मैकल पार्क में करोड़ों रुपए खर्च पशुओं का बना चारागाह सुबह लोटा लेकर बैठते है लोग

मैकल पार्क में करोड़ों रुपए खर्च पशुओं का बना चारागाह सुबह लोटा लेकर बैठते है लोग


अनूपपुर/अमरकंटक

अमरकंटक के मैकल पार्क में आए दिन प्रातःकाल दूर दराज से पधारे यात्री व अन्य लोग सुनसान एकांत जगह समझ कर सुबह सुबह लोटा लेकर निवृत्त होने के लिए मैकल पार्क में चले जाते है साथ ही मवेशी भी अंदर पार्क में खूब आनंद लेते नजर आ आते हैं।

मैकल पार्क का दरवाजा खुला होने के कारण तथा कोई चौकीदार भी न होने के कारण विरान पड़ा है। यह क्षेत्र पशुओं का चारागाह बन गया है । पार्क के अंदर करोड़ों रुपए की धनराशि की लागत से ज्यादा शासन प्रशासन का पैसा लगाकर पार्क का सौंदर्यीकरण किया गया है । आगे भी सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण , बाउंड्रीवाल के नाम पर कई लाख रुपए लगाया जाना बाकी है । पार्क के अंदर स्मार्ट सिटी अंतर्गत योग सेट भी लाखो रुपए खर्च कर बनाया गया है जहा दिन रात गाय , कुत्ते आदि जानवर अपना आशियाना बनाए हुए है । पार्क के अंदर एक रेस्टोरेंट भी अलग से 18-20 लाख का खर्च कर बनाया गया है , वहाँ का भी नजारा नरक स्थल से कम नहीं। रेस्टोरेंट स्थल पर लगे सीसे सब चकनाचूर है । दरवाजे टूटे हुए और अंदर की गंदगी को देखा नही जा सकता है । मैकल पार्क में नन्हे बच्चों के खेलने , झूला आदि लगभग सब टूटे फूटे स्थिति में खड़े है । देखने से ऐसा प्रतीत होता है की इस पार्क का देखभाल रखने वाले शायद नर्मदा परिक्रमा में जा चुके है । निकाय निधि से भी काफी खर्च इस पार्क में किया जा चुका है । वहाँ आए दिन लाईटिंग , मरम्मत , सफाई , लेबर , व्यवस्था आदि के नाम पर खर्चा होता ही रहता है । 

इस पार्क में अनेक निधि की योजनाओं के तहत कई टेंडरों के माध्यम से कार्य कराया गया । नगर परिषद ने भी खूब धनराशि खर्च कर स्मार्ट पार्क बनाने की सपना देख रही है पर वो पार्क लोटा लेकर जाने वालो के हिसाब से रह गया है । अमृत 2.0 योजना के तहत सतपुड़ा एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड ने भी अपना परिश्रम कर यहां की मनोदशा खूब सुधारी और कुछ रौनक भी बनाई , पर आज सब भुलाकर यह कहा जाए की मैकल पार्क की स्थिति वर्तमान में देखी नही जाती । आधे में बाउंड्री है आधे में तार जाली लगी है फिर भी मैकल पार्क बेसहारा पड़ा नजर आ रहा है । इसीलिए यहां पर कवाड़ पड़ा स्थान में लोग प्रातः काल लोटा लेकर निवृत्त होने के लिए पहुंच जाते है। वहाँ पर जो व्यक्ति प्रातः काल लोटा लेकर जाता है तो उसका कोई दोष नही  और उन पशुओं का भी कोई दोष नही जो बिना परमिशन के अंदर जाकर उधम कदमी करते है । करोड़ों रुपए खर्च कर पार्क का सौंदर्यीकरण किया गया था आज वह पशुओं का चारागाह हो गया।  करोड़ों खर्च कर महंगी लाईटिंग , मिट्टी फाइलिंग , पेवर्स , महंगे वृक्ष  आदि लगवाकर खूब सजाया गया था । परिषद को इससे आवक भी अच्छी थी । शादी ब्याह में पार्क बुकिंग भी होता था । लोग पार्क देखने भी जाया करते थे। बच्चो के लिए झूला , फिसल पट्टी , गोल चकरी आदि मनोरंजन हेतु महंगी सामान लगे थे पर आज सब कवाड़ हो गए । नगर परिषद पूर्व सीएमओ, इंजीनियर और वर्तमान के अधिकारी , इंजीनियर खूब खर्च कर मैकल पार्क को सजाया पर अब हाल सही नही है। स्थानीय लोग जो भी वहां की दयनीय स्थिति को देखकर नगर परिषद को कोसते हैं। 

*इनका कहना है*

जल्द ही मैकल पार्क की ब्राउंड्रीवाल, सौदारीकरण, वृक्षा रोपण का कार्य जल्द प्रारंभ होगा, टेंडर भी लगाए गए है। वहाँ की दयनीय स्थिति का सुधार किया जाएगा।

*चैन सिंह परस्ते सीएमओ नगर परिषद अमरकंटक*

 मैकल पार्क की स्थिति काफी खराब चल रही है , इस बात को परिषद मीटिंग में चर्चा उठाया जाएगा ।

*शक्ति शरण पांडेय सभापति नगर परिषद अमरकंटक*

मैकल पार्क को कवाड़ कर दिया है । पार्क में करोड़ों रुपए खर्च किया गया है । इसकी सही जांच होनी चाहिए जो आज की स्थिति निर्मित हुई है ।

*पूर्व पार्षद श्यामलाल सेन नगर परिषद अमरकंटक

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