पंचायत में सरकारी रुपयों से ढोलक, डफली व रेत सप्लाई के नाम पर फर्जी बिलों का हुआ भुगतान
अनुपपुर/जैतहरी
पंचायत राज अधिनियम जनता की सुविधाओं मद्देनजर रख कर बनाया गया था और इसके पीछे का उद्देश्य था कि ग्रामीण अंचलों को हर वो सुविधा मुहैया हो सके जो आम आदमी के जीवन में रोजमर्रा की समस्याओं का हल बन सके, पर भ्रष्टाचार पंचायत की सबसे बड़ी समस्या है सेंदुरी पंचायत कि सचिव रश्मि मिश्रा ने सरकारी पैसे से बड़ी ढोलक, मझिरा, डफली के साथ साथ रामचरित मानस खरीदी इसकी उपयोगिता पंचायत में क्या है समझ के परे है तो दूसरी तरफ जिम्मेदार ने बाकायदा इस बिल का भुगतान कर दिया दुर्भाग्य जनक है।
रेत सप्लाई के नाम पर फर्जी भुगतान
सेदुरी सचिव रश्मि मिश्रा ने रेत खरीदी के नाम पर छूल्हा स्टेशन के समाने चाय की दूकान चलाने वाले तीरथ प्रसाद राठौर को फर्जी बिलों के माध्यम से भुगतान कर दिया गया और बिल में जो राशि का भुगतान किया गया वो अपने आप में ये साबित करता है कि यह फर्जी बिल है चुकीं भुगतान प्राप्त करता ने आठ ट्रिप रेत का तीन हजार रूपये की दर से 24000 हजार का बिल दिया उस बिल में पंचायत ने उन्नीस हजार रूपये कि राशि का भुगतान किया अब आप सोचिए कि अगर ये बिल सही होता और रेत एक नंबर कि होती तो बाकायदा रॉयल्टी कटी होती और जब कोईरॉयल्टी से रेत लाता तो भला उसके बिल में पांच हजार रूपये कि राशि की कटौती बताती है की न तो ये रेत गिराई गई और न ही इस रेत का उपयोग पंचायत के किसी कार्य में किया गया बहरहाल इस पूरे मामले में हमने भुगतान प्राप्त कर्ता से बात कि तो उनका कहना था कि रेत की रॉयल्टी पंचायत के पास होगी सेदुरी पंचायत में ऐसे कई भुगतान है जो फर्जी बिलों के माध्यम से किए गाए पर जिम्मेदार है की इस ओर देखना भी लाजमी नहीं समझते।
इस पूरे मामले में हमने पंचायत सचिव रश्मि मिश्रा से बात की तो उनका कहना था रॉयल्टी भुगतान प्राप्त करता के पास होगी और भुगतान प्राप्त करता ने साफ कहा की आप रियलिटी की जानकारी पंचायत आए प्राप्त करे तो वही रामचरित मानस एवं अन्य सामग्री के बारे में उन्होंने कहा कि यह दूसरे मद का पैसा आया था दोनो को एडजेस्ट किया है तो क्या पंचायत सचिव सारे नियम कानून को दरकिनार कर अपने हिसाब से पंचायती राज चलाएंगे अपने आप में सवालिया निशान खड़े करता है।