कलेक्टर के निर्देश के बावजूद अब तक नहीं हुआ जिला चिकित्सालय का कार्य
*14 फरवरी तक केसरी करना था पूर्ण, ठेकेदार की बड़ी लापरवाही*
अनूपपुर
जिला मुख्यालय में वर्तमान में 100 बिस्तर के जिला चिकित्सालय में मरीज का उपचार कार्य किया जा रहा है, जहां जगह की कमी होने के कारण आए दिन मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुराने जिला चिकित्सालय भवन में जगह की कमी को देखते हुए चिकित्सालय परिसर में ही नए भवन का निर्माण कार्य बीते लगभग 3 वर्षों से जारी है, लेकिन आज तक इसका निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है।
नए जिला चिकित्सालय भवन में ठेकेदार की लापरवाही के कारण निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। लोक निर्माण विभाग भवन के अधिकारियों के द्वारा भी ठेकेदार को समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण किए जाने को लेकर ना तो निर्देशित किया जा रहा है और ना ही कोई कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान समय में चिकित्सालय भवन में विद्युत फिटिंग का कार्य अभी तक शुरू भी नहीं किया गया है इसके साथ ही लिफ्ट का काम अभी अधूरा है साथ ही खिड़की तथा रोशनदान अभी तक नहीं लगाए गए हैं। इसके साथ ही पहले तथा दूसरे फ्लोर पर रूफ का काम अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है।
*14 तक कार्य पूर्ण करने कलेक्टर ने दिए थे निर्देश*
7 फरवरी को कलेक्टर आशीष वशिष्ठ एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यालय अधिकारी तन्मय वशिष्ठ शर्मा के द्वारा नए जिला चिकित्सालय भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए कार्य की धीमी गति पर असंतोष व्यक्त किया गया था, इसके साथ ही 7 दिनों के भीतर 14 फरवरी तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी विभाग तथा ठेकेदार के द्वारा कलेक्टर के निर्देश के बावजूद कार्य की रफ्तार नहीं बढ़ाई गई।
*परेशानियों के बीच हो रहा है मरीजों का इलाज*
वर्तमान समय में पुराने जिला चिकित्सालय में 100 बिस्तर का चिकित्सालय संचालित हो रहा है, जबकि नए जिला चिकित्सालय भवन में 200 बिस्तर के चिकित्सालय का निर्माण जारी है। वर्तमान में पुराने जिला चिकित्सालय भवन में जगह की कमी के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है जगह न होने पर उन्हें टीन शेड से बने हुए कमरे में इलाज किया जा रहा है। स्थानीय नगर वासियों के द्वारा इस मामले में कलेक्टर से ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए चिकित्सालय के निर्माण की रफ्तार बढ़ाए जाने की मांग की गई है।