धान की धांधली, पूर्व मंत्री के परिवार के लिए पयारी उपार्जन केंद्र में बने अलग नियम

धान की धांधली, पूर्व मंत्री के परिवार के लिए पयारी उपार्जन केंद्र में बने अलग नियम

*मंत्री के घर से वेयरहाउस के गोदाम में पहुंच रही धान,नहीं होती धान की जांच और तौल*


अनूपपुर

अनूपपुर जिले में सामान्य किसान और पूर्व मंत्री के परिवार के लिए धान खरीदी के उपार्जन केंद्र में अलग से नियम बनाए गए हैं। जहां किसानों को नियम के पालन करने के लिए धान उपार्जन केंद्र में काफी कड़े नियमो से होके गुजरना पड़ता है वही पूर्व मंत्री के परिवार जनों के लिए नियम और कानून बदल दिए जाते है। जिले के पयारी में धान उपजन केंद्र में धान खरीदी के नियमो की धज्जियां  उड़ाई जा रही है। जंहा किसानो को उपार्जन केंद्र में आने के बाद टोकन पर्ची, के बाद वारदाना दिया जाता है वही मंत्री के घर में बोरियों को देकर धान मंगवाई जा रही है। बुधवार को शाम 4 बजे पयारी धान केंद्र में एक ट्रैक्टर से उपार्जन केंद्र स्थित गोदाम में धान से भारी बोरियों को रखा जा रहा था, अनिमितता की शिकायत पर ट्रैक्टर से उतारे जाने वाले धान पर जब्ती की कार्रवाई की गई है। वही धन उपार्जन केंद्र में 2212 बोरी धान का अंतर पाया गया है। गोदाम देख रहे प्रभारी और ट्रैक्टर के मजदूरों द्वारा बताया गया कि पूर्व मंत्री के घर से यह धान सीधे लाकर गोदाम में रखी जा रही है जो कि धान उपार्जन खरीदी नियमों के विपरीत है। 

*मंत्री और किसानों के लिए अलग-अलग नियम*

सामान्य किसानों को धन उपार्जन केंद्र में धान खरीदी के कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है। जैसे की धान को उपार्जन केंद्र में लाने से पूर्व स्लाट बुक करना, उसके बाद धान उपार्जन केंद्र में लाकर बोरियों से झाला कर उपार्जन केंद्र से मिलने वाली जूट की बोरियों में भरा जाता है, इसके बाद सर्वेयर द्वारा धान की जांच कर धान की गुणवत्ता के आधार पर धन को वेरीफाई किया जाता है। इसके बाद उपार्जन केंद्र प्रभारी या प्रबंधन द्वारा धान को भरने के लिए वारदाना या बोरी प्रदान किया जाता है। इसके साथ अन्य कई नियमों और प्रक्रिया पूरी करने के बाद किसान धान बेच पाता है लेकिन पयारी केंद्र में पूर्व मंत्री के परिवार जनों के लिए यह नियम और कानून सिर्फ दिखावा है। नीले रंग की ट्रैक्टर में धान केंद्र के गोदाम में सीधी जमा की जा रही थी , जिसका विरोध करने पर कार्यवाही की गई है। वही ट्रैक्टर कार्यवाही के पहले ही अधिकारी के सामने उपार्जन केंद्र से ड्राइवर द्वारा लेकर भाग गया है। वही उपार्जन केंद्र में बिना सर्वेयर की उपस्थिति में धान की खरीदी की गई और धान बिना जांच के ही गोदाम में रख दी गई है। 

*कार्यवाही में लीपा पोती कर सच्चाई छुपाने का प्रयास*

धान उपार्जन केंद्र के नियम अनुसार केंद्र में ही बोरियां दी जाती हैं और बारदाना में भरने के पूर्व धान की जांच और उसका वजन तोला जाता है, धान में नमी की जांच करवाई जाती है, लेकिन पूर्व मंत्री अनूपपुर के लिए धान उपार्जन केंद्र के नियम बिल्कुल विपरीत है। पूर्व मंत्री के आंगन से धान की बोरियों को उठाकर धर्म कांटा में तौल कर डायरेक्ट उपार्जन केंद्र के गोदाम में रखा जा रहा है। जो कि नियमों के विपरीत है। वहीं विभाग उक्त मामले में पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है जहां पंचनामा में पूर्व मंत्री के पुत्रों का नाम का जिक्र न कर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। धान की कालाबाजारी की जानकारी मिलने पर कार्यवाही करने आए अधिकारियों द्वारा पंचनामा में उक्त मामलों का जिक्र नहीं किया गया है। इसके साथ किस किसन का धान उपार्जन केंद्र ट्रैक्टर से लाया गया इसका जिक्र नहीं किया गया है। वही बिना किसान की उपस्थिति के गोदाम में धान रखवाई गई है।

*पूर्व मंत्री के लिए बदले गए उपार्जन के नियम*

धान उपार्जन समिति पयारी के  प्रबंधक और उनके कर्मचारियों अधिकारियों के मिली भगत से ट्रैक्टर में बिना  धान उपार्जन के नियमों के पालन किए बगैर ही धान डायरेक्ट उपार्जन केंद्र में जमा कराया जा रहा था जबकि नियम के अनुसार किसान रजिस्ट्रेशन का स्टॉल बुक करने के बाद किसान उपार्जन केंद्र में वरदाना लिया जाता है वही गाड़ी इंटर करने से पहले गेट पास और टोकन पर्ची भी दी जाती है लेकिन यह नियम मंत्रियों के लिए पयारी धान उपार्जन केंद्र में लागू नहीं हुए, वहीं इसके बाद किसानों को घंटों इंतजार करने के बाद बोरियां दी जाती हैं और धान को झाला कराया जाता है किंतु पूर्व मंत्री की धान होने के कारण उनके घर से धान आने पर ना तो उनके धान का झाला किया गया और ना ही धान की नमी की जांच की गई, वहीं अवैध तरीके से धान लाने वाले ट्रैक्टर को भी धान उपार्जन केंद्र से धान अनलोड करने के बाद भगा दिया गया, और पंचनामे में उक्त मामले का जिक्र भी नहीं किया गया। 

*नियमों की विपरीत चल रही धान खरीदी*

अनूपपुर कलेक्टर ने भले ही कड़ाई से धान उपार्जन केंद्रों को नियमों का पालन करने का आदेश दिया लेकिन कलेक्टर के आदेश पर उपार्जन केंद्र अमल नहीं कर पा रहे हैं। अपने पूर्व मंत्री के मोह के लालच में उपजन केंद्र के द्वारा लगातार अनिमितता की जा रही हैं, और मंत्रियों के धान को बिना जांच के और नियम विपरीत खरीदा जा रहा है। वहीं वर्तमान स्थिति में जांच में पाया गया की 2212 बोरी की धान का अंतर खरीदी केंद्र में आया है जिसकी जांच की जा रही है। वहीं धान खरीदी केंद्र से सर्वेयर दिनभर गायब रहे, बिना सर्वेयर के ही केंद्र धान खरीदी कर रहे हैं, जिससे प्रशासन को बड़ी हानि खेलने पड़ सकती है।

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