सोई हुई सरकार को जगाने महिला कर्मचारी उतरे मैदान में कैबिनेट मंत्री को सौंपा ज्ञापन

सोई हुई सरकार को जगाने महिला कर्मचारी उतरे मैदान में कैबिनेट मंत्री को सौंपा ज्ञापन


अनूपपुर

मध्य प्रदेश सरकार की कार्यशैली से परेशान और अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए पिछले 15 मार्च 2023 से महिला बाल विकास विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारी तालाबंदी हड़ताल अनिश्चित काल के लिए करते हुए मध्यप्रदेश की सोई हुई सरकार को जगाने का कार्य कर रहे हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कर्मचारियों का शोषण किए जाने का आरोप कर्मचारियों के द्वारा लगाया जा रहा है। कई दिनों से चली आ रही हड़ताल के कारण सरकार का सिस्टम जमीनी स्तर पर हिल चुका है भले ही मुख्यमंत्री अभी तक कुंभकर्णी निद्रा में सोए हुए हैं। महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका सभी लामबंद होकर विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं । 27 मार्च 2023 को लगभग 2000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका,सुपरवाइजर, अधिकारी सभी कर्मचारियों ने रेलवे अंडर ब्रिज स्थित बस स्टैंड से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकालते हुए सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की और अपनी आवाज को बुलंद किया। कर्मचारियों द्वारा अनूपपुर जिला मुख्यालय में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह एवं भाजपा जिला अध्यक्ष रामदास पुरी, अनूपपुर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए मुख्यमंत्री के संज्ञान में बात लाने की बात रखी। संयुक्त मोर्चा आई सी डी एस परियोजना अधिकारी संघ प्रवेशक संघ एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ मध्य प्रदेश के बैनर तले चल रहे आंदोलन में प्रमुख रूप से परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों की वेतन विसंगति एवं पदोन्नति संबंधी मांग पिछले 35 वर्षों से शासन स्तर पर लंबित है जिसका विभाग द्वारा कोई निराकरण नहीं किया गया है परियोजना अधिकारियों की जो मांगे हैं उनमें ग्रेड पे 3600 से बढ़ाकर 4800 सौ रुपए किया जाए।  पर्यवेक्षकों के वेतन विसंगति को दूर कर 2400  से बढ़ाकर 3600 करना, वर्तमान में देश के अन्य राज्यों में सबसे कम एवं विकास खंड स्तरीय समकक्ष अधिकारियों में सबसे कम ग्रेड पे परियोजना अधिकारियों का है संविदा पर्यवेक्षकओं की नियुक्ति नियमित की जाए,  संविदा पर्यवेक्षक को  संविदा नियुक्ति दिनांक से ही नियमित वेतनमान एवं अन्य लाभ नियमित पर्यवेक्षकओं  की भांति प्रदान की जाए तथा अन्य मांगों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की प्रमुख मांगे भारत सरकार से समन्वय कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायकों को नियमित किया जाए एवं उन्हें न्यूनतम वेतनमान दिया जाए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सेवानिवृत्त होने पर, पद पर कार्यरत होने के उपरांत प्रोत्साहन राशि ग्रेच्युटी फंड का लाभ दिया जाए जैसे 15 सूत्री विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकालीन तालाबंदी हड़ताल किया जा रहा है लंबे समय से चली आ रही महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मांग सरकार यदि समय रहते पूरा नहीं करती है तो सरकार का सिस्टम धराशाही हो सकता है क्योंकि सरकार का सबसे अभिन्न अंग महिला बाल विकास विभाग ही है जिनके दम पर सरकार जमीनी स्तर पर अपने कार्यों को अमलीजामा पहनाती है और यदि वही सिस्टम कुछ दिनों के लिए भी  ध्वस्त  होता है तो इसका सीधा सीधा असर सरकार के सिस्टम पर पड़ेगा। आने वाले समय में सरकार की लाडली बहना योजना सामने  मुंह बाये खड़ी है और एक बहना के चक्कर में हजारों बहने भटक रही हैं और वहीं दूसरी तरफ महिला बाल विकास विभाग की माताएं बहने सरकार के खिलाफ तलवार लिए खड़ी हैं ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री की कुर्सी डोलने में देर नहीं लगेगी।

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