कॉलरी प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों एवं उनके नौनिहाल बच्चों के भविष्य के साथ कर रहे खिलवाड़
अनूपपुर
भारत सरकार द्वारा बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए नए-नए योजना लाई जाती है। 3 साल की उम्र के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केंद्र खोलकर उनके खेलने पढ़ने एवं खाने की व्यवस्था की जाती है वही 6 साल के बाद बच्चों को पढ़ने के लिए सभी प्रकार के विद्यालयों में आरटीई के तहत (शिक्षा के अधिकार) योजना के अंतर्गत बच्चों को किसी भी विद्यालय में कुल क्षमता पर 25 प्रतिशत निशुल्क रूप से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार दिया गया है।
*प्रबंधन कर्मचारियों से कर रहा सौतेला व्यवहार
जमुना कोतमा क्षेत्र मैं कालरी कर्मचारियों के बच्चों के लिए जब से कॉलरी स्थापित की गई है तब से लेकर अभी तक स्कूली बच्चों के आवागमन के लिए गोविंदा ,भालूमाडा, जमुना कॉलरी से बस चलाई जाती थी जिससे बच्चे अपने निवास स्थान से विद्यालयों तक पढ़ने के लिए पहुंच सके किंतु वर्तमान कॉलरी प्रबंधक का ननिहाल बच्चों के प्रति गलत सोच के कारण अभी तक स्कूली बस नहीं चलाई जा सकी जिसके कारण बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है।
*बस की मांग करने पर दे दी जाती है पेशी*
कालरि कर्मचारियों द्वारा तीनों शिफ्ट में ड्यूटी करने के बाद बच्चों को स्कूल पहुंचाने एवं स्कूल से वापस घर लाने के बीच में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है बस की मांग करने पर सक्षम अधिकारियों द्वारा जल्द ही चलाने का आश्वासन देकर अप्रैल से नवंबर तक का समय पूरा होने जा रहा है किंतु अभी तक पेशी पर पेशी ही दिए जा रहे हैं जबकि प्रबंधन द्वारा किसी भी तरह से बस चलाने के मनसा स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा है।
*इनका कहना है*
हमारे द्वारा टेंडर ओपन कर दिया गया है अगर बस चलाने वाली कंपनी जल्द बस नहीं लाती तो इसका टेंडर समाप्त कर दिया जाएगा।
*एन पी सिंह एस ओ (ई&एम)जमुना कोतमा क्षेत्र*
