नियमों को ताक में रख आदिवासियों की जमीन का हो रहा फर्जी नामांतरण, कलेक्टर के नाम सौपा ज्ञापन

नियमों को ताक में रख आदिवासियों की जमीन का हो रहा फर्जी नामांतरण, कलेक्टर के नाम सौपा ज्ञापन


अनूपपुर

अनूपपुर जिले के कोतमा मैं नेशनल हाईवे 43 बनाने से कोतमा के आसपास के क्षेत्र में जमीन दलालों की बाढ़ सी आ गई है गरीब आदिवासियों की जमीन औने पौने दामों में लेकर दलालों द्वारा फर्जी तरीके से कूट रचना कर नामांतरण का खेल तहसील कार्यालय के बाबू की मिलीभगत से जोरों पर चल रहा है। जिसकी पूर्व में भी शिकायत की जा चुकी है। 

 3 नवंबर को तहसील कार्यालय कोतमा के लिपिक धारिया बाबू के खिलाफ स्थानीय आदिवासी समाज एवं भरिया समाज के लोगों द्वारा जिला कलेक्टर अनूपपुर को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने के बाद रामेश्वर प्रसाद भरिया पिता स्वर्गीय राम कुमार भरिया वार्ड क्रमांक 7 बनिया टोला निवासी  द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा महाजन भरीया से उनकी पुश्तैनी जमीन खरीदी गई जिसके नामांतरण के लिए 6 फरवरी 2020 को तहसीलदार महोदय कोतमा द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम का पालन नाचते हुए प्रकरण का निराकरण समय पर नहीं किया गया। बल्कि कोतमा में अवैध प्लाटिंग करने वाले भू माफियाओं द्वारा कूट रचना कर इस नामांतरण में आपत्ति दर्ज करा दी गई। फर्जी दस्तावेज तैयार कर जबरन आपत्ति प्रस्तुत करने वाले राजस्व विभाग के ही कर्मचारी रहे और अपने विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को अपने प्रभाव में लेकर सरासर गलत एवम् फर्जी आदेश दिनांक 29 /8/ 2022 को करवा लिए। आगे रामेश्वर भरिया पिता स्वर्गीय राम कुमार भरिया द्वारा बताया गया कि यह प्रकरण 2 फरवरी 2022 को आपत्ति करता के पक्षीय हो चुका है प्रकरण में आपत्ति करता द्वारा अपने विरुद्ध एक पक्षी आदेश निरस्त किए जाने हेतु कभी आवेदन नहीं किया गया है आपत्ति का तक एक पक्षी हो जाने से आपत्ति करता का प्रकरण से पक्ष स्वयं ही समाप्त हो जाता है ऐसी स्थिति में तहसील न्यायालय द्वारा उक्त आदेश स्वयं ही समाप्त हो जाता है।

साथ में रामेश्वर भरिया ने दस्तावेजों के आधार पर आरोप लगाते हुए बताया कि कोतमा तहसील में पदस्थ धारिया बाबू एवं आपत्ति करता की सांठगांठ से पूरे प्रकरण में न्यायालय को भ्रमित करने का प्रयास किया गया उन्होंने बताया कि 12:/8 /2022 को न्यायालय द्वारा पेशी दी गई किंतु 12 अगस्त 2022 को पर्सन नगर पालिका चुनाव प्रभाव सील होने के कारण फाइल नहीं निकला अगले दिवस में आवेदक से अधिवक्ता के उपस्थित होने पर दिनांक 6 अक्टूबर 2022 की पेशी बाबू द्वारा दिया गया जब दिनांक 6 अक्टूबर 2022 को आवेदक न्यायालय पहुंचा तो उक्त दिनांक को बाबू द्वारा फाइल नहीं मिल रहा है यह बहाना कर उनके बीच में ही दिनांक 23 सितंबर 2022 पेशी अपने से लगाकर दिनांक 26 सितंबर 2022 की अगली पेशी फर्जी रूप से लगाकर प्रकरण में एक पक्षीय आपत्ति करता को प्रभाव में लेकर बीच में ही धोखाधड़ी पूर्वक दिनांक 29 सितंबर 2022 को आदेश कर दिया गया है। उक्त आदेश पूर्णता शंका के घेरे में है । कलेक्टर महोदय अनूपपुर को ज्ञापन प्रस्तुत कर उक्त प्रकरण की  सूक्ष्म जांच कर सत्यता को सामने लाया जाए की मांग की गई।

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