निकाय कर्मचारियो के लिये भविष्य निधि योजना हो रहा दिखावा साबित जिम्मेदार मौन क्यूँ?

निकाय कर्मचारियो के लिये भविष्य निधि योजना हो रहा दिखावा साबित जिम्मेदार मौन क्यूँ?


अनूपपुर

नगरीय निकायो में कार्यरत कर्मचारियों के आगे जिस बेहतर भविष्य को मद्देनजर रख मस्टर व दैनिक कर्मचारियों के लिये ईपीएफ कटौती का प्नावधान शासन द्वारा आदेशित कर कराया गया ताकि जरूरत पड़ने पर सभी निकायो में कार्यरत कर्मचारी जन कटौती किये ईपीएफ यानि अपने भविष्य निधि का विशेष कार्य एवं आगे जब स्वत: शारीरिक रुप से कोई कार्य कर पाने में असहाय हो जाय, उस वक्त कटौती हुये जमा भविष्य निधि के सहारे अपना जीवन सही ढंग से जी सके꫰ देखा जाय तो शासन की यह योजना नगरीय निकायो में कार्यरत इस तरह के कर्मचारियों किन्तु प्नतीत होता है जैसे शासन के इस तरह के विचारधारा से अनूपपुर जिले के किसी भी निकाय में बैठे जिम्मेदार प्नशासनिक अधिकारी को ऐसे महत्त्वपूर्ण शासकीय योजना जिससे निकाय में कार्यरत कर्मचारी जन लाभान्वित होने पाये इस दिशा में जिले के किसी भी निकायो में ना ही कोई प्नशासनिक अधिकारी और ना ही कोई नगरीय निकाय में गरिमामयी पदो पर चुनाव जीत बने अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं पार्षदो द्वारा इस गंभीर मुद्दों को लेकर ध्यान दिया जाता है꫰ 

*आस लगाये बैठे निकाय कर्मचारी अपने ईपीएफ राशि की कटौती के लिये आखिर कब ध्यान देंगे विभागीय अधिकारी*

जबकि वहीं मस्टर एवं दैनिक कर्मचारियों की माने तो निकायो द्वारा कई कर्मचारियों के ईपीएफ खाते तक भविष्य निधि की राशि कटौती कर पहुँचती ही नहीं और तो और कई निकायो में कर्मचारियों की भर्ती किये हुये कुछ वर्ष भी बीत गये परन्तु बेचारे कर्मचारियों के भविष्य निधि के खातों तक कटौती कर ईपीएफ राशि को जमा करने की शुरुआत तक नहीं की गई है꫰ साथ ही कई कर्मचारियों के ईपीएफ खाते से दूसरे व्यक्ति के नम्बर को भी लिंक कर रखा गया है꫰ जिससे कुछ कर्मचारियों को ईपीएफ राशि निकालते वक्त परेशानियों का सामना करना पड़ता है बावजूद इसके जिम्मेदारो को परवाह नहीं꫰ आखिर ऐसा भोले भाले कर्मचारियों के साथ क्यों!  वहीं शासन के नियमावली अनुसार देखा जाय तो चाहे वह ठेकेदार हो या प्नशासनिक विभाग या फिर कोई कंपनी जो भी अपने यहाँ मजदूर रखता है उसे उस मजदूर का ब्यौरा ईपीएफ विभाग को देते हुये ईपीएफ राशि की वेतन से कटौती कर भेजी जाती है꫰ लेकिन जिला अनूपपुर के अंतर्गत आने वाले नगरीय निकायो में कर्मचारियों की भर्ती तो है लेकिन वही निकायो में कार्यरत कई कर्मचारी जन अब भी अपने ईपीएफ कटौती के आस में हैं, परन्तु बावजूद इसके जिम्मेदार निकायो के अधिकारी जनो की नजर इस ओर बिल्कुल भी दिखाई देते समझ नहीं आता।

*जिम्मेदार विभागीय अधिकारी रहते निकाय कर्मचारी वर्ग शासन की योजना से वंछित*

ना जाने क्यों अधिकारी सब जानबूझकर भी कर्मचारियों के भविष्य निधि की ओर अपना ध्यान क्यूँ नहीं देते꫰ और अगर गौरतलब किया जाय तो इस तरह का होते रहना निकाय अधिकारियों द्वारा कार्यरत कर्मचारियों का खुला शोषण किया जाना जैसा भी लगता है꫰ साथ ही ऐसा होना शासन के नियमो की अवहेलना किया जाना जैसा है꫰ जिम्मेदार विभागीय अधिकारी जनो को चाहिए कि निकाय में कार्यरत ऐसे कर्मचारी वर्ग जिन्हें शासन की ऐसे विशेष योजना से वंछित रखा जा रहा, उसकी समीक्षा करें और उन्हें लाभान्वित करने शासन की इस विशेष योजना से जोड़ते हुए जिले के सभी निकायो के मस्टर एवं दैनिक कर्मचारी जनो की इस अहम मुद्दे का निपटान कराना जाना चाहिए ताकि ऐसे कर्मचारी वर्ग में भी शासन के प्नति विश्वास बन पाये꫰ किन्तु क्या शासन द्वारा अनूपपुर जिले के सभी निकायो में कार्यरत कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते की जांच किये जाने की पहल करने की कोशिश होगी या कर्मचारियों को मौजूदा सरकार शोषित होने देते रहेगी꫰

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