के अवैध धंधे कर धन लाभ प्राप्त कर रहे हैं और युवाओं को मौत के मुंह में झोंक रहे हैं कोतमा में सूदखोर व सटोरिया बेशुमार दौलत के मालिक बन रहे हैं वही चंगुल में फंसे युवा मौत को गले लगा रहे हैं पुलिस को मृतक के परिजनों द्वारा किए गए शिकायत की निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।